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पंजाब: विपक्ष के निशाने पर चन्नी सरकार, आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है ख़ामियाज़ा ?

विपक्षी दलों के नोताओं का कहना है कि पंजाब सरकार किसी भी खालिस्तान समर्थक संगठन से जुड़े व्यक्ति के भाई को किसी भी तरह का अहम पद कैसे दे सकती है।

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चंडीगढ़, 25 नवम्बर 2021। विधानसभा चुनाव के दिन नज़दीक आते ही पंजाब में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। एक बार फिर से विपक्षी दलों ने चन्नी सरकार पर निशाना साधा है, दरअसल पंजाब सरकार ने प्रतिबंधित संगठन से जुड़े एक व्यक्ति को एक अहम पद दे दिया। जिसके बाद से विपक्षी नेता चन्नी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। विपक्षी दलों के नोताओं का कहना है कि पंजाब सरकार किसी भी खालिस्तान समर्थक संगठन से जुड़े व्यक्ति के भाई को किसी भी तरह का अहम पद कैसे दे सकती है। उनका कहना है कि खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस भारत में प्रतिबंधित है, इसके बावजूद पंजाब सरकार ने सिख फॉर जस्टिस के सेक्रेटरी जनरल अवतार सिंह पन्नू के भाई बलविंदर सिंह पन्नू को अहम ज़िम्मेदारी दी गई है। पंजाब में इस मुद्दो लेकर सियासी पारा चढ़ चुका है।

badal on channi


सुखबीर सिंह बादल ने उठाए सवाल
पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा ने बलविंदर सिंह पन्नू को पंजाब जैनको लिमिटेड का चेयरमैन नियुक्त करने में अहम किरदार निभाया है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा के हस्तक्षेप की वजह से बलविंदर सिंह पन्नू को चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इन्ही सब मुद्दों को देखते हुए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने सवाल उठाते हुए कहा है कि सिख फॉर जस्टिस जैसे आतंकी संगठन के सेक्रेटरी जनरल के परिवार से संबंध रखने वाले एक व्यक्ति को पंजाब सरकार में इतनी अहम नियुक्ति किस तरह से दी गई। चुनाव के दिन क़रीब हैं और सभी सियासी पार्टियां किसी न किसी मुद्दे पर सरकार को घेरने से नहीं चूक रही है।
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पन्नू की नियुक्ति से चढ़ा सियासी पारा
आपको बता दें कि अवतार सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस का यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका का कोऑर्डिनेटर है और बलविंदर सिंह पन्नू उसका भाई है। ग़ौरतलब है कि अवतार सिंह पन्नू लगातार भारत के खिलाफ अलग खालिस्तान बनाने की मुहिम और रेफरेंडम 20-20 कैंपेन के लिए तमाम गतिविधियों में शामिल रहता है। कुछ दिन पहले पंजाब के गुरदासपुर में खालिस्तान के समर्थन में गुरदासपुर के उसी इलाके में खुलेआम जुलूस निकाला गया था, जहां से बलविंदर सिंह संबंध रखते हैं। उसी इलाके से आने वाले वाले कांग्रेस के नेता और सिख फॉर जस्टिस के अहम नेता के भाई को पंजाब की कांग्रेस सरकार में इतनी अहम नियुक्ति दिए जाने से हंगामा मचा है। सियासी गलियारों में यह भी चर्चा का विषय बना हुआ कि इस तरह पंजाब सरकार बिना सोचे समझे अगर फ़ैसले लेते रही तो आगामी विधानसभा चुनाव में ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है।
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English summary
assembly election 2022 Channi government on target of opposition
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