पूर्व मंत्री Sheeshram Ola के लिए BJP प्रवक्ता ने कहा-' जिनका हिल गया था पुर्जा, पौत्रवधू ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली, 10 जुलाई। 8 बार विधायक, 5 बार सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे शीशराम ओला ( Shishram Ola ) को लेकर भाजपा प्रवक्ता गौर भाटिया ने विवादित टिप्पणी की है। भाटिया ने कहा है कि जिस वक्त शीशराम ओला को केंद्र में बनाया गया था तब वे उम्र दराज हो चुके थे। उनमें काम करने की क्षमता ही नहीं बची थी।
थावरचंद गहलोत के इस्तीफे से शुरू हुई विवादित टिप्पणी
दरअसल, एक न्यूज चैनल पर बातचीत में गौरव भाटिया ने मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रियों को हटाए जाने के मुद्दे को लेकर दिवंगत कांग्रेस नेता शीशराम ओला पर विवादित टिप्पणी कर डाली। भाटिया ने कहा कि 73 वर्षीय थावरचंद गहलोत को राज्यपाल बनाया गया है। इससे यह निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए कि उनके मंत्रालय चलाने में कोई कमी रह गई हो।
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शीशराम ओला के बारे में ये कहा भाटिया ने
भाटिया ने कहा कि जो पार्टी सरकार बनाती है उसका एक ही उद्देश्य होता है कि वो संगठन का कैसे मजबूत करें। मोदी सरकार ने युवाओं को मौका दिया जबकि जून 2013 में कांग्रेस के मंत्रिमंडल विस्तार में 85 साल के शीशराम ओला को शामिल किया गया था। जिनका हिल गया था पुर्जा, उनमें मनमोहन सिंह ढूंढ रहे थे ऊर्जा। हमारे लिए जनता का हित सर्वोपरि है और उसी को ध्यान में रखकर ये मंत्रिमंडल विस्तार किया गया है।
ओला का 92 साल की उम्र में 2015 में निधन
बता दें कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री शीशाराम ओला का 92 वर्ष की उम्र में 15 दिसम्बर 2013 को निधन हो गया था। ओला ने गुड़गांव के मेदाता अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पेट की बीमारी से पीड़ित थे। ओला करीब 56 साल तक राजनीति में सक्रिय रहे। वे 13 फरवरी 1957 को पहली बार विधायक बने थे। ओला को 1968 में बालिका शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मश्री अवार्ड प्रदान किया था।
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भाटिया की टिप्पणी का पौत्रवधू ने दिया जवाब
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया की ओर से शीशराम ओला को लेकर की गई विवादित टिप्पणी का जवाब देते हुए शीशराम ओला की पौत्रवधू आकांक्षा ओला ने गौरव भाटिया को तोतले व दलबदलू नेता बताते हुए ट्वीट कर कहा कि 'गौरव भाटिया नहीं जानते कि साल 2009 में आडवाणी जी 81 की उम्र में PM पद की दावेदारी कर रहे थे, जिनका सपना मनमोहनजी की वापसी से चकनाचूर हो गया। साल 2004 तक वाजपेयी जी 80 की उम्र में PM थे,जिनका वापसी का सपना सोनियाजी ने चकनाचूर कर दिया। बड़ों की इज़्ज़त करना सीखो'
गहलोत व पायलट ने भी दी प्रतिक्रिया
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया की शीशराम ओला पर की गई विवादित टिप्पणी पर कांग्रेस नेताओं ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि स्वर्गीय श्री शीशराम ओला जी ने 60 सालों से अधिक समय तक सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में रहकर किसानों के हितों की रक्षा की। वे केन्द्र एवं राज्य दोनों सरकारों में अनेकों बार कैबिनेट मंत्री रहे। 1968 में उन्हें समाजसेवा के लिए पद्मश्री सम्मान मिला। वहीं, सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और किसान हितेशि स्व. श्री शीशराम ओला जी पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता की अमर्यादित टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। देश एवं प्रदेश के विकास में शीशराम जी का योगदान विशालकाय है। इस असभ्य शब्दावली का प्रयोग ऐसे नेताओं की संस्कारहीन सोच का प्रमाण है।
तीसरी पीढ़ी भी राजनीति में
बता दें कि ओला परिवार की तीसरी पीढ़ी भी राजनीति में आ गई है। शीशराम ओले के बड़े बेटे बृजेंद्र ओला झुंझुनूं से विधायक हैं। पुत्रवधू राजबाला झुंझुनूं जिला प्रमुख रह चुकी हैं। शीशराम ओला के पौत्र अमित ओला व पौत्रवधू आकांक्षा ओला भी राजनीति में कदम रख चुके हैं। आकांक्षा ओला ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
शीशराम ओला की जीवनी
- राजस्थान के झुंझुनूं की चिड़ावा तहसील के गांव अरड़ावता के किसान मंगलाराम ओला के घर 30 जुलाई 1927 को शीशराम ओला का जन्म हुआ था।
-शीशराम ओला ने सरपंच से केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया। आठ बार विधायक, पांच बार सांसद व दो बार झुंझुनूं जिला प्रमुख रहे।
-ओला 56 साल के राजनीतिक करियर में 15 चुनाव जीतने वाले देश के इकलौते नेता था।
-शीशराम ओला ने 1957 लेकर 1993 तक लगातार दस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा तथा दो बार को छोड़कर आठ बार जीत दर्ज की।
-ओला राजस्थान में जलदाय, वन एव पर्यावरण, पंचायतीराज एंव ग्रामीण विकास, सैनिक कल्याण, इन्दिरा गांधी नहर परियोजना, परिवहन, यातायात, सहकारिता, आबकारी, भू-जल, सिंचाई आदि विभागों के मंत्री भी रहे।
इन विभागों में मंत्री रहे थे शीशराम ओला
1980 से 1990 तक राजस्थान सरकार में जगन्नाथ पहाडिय़ा, शिवचरण माथुर व हरिदेव जोशी के नेतृत्व वाला सरकारों में जलदाय, वन एव पर्यावरण, पंचायतीराज एंव ग्रामीण विकास, सैनिक कल्याण, इन्दिरा गांधी नहर परियोजना, परिवहन, यातायात, सहकारिता, आबकारी, भू-जल, सिंचाई सहित कई विभागों को मंत्री के रूप में संभाला। ओला 1962 से 1977 तक झुंझुनू के जिला प्रमुख भी रहे।
झुंझुनूं
के
पूर्व
सांसद
शीशराम
ओला
की
पौत्रवधू
आकांक्षा
ओला
को
मिले
सिर्फ
इतने
से
वोट
शीशराम ओला ने केंद्र में भी संभाले कई मंत्रालय
ओला 1996-97 में प्रधानमंत्री देवेगोड़ा की सरकार में स्वतंत्र प्रभार के उर्वरक एंव रसायन राज्य मंत्री,1997-98 में इन्द्रकुमार गुजराल की सरकार में स्वतंत्र प्रभार के जल संसाधन विभाग के राज्य मंत्री रहे। शीशराम ओला लोकसभा चुनाव 1996 पहली बार सांसद बने और इसके बाद लगातार जीते। पांच बार एमपी बनने का रिकॉर्ड इनके नाम है। साल 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में श्रम एवं रोजगार विभाग के केबीनेट मंत्री रहे।