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Akhilesh Yadav Birthday : जानिए सैफई का 'टीपू' कैसे बना यूपी CM अखिलेश,भौकाल मचाने जिप्सी से जाते थे कॉलेज

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लखनऊ, 01 जुलाई: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आज जन्मदिन है। अखिलेश यादव 48 वर्ष के हो गए हैं। अखिलेश का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गांव में मुलायम सिंह यादव और उनकी पहली पत्नी मालती देवी के घर हुआ था। अखिलेश यादव को बचपन में सब टीपू नाम से बुलाते थे। जन्मदिन के मौके पर Oneindia Hindi आपको अखिलेश यादव के सैफई के टीपू से लेकर यूपी के सीएम बनने तक का सफर बता रहा है जो काफी रोचक है। इसमें अखिलेश यादव की कॉलेज लाइफ का भौकाल रूप है तो डिंपल के साथ की प्रेम कहानी भी है। साथ ही जानिए यूपी को मिले इस सबसे युवा सीएम के वो सियासी किस्से जो आज भी काफी चर्चित हैं।

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किसने रखा अखिलेश का नाम 'टीपू' ?

किसने रखा अखिलेश का नाम 'टीपू' ?


उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा जिले में स्थित एक बड़ा गांव व कस्बा है जिसका नाम सैफई है। यह एक तहसील के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का जन्मस्थान भी है। मुलायम सिंह यादव का परिवार सैफई में रहता था। मुलायम के बेटे और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का जन्म भी इसी सैफई गांव में हुआ था।सैफई गांव के ग्राम प्रधान दर्शन सिंह मुलायम के पारिवारिक दोस्त भी थे। उन्होंने ही मुलायम के बेटे का नाम टीपू रख दिया था। इसके बाद अखिलेश का नाम टीपू पड़ गया। अखिलेश यादव इटावा के सेंट मैरीज स्कूल में नर्सरी से कक्षा 3 तक की पढ़ाई की। तब चाचा रामपाल सिंह उन्हें साइकिल पर बैठा कर स्कूल लाते थे।

कॉलेज के दिनों में कई बार लगी बैक

कॉलेज के दिनों में कई बार लगी बैक

अखिलेश ने राजस्थान के धौलपुर के मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई के बाद मैसूर के जेएसएस साइंस ऐंड टेक्नॉलजी यूनिवर्सिटी से सिविल इन्वायरमेंट इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई की। अखिलेश ने 2017 में एक न्यूज वेबसाइट के साथ इंटरव्यू में बताया था कि कॉलेज के दिनों में कई बार उनकी बैक लग चुकी है।

कॉलेज में भौकाल दिखाने के लिए खरीदी थी जिप्सी

कॉलेज में भौकाल दिखाने के लिए खरीदी थी जिप्सी

अखिलेश ने कॉलेज के दिनों में भौकाल दिखाने के लिए जिप्सी खरीदी थी। अखिलेश ने एक इंटरव्यू में अपने कॉलेज के दिनों की बातें शेयर करते हुए बताया था, ''उस समय जिप्सी सबसे बड़ी जीप होती थी। मैंने सोचा था कि अगर कॉलेज में जिप्सी होगी तो माहौल अलग होगा।'' अखिलेश ने इंटरव्यू के दौरान ही वहां मौजूद लोगों से सवाल किया 'जिप्सी होने का मतलब क्या है?' इस पर लोगों ने तेज आवाज में कहा 'भौकाल'। इस पर अखिलेश ने कहा, ''ये लखनऊ वाले भौकाल से आगे नहीं जा रहे हैं।''

2000 में ऐसे हुई राजनीतिक पारी की शुरुआत

2000 में ऐसे हुई राजनीतिक पारी की शुरुआत

अखिलेश यादव राजनीति से बेहद दूर थे। साल 2000 में अखिलेश यादव की राजनीतिक पारी की शुरुआत हुई। दरअसल, 1999 में लोक सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव यूपी की 2 लोकसभा सीट (संभल और कन्नौज) से एक साथ चुनाव जीते थे। मुलायम ने कन्नौज सीट से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद कन्नौज सीट खाली हो गई। पार्टी को अब ऐसे नेता की तलाश थी, जो कन्नौज सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सके और जीत की भी गारंटी हो। सपा उम्मीदवार की तलाश में जुटी हुई थी।

मुलायम ने जनेश्वर मिश्र से पूछा- किसे दिया जाए टिकट ?

