पंजाब: CM चन्नी ने BJP को मात देने के लिए अपनाई उन्हीं की तरह रणनीति, जानिए क्या है प्लान
सीएम चन्नी ने फगवाड़ा में रविवार को हिंदू ग्रंथों रामायण, महाभारत और भगवद गीता पर शोध केंद्र स्थापित करने की घोषणा की।
चंडीगढ़,
29
नवम्बर
2021।
पंजाब
विधानसभा
चुनाव
को
देखते
हुए
सभी
राजनीतिक
दल
प्रचार
प्रसार
में
जुट
चुके
हैं।
वहीं
BJP
भी
चुनावी
प्रचार
में
पीछे
नहीं
है
लगातार
नई
नई
रणनीति
तैयार
कर
अलग-अलग
समुदाय
के
वोट
बैंक
को
साधने
की
कोशिश
में
है।
भले
ही
कृषि
कानूनों
की
वजह
से
किसानों
के
निशाने
पर
भारतीय
जनता
पार्टी
है
लेकिन
भाजपा
आगामी
विधानसभा
चुनाव
के
मद्देनज़र
कमर
कस
चुकी
है
और
लगातार
अभियान
चला
रही
है।
वहीं
पंजाब
के
मुख्यमंत्री
चरणजीत
सिंह
चन्नी
ने
भी
हिंदू
वोट
बैंक
में
सेंधमारी
करने
के
लिए
नया
दांव
खेला
है।
सीएम
चन्नी
ने
फगवाड़ा
में
रविवार
को
हिंदू
ग्रंथों
रामायण,
महाभारत
और
भगवद
गीता
पर
शोध
केंद्र
स्थापित
करने
की
घोषणा
की।
संस्कृत सीखेंगे CM चन्नी
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वह संस्कृत सीखेंगे और महाभारत पर डॉक्टरेट करेंगे। यहां भगवान परशुराम तपोस्थल की आधारशिला रखने के बाद चन्नी ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश बादल पर तंज कसते हुए उनकी तुलना कथित तौर पर महाभारत के धृतराष्ट्र से की। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र मोह ने उनकी पार्टी को बर्बाद कर दिया है। हिंदू ग्रंथों के शोध केंद्र सथापित करने की घोषाणा करते हुए सीएम चन्नी ने ने कहा कि शोध केंद्र तीन हिंदू ग्रंथों के संदेश को प्रदर्शित करेगा।युगों से ये ग्रंथ पूरी मानवता के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं और शोध केंद्र के जरिए ग्रंथों के संदेश को आसानी से जनता तक पहुंचाया जा सकेगा।
ब्राह्मण कल्याण बोर्ड को सौंपा जाएगा कार्य
सीएम चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एक सम्मानित शंकराचार्य को शामिल करने की कोशिश कर रही है। वहीं सीएम चन्नी कहा कि एक बुद्धिमान और विद्वान व्यक्ति ने मुझे अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए हर दिन भगवद गीता का एक श्लोक सीखने के लिए कहा था। गीता के उपदेश अद्वितीय हैं। मेरी वर्तमान पीएचडी तीन महीने में पूरी हो जाएगी। फिर मैं संस्कृत सीखना शुरू कर दूंगा और महाभारत पर पीएचडी करूंगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में आवारा पशुओं की सही देखभाल के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड को यह कार्य सौंपा जाएगा।
हिंदू वोट बैंक पर नज़र
भारतीय जनता पार्टी भी हिंदू वोट बैंक साधने की पुरज़ोर कोशिश कर रही है। शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन टूटने के बाद भाजपा पहली बार पंजाब के सियासी रण में अकेले उतरने जा रही है। इसकी वजह से भाजपा ने भगवा लहराने का खास प्लान बनाया है। भाजपा ने पंजाब की उन सीटों को चुना है जहां पर हिंदू और दलित आबादी 60 फीसद से ज़्यादा है। ग़ौरतलब है की पंजाब 73 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर हिंदू और दलित वोटर की भूमिका अहम रहती है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी इन्हीं सीटों पर अपना खास ज़ोर लगाने जा रही है।
विधानसभा चुनाव की तैयारी
भाजपा इन सीटों पर फोकस करके 2022 के चुनाव में बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर रही है। फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की नज़र उन 45 सीटों पर है जहां पर हिंदू आबादी 60 फीसद से ज़्यादा है। इसके अलावा 28 ऐसी सीटें है जहां पर हिंदू और दलित की आबादी 60 फीसद से ज़्यादा है। वहीं इन सीटों पर किसान आंदोलन का कोई खास असर भी नहीं है। ग़ौरतलब है कि यहां की बड़ी आबादी किसान आंदोलन की वजह से पैदा हुए हालातों से नाराज़ चल रही थी। हालंकाि अभी पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लेने के फ़ैसले पर थोड़े समीकरण बदले हैं।
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