भारत-अमेरिका परमाणु करार पर पाक बोला दक्षिण एशिया होगा अस्थिर!
इस्लामाबाद। भारत और अमेरिका के बीच रविवार को हुए परमाणु करार के बाद दो दिन बाद यानी मंगलवार को चीन की ओर से बयान जारी किया गया था, वह न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप यानी एनएसजी में भारत की एंट्री के खिलाफ है। चीन ने कहा था कि वह भारत की एंट्री को कुछ शर्तों के आधार पर ही समर्थन देगा। अब चीन के बाद उसका 'सदाबहार' दोस्त यानी पाकिस्तान भी इस करार की वजह से रातों को सो नहीं पा रहा है।
पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पाक विदेश मंत्री सरताज अजीज ने तो इस करार को दक्षिण एशिया के स्थायीत्व के लिए खतरा तक करार दे डाला है।
दक्षिण एशिया में आएगी अस्थिरता
पाक विदेश मंत्री सरताज अजीज की ओर से कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच जो न्यूक्लियर डील हुई है उसके भारत को मिलने वाले 'राजनीतिक और आर्थिक ' लाभ का असर पूरे दक्षिण एशिया पर पड़ेगा।
भारत और अमेरिका की ओर से वर्ष 2008 में सिविल न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़ा एक करार हुआ था। इस डील पर पाक की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए अजीज ने कहा है कि अमेरिका को दक्षिण एशिया में स्थिरता और संतुलन के लिए एक अहम किरदार अदा करना होगा। अजीज यह बताना नहीं भूले कि पाक हमेशा ही अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को ध्यान में रखकर काम करता है और यह उसका अधिकार है।
सिक्योरिटी काउंसिल में भारत का विरोध
अजीज को इस बात से भी काफी समस्या है कि अमेरिका यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता या फिर विशेष दर्जे के लिए उसका समर्थन करेगा।
अजीज का कहना है कि भारत ने हमेशा ही सिक्योरिटी काउंसिल के नियमों के विपरीत काम किया है। उन्होंने भारत पर इल्जाम लगाया कि भारत जम्म कश्मीर विवाद के साथ ही कई अंतराष्ट्रीय सुरक्षा एंव शांति के कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। ऐसे में वह सिक्योरिटी काउंसिल में स्थायी सदस्यता का हकदार नहीं है।
आतंकवाद का विक्टिम पाकिस्तान
सिर्फ इतना ही ही अजीज ने तो एनएसजी में भारत को शामिल करने पर एनएसजी की ही विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए। अजीज ने फिर से यह बात दोहराई कि पाक आतंकवाद का पीड़ित है और उसने आतंकवाद को झेला है।अजीज ने भारत पर इल्जाम लगाते हुए कहा कि पाक में आतंकवाद को विदेशों से समर्थन मिल रहा है और यहीं से इसे वित्तीय पोषण दिया जा रहा है।