शराब माफिया मोती को पांच दिन बाद भी नहीं तलाश सकी कासगंज पुलिस, अब मां को किया गिरफ्तार
Kasganj News, कासगंज। शराब माफिया मोती धीमर को कासगंज पुलिस की आठ टीमें बीते पांच दिनों से दिन और रात तलाश रही है। लेकिन उसका अभी तक कोई सुराग पुलिस को नहीं लग सका है। वहीं, पुलिस ने मोती धीमर के ऊपर गुरुवार को 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया था। पुलिस का कहना है कि जो भी मोती धीमर की जानकारी देगा ये इनाम की राशि उसे दी जाएगी। इस बीच पुलिस ने मोती की मां गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि वारदात के दौरान मोती की मां घटनास्थल पर मौजूद थी। उन्होंने न केवल हत्यारे बेटों और उसके साथियों को हमला करने के लिए उकसाया, बल्कि लाठी-डंडे और भाले भी लाकर दिए।

दरअसल, 9 फरवरी की शाम को कॉन्स्टेबल देवेंद्र सिंह और दरोगा अशोक पाल के साथ नगला धीमर गांव में अवैध शराब बनने की सूचना पर दबिश देने पहुंचे थे। इस दौरान शराब माफियाओं ने दोनों को बंधक बना लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा। पिटाई से कॉन्स्टेबल देवेंद्र सिंह की शहीद हो गए। वहीं, दरोगा अशोक कुमार का अभी इलाज चल रहा है। इस वारदात का मुख्य आरोपी मोती धीमर वारदात के बाद से फरार चल रहा है। वहीं, कासगंज पुलिस ने मोती की मां रूपमती धीमर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी महिला को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वो सरावल के पास से जिला छोड़कर भागने की तैयारी में थी। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के बाद उसे पकड़ा है।
एसएसपी कासगंज मनोज सोनकर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मोती धीमर की मां रूपमती ने अपने बेटे को इस हत्या के लिए उकसाया था। पुलिस ने शुक्रवार की सुबह उसे गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले अलीगढ़ रेंज के आईजी पीयूष मोरडिया ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कासगंज में पुलिसकर्मियों पर हमले और कॉन्स्टेबल की हत्या के आरोप में दो नामजद समेत छह अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, मोती धीमर की गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 9 फरवरी की शाम को कासगंज जिले के नगला धीमर और नगला भिकारी गांव में अवैध शराब बनने की सूचना पुलिस को मिली थी। सूचना पर सिढ़पुरा थाने के दरोगा अशोक पाल और कॉन्स्टेबल देवेंद्र सिंह मंगलवार की शाम को नंगला धीमर गांव में शराब माफिया के यहां दबिश देने गए थे। जहां शराब माफिया ने दोनों को बंधक बनाकर बुरी तरह से पीटा। दोनों की वर्दी फाड़ दी और मरा जानकर खेतों में पड़ा छोड़ फरार हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कॉन्स्टेबल देवेंद्र दरोगा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां कॉन्स्टेबल देवेंद्र को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। वहीं, पुलिस टीम पर इस तरह के हमले की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिसके बाद सीनियर अफसर और भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई थी।
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