उद्धव ठाकरे बोले, ये विद्रोह शिवसेना को खत्म करने के लिए, लेकिन उन्हें नहीं पता किससे पंगा लिया
मुंबई, 25 जुलाई। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने के बाद शिवसेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के अस्तित्व को बचाने की है। एक तरफ जहां एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के साथ गठबंधन किया और सरकार का गठन किया तो दूसरी तऱफ अब वह शिवसेना पर भी दावा ठोक रहे हैं। खुद उद्धव ठाकरे ने भी इस बात को स्वीकार किया है, यह लड़ाई बड़ी है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह विद्रोह पहले की तरह का विद्रोह नहीं है, इस बार विद्रोह शिवसेना को खत्म करने के इरादे से किया गया है। ठाकरे ने कहा कि शिवसेना हिंदुत्व की राजनीति करती है लेकिन भाजपा हिंदुत्व का इस्तेमाल राजनीतिक हित के लिए करती है।
फूलों का गुलदस्ता नहीं शपथ पत्र चाहिए
शिवसेना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह विद्रोह पहले की तरह का नहीं है, इस बार यह विद्रोह शिवसेना को खत्म करने के लिए किया गया है। इन लोगों ने प्रोफेशनल एजेंसी को हायर किया है ताकि हमपर पलटवार कर सके। यह लड़ाई पैसे और विश्वास की है। बता दें कि 27 जुलाई को उद्धव ठाकरे का जन्मदिन है लेकिन वह इस बार जन्मदिन में वह फूलों का गुलदस्ता नहीं चाहते हैं बल्कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं से शपथ पत्र चाहते हैं कि वह शिवसेना पर भरोसा करते हैं। पार्टी ऐसे और सदस्य चाहती है जो यह शपथ पत्र दे सके।
मुझे नहीं पता ये किस तरह का केमिकल लोचा
ठाकरे ने कहा कि यह लड़ाई अब चुनाव आयोग के पास भी पहुंच चुकी है, वो दावा कर रहे हैं कि वो असली शिवसेना है। हमे सिर्फ जोश नहीं बल्कि पक्के समर्थन और पंजीकरण की जरूरत है। बिना किसी का नाम लिए ठाकरे ने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो मैं 40 बागी विधायकों का पार्टी में विलय करने के लिए तैयार हूं। मुझे पता है कि इन लोगों को ऑफर दिया गया है, लेकिन मुझे नहीं पता ये किस तरह का केमिकल लोचा है, लेकिन इन लोगों को यह नहीं पता है कि इन लोगों ने किससे पंगा लिया है।
हमे फिर से नए शिवसैनिक तैयार करने की जरूरत
बागी विधायकों को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह इन लोगों के माथे पर मुहर है, ये लोग जहां भी जाएंगे इसे साथ लेकर जाएंगे। इन लोगों ने यह खुद की हरकतों से कमाया है। जनप्रतिनिधि होने के बावजूद ये लोग केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराई गई सुरक्षा के घेरे में घूम रहे हैं। शिवसेना ने आम लोगों को खास व्यक्ति बनाया, इसी वजह से ये 40 लोग चुनाव जीते थे। लेकिन अब समय है कि हम फिर से नए शिवसैनिक तैयार करें।