ललितेश पति त्रिपाठी से Oneindia Hindi की बातचीत, कांग्रेस छोड़ यूपी में बिना जनाधार वाली पार्टी में क्यों गए?
मिर्जापुर। चार पीढ़ियों से कांग्रेस पार्टी का झंडा बुलंद करने वाले हाथ ने टीएमसी में शामिल होकर ममता बनर्जी का दामन थाम लिया। बदलाव में न सिर्फ बेटा बल्कि पिता भी शामिल है। । राजनीति के बड़े जानकार मड़िहान के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी के कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद सहित पार्टी की सदस्यता छोड़ने के बाद भाजपा और समाजवादी पार्टी में जाने के कयास लगा रहे थे। उनके सभी कयास तब धराशायी हो गए जब ललितेश पति त्रिपाठी और उनके पिता राजेश पति त्रिपाठी ने सिलीगुड़ी में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के सामने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। पंडित कमला पति त्रिपाठी के परिवार का कांग्रेस को छोड़ तृणमूल कांग्रेस में जाना एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका है वहीं अब नई पारी की शुरुआत करने पर आलोचक बस यही दलील देने को मजबूर है कि जिस पार्टी का यूपी में जनाधार नहीं है आखिर वहां क्यों चले गए? वहीं इन लोगों को जवाब देते हुए ललितेश पति त्रिपाठी ने Oneindia Hindi से बात करते हुए कहा कि परदादा की विचारधारा और विरासत को बचाना टीएमसी में ही रहकर सम्भव है।
यूपी के मिर्जापुर के मड़िहान विधानसभा से पूर्व विधायक रहे ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस से अलग होने के पीछे अपने लोगों की पार्टी में अनदेखी थी जो सहन करते-करते हिम्मत टूट गई। परदादा पंडित कमला पति त्रिपाठी जी जो यूपी के मुख्यमंत्री रहे और कांग्रेस के ज़िम्मेदार पदों पर रहकर उन्होंने देश की सेवा की, उसे देखते हुए बाबा लोकपति त्रिपाठी जी ने उसी पहिये को आगे बढ़ाया। दादी भी हमेशा से कांग्रेस के मजबूत करने और उसे आगे बढ़ाने की बातें हमें बचपन से बताती रहीं। फिर पिता राजेश पति जी ने भी कांग्रेस के लिए कई बड़े योगदान दिए। जब जरूरत पड़ी उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को समय-समय पर ऐसे लोग दिए जो पार्टी को मजबूत करे। लेकिन जब बदलाव की जरूरत थी और देश में साम्प्रदायिक ताकतें आपसी समभाव को कुचल रही थी तो उससे लड़ने के बजाए, पार्टी में स्थान नहीं मिला। ऐसे में तृणमूल कांग्रेस ही एक रास्ता था क्योंकि पश्चिम बंगाल में जिस तरीके से ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने विशेष धर्म की बात करने वाले लोगों को वहां चुनाव में करारी शिकस्त दी और देश को यह दिखा दिया कि अभी भी आपसी भाईचारा सबसे ऊपर है। ऐसे में यही एक पार्टी थी जहां अपने परिवार से मिली विचारधारा, विरासत और संस्कार को बचा पाएंगे, देश और जनता को उनका अधिकार दिला पाएंगे।
हालांकि अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की क्या रणनीति रहेगी, इसे लेकर ललितेश पति त्रिपाठी अभी कुछ खुल कर नहीं बोल रहे हैं। लेकिन इस बात की चर्चा तेज हो चुकी है कि दीपावली और छठ के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा करने वाली हैं। कुछ पार्टी के नेता इस पर पर्दे के पीछे से मुहर लगा रहे हैं। ऐसे में जब ममता बनर्जी ने बनारस में आने का मूड बना लिया है तो इस बात की संभावना है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ताल ठोकेगी। जिस तरीके से समय - समय पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ममता बनर्जी को बधाई देने से लेकर उनकी तारीफ करने से नहीं चूकते तो इसकी भी सम्भावना है कि यूपी चुनाव में टीएमसी समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन दे सकती है।