ऊंट पर बैठने वाली बेटी ने दिलाई पिता को सरकारी सीट
जयपुर। कहते हैं कि एक सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला का हाथ होता है। इस लाइन को पढ़कर आपके दिमाग में शायद उसकी माशूका या पत्नी का ख्याल आ रहा होगा, लेकिन मामला थोड़ा उलट है। यहां पर एक बेटी अपने पिता की सफलता का कारण बनी है। उसने न सिर्फ खुद सरकारी नौकरी पाई बल्कि अपने पिता को भी सरकारी नौकरी दिलवाई। मामला राजस्थान में हनुमानगढ़ के गुडिया गांव है। जहां कि 24 साल की अंजना चाहती थी कि उसके पिता सरकारी नौकरी करें। इसके लिए उसने अपने पिता को पढ़ने के लिए प्ररित किया। जिद कर उसने अपने पिता की पढ़ाई शुरू करवाई इसके बाद दोनों ने नौकरी के लिए साथ में तैयारी शुरू की और सफलता के मुकाम तक पहुंचे। दोनों ने राजस्थान में साथ में पटवारी की परीक्षा दी थी लेकिन बेटी तो परीक्षा में पास हो गई लेकिन पिता नहीं हो सके। लेकिन अंजना की मेहनत बेकार नहीं गई। सोमवार को अंजना के पिता 45 साल की उम्र में राजस्थान रोडवेज में सरकारी ड्राइवर पद के लिए पास हो गए।
अंजना के इस सफर के पीछे एक बेहद ही दिलचस्प किस्सा है। एक दिन जब अंजना अपने दोस्तों के साथ बात कर रही थी तो बातों ही बातों में उसने अपने पिता के 12वीं तक पढे होने का जिक्र किया। जिस पर उसके दोस्तों ने उसका मजाक बना दिया। यह बात अंजना को इनती बुरी लगी की उसने अपने पिता को आगे पढ़ाने का फैसला कर लिया। अंजना ने पहली बार जब पापा को पढ़ने के लिए कहा तो वह नाराज हो गए। बोले, यह पढ़ने की उम्र है, तुम पागल हो गई हो। मैंने उन्हें अपने दोस्तों की बात बताई तो पापा मान गए। 2007 में उन्होंने 35 की उम्र में पढ़ाई शुरू की। मैं पढ़ाई करती तो उन्हें भी साथ में बिठा लेती। 2010 में पापा ने ग्रेजुएशन किया। 2011 में बीएड। दोनों ने साथ में ही पटवारी के लिए फार्म भरा और परीक्षा दी। लेकिन परीक्षा में अंजना पास हो गई उसके पिता पास नहीं हो सके।
असफलता से निराश पिता को नहीं हारने दिया
इसके बाद अंजना ने पापा को ग्राम सेवक, जूनियर अकाउंटेंट आदि परीक्षाएं देने को कहा, पर वह पास नहीं हुए। वे निराश थे, क्योंकि वे ओवरएज होने वाले थे। 2011 में अंजना ने अपने पापा को ड्राइवर की परीक्षा देने को कहा। पहली कटऑफ लिस्ट में उनका चयन नहीं हुआ। 6 साल बाद सोमवार को दोबारा कटऑफ लिस्ट आई, इस बार पापा पास हो गए।
बेटी
ने
मुझे
मैथ्स
और
इंग्लिश
पढ़ाई
अंजना
के
पितारामचंद्र
कहते
हैं
कि
उनकी
बेटी
के
कहने
पर
2009
में
मैंने
बीए
किया
था।
उसी
के
साथ
तैयारी
शुरू
की।
वह
मुझे
मैथ्स,
इंग्लिश,
जरनल
नॉलेज
पढ़ाती
थी।
उसकी
मेहनत
रंग
लाई।
वह
अभी
भी
तैयारी
कर
रही
है।