निकाय चुनावः मंत्रियों के गढ़ में कांग्रेस का सफाया, सारी सीटें भाजपा जीती
सागर, 30 सितंबर। मप्र में नगरीय निकाय चुनाव के तीसरे दौर में सागर जिले से आने वाले कद्दावर मंत्रियों के गढ़ खुरई और गढ़ाकोटा में कांग्रेस का सफाया हो गया। इधर तीसरी नगरीय निकाय कर्रापुर में कांग्रेस 15 में से 2 सीटें झटकने में कामयाब रही तो बसपा ने 1 सीट से खाता खोल लिया। यहां कुल 15 पार्षद पदों में से 9 पर भाजपा, और 3 पर निर्दलीय जीतकर आए हैं।

सागर जिले में खुरई और गढ़कोटा नगर पालिकाओं का सीमा विस्तार और कर्रापुर को नई नगर पंचायत परिषद बनाया गया था। इस कारण यहां तीसरे दौर में निकाय चुनाव आयोजित किए गए थे। 27 सितंबर को तीनों निकायों में पार्षद पदों के लिए वोटिंग हुई थी, तो शुक्रवार को यहां मतगणना संपन्न हुई। खरई और गढ़ाकोटा नगर पालिकाओं में भाजपा ने एतिहासिक जीत दर्ज करने हुए सभी 32 और 23 सीटों पर कब्जा जमा लिया है। यहां से कांग्रेस सहित अन्य दलों व निर्दलीयों का खाता भी नहीं खुल सका। बता दें कि खुरई नगर पालिका प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह एवं गढ़ाकोटा नगर पालिका पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के विधानसभा क्षेत्र हैं। खुरई में तो पहले ही 21 वार्ड निर्विरोध हो चुके थे। बाकी 11 वार्ड भी भाजपा की झोली में गए हैं। यहां कांग्रेस का नाम लेने वाला तक नहीं बचा है। महज 3 वार्डों में कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारे थे, जो बुरी तरह हार गए।
कर्रापुर में भाजपा को बहुमत, कांग्रेस से ज्यादा निर्दलीय
कर्रापुर नगर पंचायत परिषद के लिए पहली दफा चुनाव हुए हैं। इसमें कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया था, एक-एक वार्ड में प्रचार-प्रसार कर भाजपा को मात देने की भरसक कोशिश की थी। बावजूद इसके कुल 15 पार्षद पदों में से कांग्रेस महज 2 पर कब्जा जमा पाई। 9 पार्षद भाजपा के आए हैं। यहां कांग्रेस से एक सीट ज्यादा अर्थात 3 पार्षद निर्दलीय और 1 पार्षद बसपा से जीतकर आया है।
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खुरई में वोटिंग से पहले ही अध्यक्ष तय हो गया था
खुरई जिले में अपने आप में इकलौती विधानसभा और नगर पालिका बन गई है, जहां वोटिंग से पहले ही कई सारी बातें सामने आ जाती हैं। यहां कुल 32 पार्षद सीटों में से 21 पर भाजपा के पार्षद निर्विरोध जीत गए थे। वहीं मंत्री भूपेंद्र सिंह के भतीजे और मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह जो यहां चुनाव की पूरी कमान संभाल रहे थे, उन्होंने पहले ही मंत्री की सहमति लेकर घोषणा कर दी थी कि नगर पालिका में अनुसूचित जाति वर्ग से महिला पार्षद को अध्यक्ष बनाया जाएगा। यहां एक और मामला सामने आया था। कांग्रेस के नेता व पूर्व विधायक अरुणोदय चौबे के कांग्रेस समर्थक तीन लोगों को भाजपा ने पार्षद टिकट देकर निर्विरोध चुनाव जिता दिया था। पूर्व विधायक चौबे भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं, जल्द ही वे भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं।