Video: जब पीएम इमरान खान ने संसद में कहा, 'कल रात पाकिस्तान पर मिसाइल हमला हो सकता था'
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नई दिल्ली। गुरुवार को करीब चार बजे जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस बात का ऐलान किया कि वह इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के पायलट अभिनंदन वर्तमान को शुक्रवार को देश वापस भेज देंगे, भारत में हर किसी ने चैन की सांस लीं। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान शांति की भावना का प्रदर्शन करते हुए, यह कदम उठा रहा है। जबकि हकीकत कुछ और ही थी। पाकिस्तान और यहां के पीएम इमरान को डर था कि भारत उनके देश पर मिसाइल हमला हो सकता है। इमरान ने यह बात खुद अपने देश की संसद पर कुबूल की है।
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संसद में कही बड़ी बात
गुरुवार को जब इमरान नेशनल एसेंबली में बोल रहे थे तो उन्होंने यहां पर कहा, 'कल रात पाकिस्तान पर मिसाइल हमला हो सकता था लेकिन पाक की सेनाएं इस हमले से निबटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।' इमरान के बयान से अलग भारत भी यूनाइटेड नेशंस में पी5 देशों से लगातार बातचीत कर रहा था। भारत ने इन देशों के वार्ताकारों को बता दिया गया था कि भारत तीन तरफ से पाक को घेरने की तैयारी में है। इन देशों को जानकारी दी गई थी कि इंडियन नेवी के वॉरशिप्स कराची से पाक को घेर सकते हैं और साथ ही साथ बैलेस्टिक मिसाइल को लॉन्च करने का प्लान भी तैयार है।
भारत ने कहा कोई डील नहीं होगी
सूत्रों की मानें तो भारत सरकार ने विदेशी सरकारों को यह जानकारी दे दी थी कि अगर पाकिस्तान को तनाव कम करना है तो वह सही कदम उठाए। नई दिल्ली ने साफ कर दिया था कि यह पाक की जिम्मेदारी है कि जेनेवा कनवेंशन के तहत ही बर्ताव करे और विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी सुनिश्चित करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भी यह संदेश भेज दिया था कि किसी भी तरह की कोई डील नहीं होगी। यह भी साफ कर दिया गया था कि अगर विंग कमांडर अभिनंदन वापस नहीं आए तो पाक को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
सभी ने छोड़ा पाकिस्तान का साथ
पी5 देशों में से कोई भी देश पाकिस्तान के साथ नहीं खड़ा था। अमेरिका, यूएई और सऊदी अरब ने पाकिस्तान पर खासा दबाव बनाया था। यूएई और सऊदी अरब ने भी एक अहम रोल अदा किया। दोनों ही देश भारत के अहम रणनीतिक साझेदार हैं। यूएई के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद जायद ने शाम को ट्वीट किया, 'भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को फोन किया गया है। दोनों से बातचीत में इस बात पर जोर दिया गया है कि हाल ही में जो घटनाक्रम हुए है उससे निबटने के लिए वार्ता और आपसी संपर्क को प्राथमिकता दी जाए।' आज विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अबु धाबी में ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक (ओआईसी) को संबोधित करेंगी। यह भारत के लिए पहला मौका है जब भारत को इस कार्यक्रम के लिए गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर बुलाया गया है।