कौन हैं उद्धव के भाई जयदेव जो शिंदे के साथ रैली में दिखे, जानें बाला साहेब ने उन्हें क्यों नहीं दी संपत्ति
नई दिल्ली, 06 अक्टूबर। महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त बड़ा सवाल यह है कि 'शिवसेना' आखिर किसकी है। क्योंकि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिंदे अपने खेमे को असली बता रहे हैं, तो वहीं, दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे अपने खेमे को। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिंदे और उद्धव ने दशहरे के मौके पर आयोजित रैली में भी शिवसेना को असली वारिस बताया। साथ ही इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला।
उद्धव
ने
शिंदे
को
बताया
कटप्पा
मुबंई
के
शिवजी
पार्क
में
आयोजित
दशहरा
की
रैली
को
संबोधित
करते
हुए
उद्धव
ठाकरे
ने
शिंदे
को
गद्दार
बताया।
उन्होंने
ने
कहा
कि
मंत्री
पद
का
ठप्पा
कुछ
दिनों
के
लिए
होता
है,
लेकिन
गद्दार
का
ठप्पा
हमेशा
के
लिए
होता
है।
उद्धव
ने
शिवाजी
पार्क
में
आयोजित
रैली
में
उपस्थित
हुए
लोगों
पर
भी
जवाब
दिया।
उन्होंने
कहा
कि
इस
रैली
में
जितने
लोग
उपस्थित
हुए
हैं,
सभी
वफादार
सैनिक
हैं।
किसी
ने
यहां
आने
के
लिए
एक
रुपया
नहीं
लिया
है।
रैली
में
संबोधन
के
दौरान
उन्होंने
कहा
कि
हर
साल
कि
तरह
इस
बार
भी
रावण
का
दहन
होगा।
हमारे
में
पास
इस
बार
10
रावण
हैं।
इसके
अलावा
उद्धव
ने
शिंदे
पर
हमला
बोलते
हुए
कहा
कि
शिंदे
दूसरे
के
पिता
(बाल
ठाकरे)
के
नाम
चुराते
हैं।
अगर
दम
है
तो
अपने
पिता
का
नाम
इस्तेमाल
करके
चुनाव
लड़े।
साथ
ही
उद्धव
ने
कहा
कि
शिंदे
शिवसेना
प्रमुख
बनने
के
हकदार
नहीं
हैं।
शिंदे
के
साथ
दिखे
जयठाकरे
और
भतीजे
बांद्रा
कुर्ला
कॉम्प्लेक्स
में
आयोजित
मुख्यमंत्री
शिंदे
की
रैली
में
उद्धव
ठाकरे
के
बड़े
भाई
जयदेव
ठाकरे
भी
नजर
आए।
इसके
अलावा
उनकी
रैली
में
उद्धव
के
सबसे
बड़े
भाई
दिवंगत
बिंदुमाधव
ठाकरे
के
बेटे
निहार
भी
मंच
पर
नजर
आए।
मंच
से
संबोधन
के
दौरान
निहार
ने
मुख्यमंत्री
शिंदे
को
अपना
पसंदीदा
बताया।
उन्होंने
कहा
कि
शिंदे
हमेशा
से
गरीबों,
वंचितों
और
किसानें
की
मदद
करते
आ
रहे
हैं।
कौन
हैं
जयदेव
ठाकरे?
बाला
साहेब
के
तीन
बेटों
मे
उद्धव
ठाकरे
सबसे
छोटे
हैं।
सबसे
बड़े
बेटे
बिंदु
माधन
की
एक
सड़क
हादसे
में
मौत
हो
गई
थी।
वहीं,
दूसरे
नंबर
पर
जयदेव
ठाकरे
हैं।
कई
मीडिया
रिपोर्ट्स
की
मानें
तो
जब
बाला
साहेब
जिंदा
थे,
तब
भी
जयदेव
की
उनसे
नहीं
बनती
थी।
इसकी
खबरें
भी
मीडिया
में
अक्सर
आती
रहती
थीं।
कहा
जाता
है
कि
एक
बार
बाला
साहेब
जयदेव
से
इतना
परेशान
हो
गए
थे
कि
उन्होंने
अपने
सामना
अखबार
में
संपादकीय
लिख
दिया
था।
इस
संपादकीय
के
जरिए
उन्होंने
कहा
कि
वह
लड़का
एक
त्रासदी
है।
बाला साहेब और जयदेव के बीच रिश्तों के बिगड़ने की शुरुआत 1990 से हुई, जब जयदेव ने अपनी पहली पत्नी जयश्री को छोड़ दिया। क्योंकि बाला साहेब नहीं चाहते थे कि जयदेव ऐसा करें। वहीं, यह तकरार तब और बढ़ गई, जब जयदेव ने अपनी दूसरी पत्नी स्मिता ठाकरे से भी अलग होने का फैसला किया। दूसरी पत्नी से अलग होने के बाद जयदेव ने घर ही छोड़ दिया और तीसरा पत्नी अनुराधा से शादी की। यही वजह थी कि बाला साहेब ने अपनी वसीयत में जयदेव को एक भी हिस्सा नहीं दिया। हालांकि, उन्होंने दूसरे पत्नी स्मिता और पोते के नाम संपत्ति जरूर कर दी थी। तब से ही जयदेव उद्धव ठाकरे के खिलाफ रहते हैं।
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