Hemlata Choudhary : जिस बहन का बाल विवाह किया वो अब SI बनीं तो भाइयों ने कंधे पर बैठाकर पूरे गांव में घुमाया
बाड़मेर की हेमलता चौधरी के राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक की सक्सेस स्टोरी
Hemlata Choudhary Sub Inspector Barmer Rajasthan : मिलिए इनसे ये हैं हेमलता चौधरी उर्फ हेमाकक्षी। भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर बाड़मेर जिले के गांव सरणू चिमनजी की छोटी सी ढाणी की रहने वाली हैं। हेमलता ने राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक (Sub Inspector) बनने में सफलता हासिल की है।
दसवीं में शादी, 12 में बन गई मां
एसआई बनने के बाद हेमलता चौधरी खाकी वर्दी में पहली बार दो दिन पहले ही अपने घर पहुंची तो किसान माता पिता की आंखें भर आई। परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू बह निकले। यह वही हेमलता थी जिसकी 10वीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान ही हाथ पीले कर दिए गए थे। 12 कक्षा में आते आते तो हेमलता एक बच्चे की मां बन गई थी।
गांव सरणू चिमनजी में थानेदार बेटी का जोरदार स्वागत
थानेदार बेटी हेमलता के स्वागत में परिजनों ने तो पलक पांवड़े बिछाए बल्कि पूरा गांव सरणू चिमनजी उसे शुभकामनाएं देने उमड़ा। बेटी हेमलता के स्वागत में महिलाओं ने मंगलगीत गाए। भाइयों ने कंधे पर बैठाकर पूरे गांव में घुमाया। किसान पिता दुर्गाराम ने एसआई बेटी के सिर साफा सजाया। वहीं, मां ने बेटी को गले से लगा लिया।
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स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में की कॉलेज की पढ़ाई
मीडिया से बातचीत में हेमलता चौधरी ने बताया कि बारहवीं पास करने के बाद उसने आंगनबाड़ी में अस्थायी नौकरी व स्वयंपाठी के रूप में पढ़ाई की। आंगनबाड़ी में दस साल तक सेवाएं दी। इस दौरान पढ़ाई भी जारी रखी और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी। आठवीं के बाद की पढ़ाई के लिए रोजाना घर से स्कूल तक का आने जाने में 14 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता।
पहली बार में असफल रही हेमतला
पिता दुर्गाराम ने बताया बेटी हेमलता ने शादी के बाद स्वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। हर कोई उसे टीचर बनने की सलाह देते थे, मगर वह राजस्थान पुलिस में ही जाना चाहती थी। वर्ष 2015 में पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा दी। लिखित में उत्तीर्ण हुई, लेकिन शारीरिक दक्षता में सफल नहीं हो पाई। पहले प्रयास में असफल होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी।
राजस्थान पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा
हेमलता ने साल 2016 में एक बार फिर से राजस्थान पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में भाग्य आजमाया। इस बार सफलता हाथ लगी। साल 2021 में हेमलता उप निरीक्षक बन गई थी। अब पासिंग आउट परेड के बाद पहली बार खाकी वर्दी में घर आई तो हर किसी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
अपने गांव की पहली सब इंस्पेक्टर
हेमलता चौधरी उर्फ हेमलता जाखड़ ने बताया कि वह अपने गांव की पहली महिला सब इंस्पेक्टर हैं। बचपन से ही पुलिस सेवा में जाने का सपना था जो अब जाकर पूरा हो गया। इस बीच कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, मगर कभी हिम्मत नहीं हारी।
ताने मारने वाले ही करते हैं अब गर्व
उप निरीक्षक हेमलता चौधरी के पिता दुर्गाराम जाखड़ कहते हैं कि बेटी को पढ़ाने पर लोगों ने खूब ताने मारे थे, मगर अब बेटी राजस्थान पुलिस में उप निरीक्षक बन गई तो वो ही लोग गर्व करते हैं। पूरे गांव में बेटी की सफलता पर कामयाबी की लहर है। युवा पीढ़ी को पढ़कर लिखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है।