पाकिस्तान के संसदीय चुनावों में जमात-उद-दावा के 200 उम्मीदवारों, हाफिज सईद नहीं आजमाएगा किस्मत
पाकिस्तान में 25 और 27 जुलाई को आम चुनाव होने वाले हैं और मोस्ट वांटेंड आतंकी हाफिज सईद चुनाव नहीं लड़ेगा। लेकिन वहीं आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की चैरिटी ऑर्गनाइजेशन जमात-उद-दावा (जेयूडी) ने 200 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
लाहौर। पाकिस्तान में 25 और 27 जुलाई को आम चुनाव होने वाले हैं और मोस्ट वांटेंड आतंकी हाफिज सईद चुनाव नहीं लड़ेगा। लेकिन वहीं आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की चैरिटी ऑर्गनाइजेशन जमात-उद-दावा (जेयूडी) ने 200 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला किया है। हाफिज, मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड है और यह उसका फैसला है कि वह इन चुनावों में अपनी किस्मत नहीं आजमाएगा। साल 2008 में मु्ंबई आतंकी हमलों के बाद जेयूडी की शुरुआत हुई थी। लश्कर ने मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को लॉन्च किया लेकिन अभी तक इस संस्था को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने रजिस्टर नहीं किया है।
अल्लाह-हू-अकबर तहरीक का सहारा
एमएमएल को रजिस्ट्रेशन न मिल पाने के बाद लश्कर ने नई चाल चली है। अब लश्कर ने एक नए तरीके से चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है। लश्कर ने निष्क्रिय पड़ी राजनीतिक ईकाई अल्लाह-हू-अकबर तहरीक (एएटी) के मंच का प्रयोग करने का मन बनाया है जो पहले से ही चुनाव आयोग में रजिस्टर्ड है। जेयूडी के कार्यकर्ताओं और इससे सहानुभूति रखने वाले लोगों ने एएटी के प्लेटफॉर्म से उम्मीदवारों का नामांकन कराया है। एमएमएल के प्रवक्ता अहमद नदीम ने बताया है कि एमएमएल के प्रेसीडेंट सफीउल्ला खालिद और एएटी के मुखिया अहसान बारी इस बात पर राजी हो गए हैं कि एएटी के प्लेटफॉर्म के जरिए संयुक्त रूप से उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारेंगे। उन्होंने बताया है कि जो समझौता हुआ है उसके तहत एमएमएल 200 से ज्यादा उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेगा। ये सभी उम्मीदवार एएटी के चुनाव चिन्ह कुर्सी पर अपनी किस्मत आजमाएंगे।
अमेरिका ने घोषित किया आतंकी संगठन
नदीम ने बताया कि कई राजनीतिक लोगों ने एमएमएल को ज्वॉइन किया है और उन्हें एएटी के टिकट्स दिए गए हैं। उनसे पूछा गया कि क्या हाफिज सईद भी संसदीय चुनावों में उम्मीदवार के तौर पर लड़ेगा? इस पर नदीम ने कहा, ' नहीं, हाफिज साहेब का इस समय चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। एमएमएल पहली बार चुनावों में हिस्सा ले रही है और उम्मीद है कि वह संसद तक जरूर पहुंचेगी।' 30 जनवरी 2017 में हाफिज सईद और उसके चार साथियों को एंटी-टेररिज्म एक्ट के तहत नजरबंद किया गया था। साल 2014 में जेयूडी को अमेरिका ने विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। इसके मुखिया हाफिज सईद के सिर पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है।