किसान नेता ने बढ़ाई भगवंत मान की मुश्किलें, अब इस मुद्दे पर खोला सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा
पंजाब में बहुमत से सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी की मुश्किले लगातर बढ़ती ही जा रही है।
चंडीगढ़, 10 अप्रैल 2022। पंजाब में बहुमत से सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी की मुश्किले लगातर बढ़ती ही जा रही है। विपक्षी दलों के नेताओं ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है कि चुनाव में किए गए वादों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। पंजाब को छोड़ कर भगवंत मान दूसरे राज्यों में पार्टी के प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में अब किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल मान सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं।
जल की समस्या पर ध्यान देने की ज़रूरत
पंजाब विधानसभा चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद बलबीर सिंह राजेवाल सियासत से किनारा किए हुए थे। लेकिन अब फिर वो सक्रिय नज़र आ रहे हैं। आपको बता दें कि किसान आंदोलन में राजेवाल ने काफ़ी अहम भूमिका निभाई थी। फिलहावल अब बलबीर सिंह राजेवाल पंजाब के घटते जल स्तर के लिए चिंतित नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कहा की अगर पंजाब का जल स्तर इसी तरह गिरता रहा तो पंजाब को रेगिस्तान में तब्दील होने में ज्यादा वक़्त नहीं लगेगा।
मान सरकार के ख़िलाफ़ खोला मार्चा
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल नें कहा कि मै पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को कुछ दिनों का वक्त देना चाहता हूं। मान सरकार को जुलाई में नोटिस देत हुए आंदोलन का आगाज़ करूंगा। राजेवाल ने कहा कि मुझे पूरा यक़ीन है पंजाब के लोग किसान आंदोलन की तरह आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे। क्योकि पंजाब में जल की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदेश की जनता को पानी की किल्लतों से जूझना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी को इसलिए मौक़ा दिया क्योंकि जनता बदलाव चाहती थी।
जनता तक पंहुचने के लिए वक़्त नहीं मिल पाया- राजेवाल
आपको बता दें कि 25 दिसंबर 2021 को पंजाब के 22 किसान संघों ने मिलकर एक नई पार्टी संयुक्त समाज मोर्चा का गठन किया था। 22 संघों में से 9 संघों ने किनारा कर लिया था, जिसके बाद कुल 13 संघ ही संयुक्त समाज मोर्चा के साथ रह गए। लेकिन पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ऐसी आंधी चली कि किसान संघ के प्रत्याशि चुनाव मैदान में अपनी जमानत की राशि तक नहीं बचा पाए। चुनाव में हार पर राजेवाल ने कहा कि हमने 25 दिसंबर 2021 को एसएमएस का गठन किया। पंजाब की जनता तक पंहुचने के लिए वक़्त नहीं मिल पाया जिस वजह से संयुक्त समाज मोर्चा को वोट नहीं मिल पाया लेकिन भविष्य में हम मोर्चा की बड़ी भूमिका तय करेंगे।
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