13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने बच्चे को दिया जन्म, पिता ने अपनाने से किया मना, कहा - "समाज जीने नहीं देगा"
उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने मंगलवार की दोपहर एक बेटे को जन्म दिया है। मगर पीड़ित बच्ची के पिता ने इस जन्मे बच्चे को अपनाने से मना कर दिया है। पिता के मुताबिक वह नाजायज औलाद है।
उत्तर प्रदेश के कौशांबी में एक 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता ने मंगलवार की दोपहर एक बेटे को जन्म दिया है। नार्मल डिलेवरी के बाद जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ बताए जा रहे है। मगर परेशानी की बात ये है कि पीड़ित बच्ची के पिता ने इस जन्मे बच्चे को अपनाने से मना कर दिया है। उसके जन्म से पूरा परिवार असमंजस में पड़ गया है और काफी हैरान परेशान है। पीड़ित किशोरी के पिता ने डाक्टरों से साफ़ शब्दों में बच्चे को अपनाने से इंकार कर दिया है। वहीं अस्पताल के सीएमएस डॉ दीपक सेठ द्वारा उन्हें समझाने की काफी कोशिश की जा रही है।
"समाज
ताने
मार-मार
के
जान
ले
लेगा"
-
पीड़ित
का
पिता
दरअसल,
कौशांबी
के
चरवा
थाना
क्षेत्र
में
एक
13
वर्षीय
दुष्कर्म
पीड़िता
ने
मंगलवार
की
दोपहर
12
बजकर
6
मिनट
पर
जिला
अस्पताल
के
प्रसव
कक्ष
में
बेटे
को
जन्म
दिया
है।
बेटे
के
जन्म
लेते
ही
पीड़ित
किशोरी
का
पिता
बदहवास
हो
गया।
उसका
कहना
है
कि
उसे
समझ
नहीं
आ
रहा
कि
वह
पीड़ित
बेटी
के
9
माह
से
हो
रहे
दर्द
के
ख़त्म
होने
की
खुशी
मनाये
या
फिर
अनचाहे
बच्चे
को
अपना
कर
समाज
में
अपने
परिवार
को
हसी
का
पात्र
बनाए।
पीड़ित
पिता
के
मुताबिक
बच्चा
उसे
नहीं
चाहिए
क्योकि
वह
नाजायज
औलाद
है।
केवल
उसे
उसकी
बच्ची
चाहिए।
बेटी
की
जिंदगी
को
सवारने
के
लिए
उसे
पढ़ा
लिखा
कर
लायक
बनाऊगा।
शायद
ऐसा
करने
से
उसकी
जिंदगी
बन
जाय।
यदि
मैंने
बच्चे
को
अपना
लिया
तो
पढ़ना
लिखना
छोड़िये,
उसकी
अन्य
बेटियों
की
जिंदगी
भी
बर्बाद
हो
जाएगी।
वो
सब
नाजायज
औलाद
कहलाए
जाएंगे,
कोई
मर्यादा
नहीं
रह
जाएगी।
हमें
हर
कोई
आते
जाते
ताना
मारेगा
और
लोग
बहुत
परेशान
करेंगे।
जो
गांव
में
दबंग
लोग
है
वह
और
परेशान
करेंगे।
तरह
तरह
की
बात
कर
उसकी
जिंदगी
मुश्किल
कर
देंगे।
शकल
तक
नहीं
देखना
चाहते
सीएमएस
डॉ
दीपक
सेठ
ने
बताया,
अदालत
के
आदेश
के
क्रम
में
पीड़ित
का
सामान्य
प्रसव
करा
दिया
गया
है।
जच्चा-बच्चा
दोनों
स्वस्थ
है।
बच्चे
को
आईसीयू
में
सुरक्षा
कारणों
से
रखा
गया
है।
पीड़ित
बच्ची
के
पिता
को
बच्चे
की
सुपुर्दगी
देने
की
कोशिस
की
गई
लेकिन
वह
किसी
भी
हालत
में
बच्चो
के
लेना
तो
छोड़िये
देखने
तक
को
तैयार
नहीं
है।
फिर
भी
उन्हें
समझाने
की
कोशिश
की
जा
रही
है
और
साथ
ही
उच्चाधिकारियों
को
इस
बारे
में
सूचित
कर
दिया
गया
है।
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