पंजाब में नई राजनीतिक पार्टी बनाने की मची होड़, क्या इससे बदलेगी सियासी फ़िज़ा, पढ़िए इनसाइड स्टोरी
पंजाब में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र आए दिन कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है। नेता अपनी पार्टी बदल कर दूसरी पार्टी का दामन थाम रहे हैं
चंडीगढ़,
अक्टूबर
27,
2021।
पंजाब
में
विधानसभा
चुनाव
के
मद्देनज़र
आए
दिन
कुछ
न
कुछ
नया
देखने
को
मिल
रहा
है।
नेता
अपनी
पार्टी
बदल
कर
दूसरी
पार्टी
का
दामन
थाम
रहे
हैं,
तो
वहीं
अब
दूसरी
पार्टी
का
दामन
थामने
की
बात
के
अलावा
पंजाब
में
नई
पार्टी
बनाने
का
चलन
शुरू
हो
गया
है।
कैप्टन
अमरिंदर
सिंह
ने
भी
अपनी
पार्टी
बनाने
की
घोषणा
कर
दी
है
जल्द
ही
वह
पार्टी
का
नाम
और
चिन्ह
की
घोषणा
करेंगे।
वहीं
किसान
नेता
गुरनाम
सिंह
चढ़ूनी
ने
भी
अपनी
सियासी
पार्टी
बनाने
के
संकेत
दिए
हैं।
इससे
पहले
पंजाब
में
उद्यमियों
और
व्यापारियों
ने
मिल
कर
भारतीय
आर्थिक
पार्टी
का
गठन
किया
था।
वहीं
अब
एक
और
नई
पार्टी
पंजाब
लोकहित
पार्टी
का
हाल
ही
मे
गठन
किया
गया
है।
पंजाब लोकहित पार्टी का गठन
पंजाब की सियासी रण में किस्मत आजमाने के लिए में चुनावों में एक और सियासी पार्टी पंजाब लोक हित पार्टी का गठन किया गया है। इस पार्टी का अध्यक्ष पंजाब के पूर्व मंत्री मलकीत सिंह बिरमी को बनाया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब की अलग-अलग वर्गों से संबंध रखने वाली करीब 35 संस्थाओं ने मिलकर इस नई सियासी पार्टी के गठन करने का फैसला किया है। करीब एक साल तक इन संस्थाओं की बैठकों का दौर चलता रहा, काफ़ी राय मशवरा करने के बाद सभी संस्थाओं को एकजुट कर के पंजाब लोक हित पार्टी गठन किया गया। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के बैनर तले पूरे जोरशोर के पार्टी ने उम्मीदवार उतारने का फ़ैसला किया है।
OBC समुदाय पर फोकस
पंजाब लोकहित पार्टी के अध्यक्ष मलकीत सिंह बिरमी ने कहा कि हमारी पार्टी ओबीसी समुदाय की आवाज़ बनेगी। पंजाब में ओबीसी समाज के बहुसंख्यक होने के बावजूद असंगठित और विभिन्न वर्गों में बंटा हुआ है। यही वजह है कि पिछड़े वर्गों के लिए बनी योजनाओं का फायदा इन्हें नहीं मिल रहा है। ओबीसी समाज को अपने हकों से वंचित किया जा रहा है। राजनीतिक तौर पर इंसाफ लेने की कोशिश के मकसद से ये समाज एक राजनीतिक मंच पर एकत्र हुआ है। बिरमी ने कहा कि ओबीसी के साथ-साथ अन्य वर्गों को भी पार्टी में समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी 117 सीटों पर विधानसभा चुनाव में उतरेगी और जीत दर्ज कर सूबे में सरकार बनाएगी। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव से पहले या चुनाव के बाद गठबंधन करने से भी इंकार नहीं किया।
उद्यमियों और व्यापारियों ने भी बनाई पार्टी
इससे पहले भी पंजाब में सरकार से नाराज़ चल रहे किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों और श्रमिकों ने एक नई सियासी दल 'भारतीय आर्थिक पार्टी' का गठन कर चुके हैं । बहादुरके टेक्सटाइल्स एंड निटिवयर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन के तरुण बावा जैन पार्टी के राष्ट्रीय संस्थापक और प्रधान हैं। भारतीय आर्थिक पार्टी ने दावा किया है कि मिशन पंजाब-2022 की कामयाबी के लिए पंजाब के सभी 117 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अधय्क्ष की माने तो पंजाब में कांग्रेस, भाजपा के कार्यकाल के दौरान करोबारी, उद्यमी और किसानों की अनदेखी की गई है।
किसानों और व्यापारियों पर ध्यान
भारतीय आर्थिक पार्टी राजनीतिक तौर पर दरकिनार किए गए सेक्टरों के हितों की रक्षा के लिए कार्य करेगी। अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने किसानों को एमएसपी के मुद्दे पर सीधा आवश्वासन नहीं दिया है, जिसके लिए किसान पिछले कई माह से आंदोलन कर रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष ने दावा किया कि चुनाव में पार्टी की स्थिति मजबूत होगी और इन मुद्दों को प्राथमिकता पर हल कराया जाएगा। वहीं उन्होंने निजीकरण नीति का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ पंजाब में ही हर साल सैकड़ों किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अब किसानों का अपना हक़ लेने का वक़्त आ चुका है।
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