MP: भारत-ओमान रिफाइनरीज के निजीकरण का रास्ता साफ, बीपीसीएल ने किया अधिग्रहण, पढ़िये पूरी खबर
सागर, 02 जुलाई। मप्र के बीना में स्थापित भारत-ओमान ऑयल रिफाइनरीज लिमिटेड (BORL) के निजीकरण का रास्ता साफ हो गया है। बीते दिनों भारत पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड (BPCL) ने बीओआरएल का पूर्ण रुप से अधिग्रहण कर लिया है। मध्य भारत की इस रिफाइनरी को टेकओवर करने के लिए काफी लंबे समय से प्रक्रिया चल रही थी, इसमें ओमान सरकार, बीपीसीएल और मप्र सरकार की हिस्सेदारी थी, जिसे बीपीसीएल ने खरीद लिया है। आगामी समय में भारत पेट्रोलियम कंपनी के निजीकरण के साथ ही बीना रिफाइनरी का भी निजीकरण हो जाएगा।
सागर जिले के बीना में साल 2011-12 में भारत ओमान ऑयल रिफाइनरी को पूर्ण क्षमत के साथ प्रारंभ किया गया था। इसे कच्चे तेल के शोधन संयंत्र के रुप में बीपीसीएल की अनुशांगिक इकाई के रुप में संचालित किया जा रहा था। साल 2020-2021 से बीपीसीएल के निदेशक मंडल ने बीओआरएल को टेकओवर करने की सहमति जता दी थी, तब से प्रक्रिया चल रही थी। अब जाकर बीओआरएल पूर्ण रुप से बीपीसीएल बन गई है। यह बता दें कि बीना रिफाइनरी एक बहु उपयोगी रिफायनरी है जो 47 तरह के क्रूट को रिफाइन करती है।
ओमान
ऑयल
और
मप्र
सरकार
की
भी
हिस्सेदारी
थी
भारत
ओमान
रिफाइनरी
लिमिटेड
बीना
में
बीपीसीएल
की
शेयर
हिस्सेदारी
52
फीसदी
के
आसपास
थी,
जबकि
ओमान
सरकार
की
हिस्सेदारी
पहले
39
प्रतिशत
से
अधिक
थी,
बाद
में
यह
घटकर
36
प्रतिशत
बची
थी।
इसके
अलावा
स्थापना
से
लेकर
अभी
तक
मप्र
सरकार
की
हिस्सेदारी
भी
इसमें
बराबर
रही
है।
हर
साल
करीब
250
करोड
रुपए
की
मदद
राज्य
सरकार
की
तरफ
से
होती
थी।
इसे
2025-26
तक
किया
जाना
था।
बीपीसीएल
मप्र
सरकार
की
हिस्सेदारी
भी
चुका
रही
है।
कर्मचारियों के पद की रैंक घटी तो विरोध में उतरे
बीओआरएल
रिफाइनरी
पर
एक
नजर
-
भारत
ओमान
ऑयल
रिफानरीज
ओमान
सरकार
के
सहयोग
से
स्थापित
हुई
थी।
-
केंद्र
के
पेट्रोलियम
और
प्राकृतिक
गैस
मंत्रालय
के
स्वामित्व
में
है।
-
मप्र
के
सागर
जिले
में
बीना
में
स्थापित
है।
इसे
बीना
रिफाइनरी
के
नाम
से
भी
जाना
जाता
है।
-
यह
भारत
पेट्रोलियम
की
सहायक
कंपनी
के
रुप
में
साल
2011
से
काम
कर
रही
है।
-
बीओआरएल
की
सालाना
क्षमता
78
लाख
टन
क्रूड
रिफाइन
करने
की
है
-
बीना
रिफाइनरी
गुजरात
के
वाडिनार
से
935
किलोमीटर
लंबी
पाइप
लाइन
के
माध्यम
से
कच्चा
तेल
लाती
है।
-
रिफाइनरी
के
उत्पादों
को
257
किलोमीटर
लंबी
पाइप
लाइन
से
बीना-कोटा
ले
जाया
जाता
है।
उत्तर
और
मध्य
भारत
के
बाजार
तक
पहुंचाया
जाता
है।
बीना
के
पेट्रोलियम
उत्पाद
को
कोटा
पाइप
लाइन
के
बाद
मुंबई-मनमाड
और
बिजवासन
पाइप
लाइन
से
जोडा
जाता
है।