Maharashtra politics:अजित पवार को शुभकामनाएं दे रहे हैं संजय राउत या चुटकी ले रहे हैं?
महाराष्ट्र की राजनीति में अजित पवार के ताजा बयान से दिलचस्पी बढ़ गई है। संजय राउत ने उनके सीएम बनने की इच्छा पर शुभकामनाएं तो दी हैं, लेकिन कहा है कि वह पहली बार नहीं कह रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय एनसीपी और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली 'सेना' के बीच एक अजीब राजनीतिक कश्मकश की स्थिति बनी हुई है। शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने शनिवार को एनसीपी नेता अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पर टिप्पणी की है।
अजित
पवार
की
महत्वाकांक्षा
पर
राउत
की
टिप्पणी
उद्धव
ठाकरे
की
पार्टी
के
राज्यसभा
सांसद
संजय
राउत
ने
अजित
पवार
की
महत्वाकांक्षा
पर
जो
कुछ
भी
कहा
है,
उसमें
शुभकामना
के
साथ-साथ
कटाक्ष
भी
नजर
आ
रहा
है।
राउत
ने
कहा
है,
'कौन
नहीं
मुख्यमंत्री
बनना
चाहेगा?
और
अजित
पवार
तो
सीएम
बनने
के
काबिल
हैं।
'
'यह
इच्छा
पहली
बार
जाहिर
नहीं
की
है'
राउत
ने
आगे
कहा
कि
'वह
कई
वर्षों
से
राजनीति
में
हैं
और
कई
बार
मंत्री
भी
रह
चुके
हैं।
उनके
पास
सबसे
ज्यादा
बार
उपमुख्यमंत्री
रहने
का
रिकॉर्ड
है।
सबको
लगता
है
कि
सीएम
बनना
चाहिए।'
इसके
साथ
ही
उन्होंने
यह
चुटकी
भी
ली
है
कि
'उन्होंने
(अजित
पवार
ने)
यह
इच्छा
पहली
बार
जाहिर
नहीं
की
है।
इसलिए
उनको
मेरी
शुभकामनाएं
हैं।'
अजित
पवार
को
लेकर
चल
रही
हैं
अटकलें
पिछले
हफ्ते
यह
अटकलें
लगाई
जा
रही
थीं
कि
अजित
पवार
बीजेपी-शिवसेना
सरकार
को
समर्थन
दे
सकते
हैं।
लेकिन,
बाद
में
एनसीपी
सुप्रीमो
शरद
पवार
ने
खुद
मोर्चा
संभाला
और
अजित
पवार
ने
भी
दावा
किया
कि
वह
जबतक
रहेंगे,
एनसीपी
के
लिए
काम
करेंगे।
अजित
पवार
2019
में
बीजेपी
को
दे
चुके
हैं
समर्थन
2019
के
महाराष्ट्र
विधानसभा
चुनाव
के
बाद
जब
उद्धव
ठाकरे
ने
भाजपा
को
राजनीतिक
झटका
दिया
था,
तब
अजित
पवार
ने
देवेंद्र
फडणवीस
के
साथ
शपथ
ले
लिया
था
और
उपमुख्यमंत्री
बन
गए
थे।
लेकिन,
जब
उद्धव
की
अगुवाई
वाली
शिवसेना,
कांग्रेस
और
एनसीपी
ने
गठबंधन
किया
तो
अजित
पवार
फिर
से
चाचा
के
खेमे
में
वापस
लौटकर
अपनी
डिप्टी
सीएम
की
कुर्सी
हासिल
कर
ली
थी।
अजित
पवार
अभी
से
सीएम
पद
पर
ठोक
रहे
हैं
दावा
शुक्रवार
को
अजित
पवार
ने
कहा
था
कि
मुख्यमंत्री
पद
पर
दावा
ठोकने
के
लिए
एनसीपी
को
अगले
साल
होने
वाले
चुनाव
के
इंतजार
की
आवश्यकता
नहीं
है,
यह
हर
समय
तैयार
है।
उन्होंने
कहा,
'2004
में
एनसीपी
के
पास
कांग्रेस
से
ज्यादा
सीटें
थीं
और
मुख्यमंत्री
का
पद
एनसीपी
के
पास
ही
जाने
वाला
था,
लेकिन
पार्टी
को
उपमुख्यमंत्री
का
पद
मिला।'
राउत
पर
तीखी
प्रतिक्रिया
दे
चुके
हैं
अजित
पवार
दरअसल,
संजय
राउत
ने
पिछले
हफ्ते
यह
संकेत
दिया
था
कि
पवार
परिवार
में
सबकुछ
ठीक
नहीं
है।
उन्होंने
कथित
तौर
पर
शरद
पवार
के
हवाले
से
दावा
किया
था
कि
कुछ
लोगों
पर
पार्टी
तोड़ने
का
दबाव
है।
इसपर
अजित
पवार
ने
तीखी
प्रतिक्रिया
दी
थी
और
पूछा
था
कि
क्या
संजय
राउत
एनसीपी
के
प्रवक्ता
हैं।
इसे भी पढ़ें- Ajit Pawar: अबकी बार अजीत पवार, इस पार या उस पार?
राउत
ने
विपक्ष
को
तोड़ने
की
कोशिश
का
किया
था
दावा
इसपर
राउत
ने
जवाब
दिया
था
कि
वह
सिर्फ
शरद
पवार
की
सुनते
हैं।
उन्होंने
कहा
था,
'अजित
दादा
को
कहना
चाहिए
कि
क्या
विपक्ष
को
तोड़ने
की
कोशिशें
हो
रही
हैं।
क्या
उन्होंने
शिवसेना
को
नहीं
तोड़ा?
क्या
एनसीपी
को
तोड़ने
की
कोशिशें
नहीं
हो
रही
हैं?
शरद
पवार
साहेब
खुद
ही
यह
कह
रहे
हैं।'
उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी लिखा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अगले साल नवंबर में होने हैं। उससे पहले बीएमसी चुनाव और लोकसभा चुनाव होने हैं। इस वजह से प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण बनने की अटकलें भी लग रही हैं।
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