मुलायम ने जनेश्वर मिश्र से पूछा- किसे दिया जाए टिकट ?

इसी बीच सपा के वरिष्ठ नेता जनेश्वर मिश्र मुलायम के साथ एक बैठक में हिस्सा लेने उनके घर पहुंचे। उन्होंने कन्नौज सीट पर उम्मीदवार की चर्चा की। बताते हैं कि बैठक के दौरान मुलायम सिंह कुछ बड़े चेहरों की चर्चा कर रहे थे, लेकि जनेश्वर मिश्र ने किसी नाम पर सहमती नहीं दिखाई। हालांकि, जनेश्वर मिश्र के चेहरे पर मुस्कुराहट थी। मुलायम ने पूछा, पंडित जी आप कुछ छिपा रहे हैं, आपकी यह मुस्कान बहुत कुछ कह रही है। मुझसे बेहतर आपको कोई नहीं समझ सकता है। आखिर आपने तो हमसे सारे नाम पूछ लिए, पंडित जी अब आप ही बताइए कन्नौज से कौन जीत सकता है? किसे टिकट दिया जाए?

जनेश्वर मिश्र ने कहा- टीपू को टिकट दिया जाए

जनेश्वर मिश्र ने कहा- टीपू को टिकट दिया जाए

मुलायम के पूछते ही जनेश्वर मिश्र ने कहा कि टीपू को टिकट दिया जाए। जनेश्वर की इस बात से मुलायम चौंक गए। हैरत भरे अंदाज में उन्होंने पूछा- टीपू, मतलब अखिलेश। जनेश्वर मिश्र बोले- 'हां, नेता जी... टीपू, अखिलेश यादव को इस बार कन्नौज से लोक सभा का उपचुनाव लड़ाना चाहिए।'' मुलायम ने कहा- मेरे ऊपर परिवारवाद का आरोप लगेगा अगर मैं अपने बेटे को लोक सभा उपचुनाव का टिकट दूंगा।

कन्नौज उपचुनाव जीता और पहली बार सांसद बने

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जनेश्वर मिश्रा ने मुलायम सिंह से कहा कि यह लड़ाई सत्ता के परिवारवाद की नहीं बल्कि संघर्ष के परिवारवाद की है। उन्होंने मुलायम को यह विश्वास दिलाया कि अखिलेश सपा को बहुत आगे ले जाएंगे। मुलायम ने पार्टी में सभी लोगों से बात करने के लिए एक महीने का समय मांगा। जनेश्वर मिश्र ने कहा कि आपको एक हफ्ते में ही फैसला लेना होगा। मुलायम ने जनेश्वर मिश्र से 10 दिन का समय मांगा। उधर, जनेश्वर मिश्र ने टीपू से बातचीत फाइनल कर ली। जनेश्वर मिश्र दूसरे दिन ही मुलायम सिंह यादव के पास पहुंच गए। आखिरकार कन्नौज लोकसभा उपचुनाव में अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी घोषित किए गए। मुलायम सिंह यादव ने कहा, ''पंडित जी आप अखिलेश से नामांकन में जरूर शामिल होंगे और अमर सिंह, प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी रहेंगे।'' कन्नौज से राजनीति की पहली सीढ़ी चढ़ने में अखिलेश कामयाब रहे। अखिलेश यादव ने कन्नौज उपचुनाव जीता और पहली बार सांसद बने।

2012 में बनी सपा सरकार, अखिलेश यादव बने मुख्यमंत्री

2012 में बनी सपा सरकार, अखिलेश यादव बने मुख्यमंत्री

इसके बाद अखिलेश यादव लगातार कन्नौज से सांसद बनते रहे। 3 जून 2009 को समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। 2012 विधानसभा चुनाव में 224 सीटों के साथ यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने।

आस्ट्रेलिया से डिंपल को 'गुलाबी खत' भेजा करते थे अखिलेश, पहली नजर में आया था पहाड़ी बाला पर दिलआस्ट्रेलिया से डिंपल को 'गुलाबी खत' भेजा करते थे अखिलेश, पहली नजर में आया था पहाड़ी बाला पर दिल

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English summary
akhilesh yadav former chief minister of uttar pradesh birthday special story
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