इस बार लालबाग के राजा का दरबार होगा अयोध्या में राम मंदिर जैसा, सभी भक्त कर सकेंगे दर्शन
मुंबई, अगस्त 17। गणेश महोत्सव को लेकर मुंबई में तैयारियों का दौर शुरू हो गया है। आपको बता दें कि गणेश उत्सव की शुरुआत 31 अगस्त से हो रही है, जो अगले 11 दिन तक चलेगा। मुंबई में गणेश उत्सव की खास तैयारियां चल रही हैं, क्योंकि दो साल से कोविड की वजह से श्रद्धालुओं को लालबाग के राजा के दर्शन नहीं हो पा रहे थे। श्रद्धालुओं को सिर्फ ऑनलाइन दर्शन की ही अनुमति थी। ऐसे में इस बार की तैयारियां बेहद खास हैं। ऐसी जानकारी है कि इस बार लालबाग के राजा का दरबार अयोध्या के राम मंदिर की थीम पर आधारित होगा।
दुनियाभर में लालबाग के राजा की होती है धूम
आपको बता दें कि लालबाग के राजा की मान्यता सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है। दुनियाभर से श्रद्धालु लालबाग के राजा के दर्शन के लिए आते हैं। हर साल उनकी मूर्ति तो आकर्षण का केंद्र रहती ही है। साथ ही उनका दरबार उससे अधिक आकर्षण का केंद्र होता है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने आदेश दिया है कि इस बार लालबाग के राजा का दरबार अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की थीम पर होगा।
भक्तों को पंडालों में जाने की मिली अनुमति
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस साल गणेश उत्सव के दौरान सभी पंडालों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोलने की अनुमति दी है। सरकार की ओर से कहा गया है कि 31 अगस्त से शुरू होने जा रहे गणेश महोत्सव के दौरान सभी भक्तों को पंडालों में जाने की अनुमति होगी। लालबाग के राजा की सजावट की जिम्मेदारी प्रमुख कला निर्देशक नितिन चंद्रकांत देसाई को दी गई है।
राम मंदिर में विराजमान होंगे लालबाग के राजा
लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के सदस्य सुधीर साल्वी ने कहा है कि हर साल लालबाग के राजा की मूर्ति दुनियाभर में आकर्षण का केंद्र रहती है और हम हर साल कोशिश करते हैं कि अलग-अलग थीम पर गणेश जी को विराजमान किया जाए। ऐसे में इस साल की थीम अयोध्या में बन रहा भगवान श्री राम का भव्य मंदिर है। हमारे पास अयोध्या मंदिर के गुंबद की प्रतिकृति भी होगी, उसी दरबार में लालबाग के राजा को बिठाया जाएगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर की थीम भी होगी गणेश उत्सव में
इसके अलावा लालबाग में ही एक अन्य लोकप्रिय गणेश गली मंडल ने गणेश उत्सव के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर का सेट लगाने का फैसला किया है। यहां गणेश जी की मूर्ति को काशी विश्वनाथ मंदिर के दरबार में विराजमान किया जाएगा। मंडल के एक आयोजक ने कहा कि चूंकि इन मंदिरों का एक इतिहास है, इसलिए वे ऐतिहासिक मंदिरों को थीम में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं, जो लोग इन मंदिरों में नहीं जा पाते वो उनकी थीम को यहां देख पाएंगे।