UP: 6 साल पुराने तोड़फोड़ और हिंसा मामले में रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर समेत 9 पर आरोप तय
UP: 6 साल पुराने तोड़फोड़ और हिंसा मामले में रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर समेत 9 पर आरोप तय
लखनऊ, 31 जुलाई: एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी, कांग्रेस नेता राज बब्बर, शैलेन्द्र तिवारी समेत नौ लोगों पर राजधानी लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में छह साल पहले हुई हिंसा मामले में आरोप तय कर दिया है। वहीं, स्पेशल कोर्ट के जज पवन कुमार राय ने इस मामले के गवाहों को तलब किया है। गवाही के लिए इस मामले में अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
इसके पहले शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई के समय सांसद रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर, शैलेन्द्र तिवारी, राजेश पति त्रिपाठी, बोधलाल शुक्ला, ओंकार नाथ सिंह, मनोज तिवारी, रमेश मिश्रा और प्रहलाद प्रसाद द्विवेदी कोर्ट में हाजिर थे। हालांकि, निर्मल खत्री, मधुसूदन मिस्त्री, प्रदीप कुमार माथुर, केके शर्मा, अजय राय और प्रदीप जैन आदित्य गैरहाजिर थे। कोर्ट ने गैरहाजिर आरोपियों की हाजिरी माफी देते हुए आरोपियों की पत्रावली को अलग करते हुए हाजिर आरोपियों पर आरोप तय कर दिए।
कोर्ट ने गैरहाजिर आरोपियों की हाजिरी माफी केवल शुक्रवार के लिए स्वीकृत करते हुए कहा कि यदि अगली तारीख पर आरोपी हाजिर होकर आरोप नहीं तय कराते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी मामले के तीन फ़रार आरोपियों शारिक अली, पप्पू खान, राजकुमार लोधी को फ़रार घोषित करते हुए इनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के साथ कुर्की की कार्यवाही से पहले की नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आरोपियों पर 14 धाराओं में आरोप तय किए हैं।
क्या
है
मामला
गौरतलब
है
कि
17
अगस्त,
2015
को
दरोगा
प्यारेलाल
प्रजापति
ने
थाना
हजरतगंज
में
रिपोर्ट
दर्ज
कराई
थी।
इसमें
कहा
गया
कि
कांग्रेस
पार्टी
का
लक्ष्मण
मेला
स्थल
पर
धरना-प्रदर्शन
था।
करीब
पांच
हजार
कार्यकर्ताओं
के
साथ
अचानक
यह
सभी
अभियुक्तगण
धरना
स्थल
से
विधान
सभा
का
घेराव
करने
निकल
पड़े।
इन्हें
समझाने
व
रोकने
का
प्रयास
किया
गया,
लेकिन
नहीं
माने।
भीड़
संकल्प
वाटिका
के
पास
पथराव
करने
लगी
जिससे
भगदड़
मच
गई।
इसमें
गई
एडीएम,
एसपी
पूर्वी
समेत
हुए
बहुत
से
पुलिस
अधिकारी-कर्मी
और
पीएसी
के
जवान
घायल
हुए
थे।