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यूपी में 'राम भरोसे' है छोटे शहरों और गांवों का हेल्थ सिस्टम- हाईकोर्ट

उत्तर प्रदेश के गांवों और छोटे शहरों में चिकित्सा प्रणाली की खस्ताहाल स्थिति पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सख्त टिप्पणी की है।

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लखनऊ, 18 मई। उत्तर प्रदेश के गांवों और छोटे शहरों में चिकित्सा प्रणाली की खस्ताहाल स्थिति पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सख्त टिप्पणी की है। सोमवार को राज्य में कोरोना वायरस फैलने और क्वारंटाइन सेंटरों की स्थिति को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यूपी के गांवों और छोटे शहरों में चिकित्सा प्रणाली राम भरोसे है।

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Allahabad High Court बोला UP में राम भरोसे है छोटे शहरों और गांवों का Health System | वनइंडिया हिंदी
Allahabad High Court

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और अजीत कुमार की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने मेरठ के एक अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड में भर्ती संतोष कुमार (64) की मौत को ध्यान में रखते हुए यह टिप्पणी की।

एक जांच रिपोर्ट के अनुसार, वहां के डॉक्टर उसकी पहचान करने में विफल रहे और शव को अज्ञात के रूप में ठिकाने लगा दिया। संतोष 22 अप्रैल को अस्पताल के एक बाथरूम में बेहोश हो गए थे और उन्हें ठीक करने के प्रयास किए गए लेकिन उनकी मृत्यु हो गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार अस्पताल के कर्मचारी उनकी पहचान नहीं कर सके और उनकी फाइल का पता लगाने में असफल रहे और उन्हें अज्ञात घोषित कर दिया। उसके बाद उनके शव को एक बैग में पैक किया गया और उसको ठिकाने लगा दिया गया।

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कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज की यह स्थिति है तो उत्तर प्रदेश के गांवों और छोटे शहरों की स्वास्थ्य प्रणाली को राम भरोसे ही छोडा़ जा सकता है।
कोर्ट ने आगे कहा कि यदि डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपना कर्तव्य निभाने के प्रति इस तरह का रवैया अपनाते है और लापरवाही बरतते हैं तो यह सीधे-सीधे दुराचार का मामला है क्योंकि यह निर्दोष लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने जैसा है और राज्य को जिम्मेदार लोगों के प्रति सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

पांच जिलों के जिलाधिकारियों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर नजर डालने के बाद अदालत ने कहा, 'हमें यह कहने में बिल्कुल भी हिचकिचाहट नहीं कि शहर और गांव में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए स्वास्थ्य ढांचा नाकाफी है और गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।'

कोर्ट ने राज्य सरकार को पूर्व में जारी अपने निर्देश के अनुसार एक बेहतर स्वास्थ्य देखभाग का बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने को कहा। वहीं कोरोना वायरस टीकाकरण के मुद्दे पर कोर्ट ने सुझाव दिया कि विभिन्न धार्मिक संघठनों को दान करके कर कानूनों के तहत लाभ लेने वाले बड़े व्यापारिक घरानों को इस दान को वैक्सीन के ऊपर खर्च करने के लिए कहा जा सकता है।

अदालत ने आगे कहा कि प्रत्येक नर्सिंग होम/अस्पताल जहां 20 से ज्यादा बेड हैं, उनमें से 40% बेड आईसीयू के लिए खाली रखे जाने चाहिए और जिन अस्पतालों और नर्सिंग होम में 30 ज्यादा बेड हैं वहां आवश्यक रूप से ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले प्लांट की व्यवस्था होनी चाहिए।

अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 22 मई तय करते हुए सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश के हर दूसरे और तीसरे स्तर के शहर में कम से कम 20 एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जानी चाहिए और हर गांव में आईसीयू की सुविधा से लैस कम से कम दो एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

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English summary
Allahabad High Court said Medical System In UP's Small Cities, Villages Ram Bharose
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