कानपुर अपहरण कांड: पुलिस के सामने से फिरौती के 30 लाख लेकर भागे बदमाश, बेटा भी नहीं मिला
कानपुर। 22 जून को कानपुर के बर्रा से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण हो गया था। अपहरणकर्ताओं ने उसे छोड़ने के एवज में परिजनों से 30 लाख रुपए की रकम की डिमांड की थी और रकम के साथ गुजैनी फ्लाईओवर के ऊपर बुलाया था। इसकी सूचना अपहृत युवक के परिजनों ने पुलिस को दी थी। जिसके बाद बर्रा थाने की पुलिस ने अपहरण कर्ताओं का पकड़ने के लिए जाल बुना, लेकिन वो पुलिस को गच्चा देकर फिरौती के 30 लाख रुपए लेकर फरार हो गए और अपहृत को भी नहीं छोड़ा। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की निगरानी में पैसे दिए गए।
30 लाख रुपए की मांगी थी फिरौती
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बर्रा पांच निवासी पान की दुकान चलाने वाले चमन यादव का बेटा संजीत 22 जून को बाइक समेत लापता हो गया था। पीड़ित परिवार ने बर्रा थाने में घटना की जानकारी दी, लेकिन पुलिस उसे तलाश नहीं कर सकी। परिजन पुलिस पर जल्द कार्रवाई करने का दबाव बनाने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। घटना के तीन दिन बाद पिता के मोबाइल पर बदमाशों ने फोन कर बेटे को छोड़ने के लिए सोमवार तक 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी। चमन ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने चमन को बरामद करने और बदमाशों को पकड़ने के लिए प्लान तैयार किया।
बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस ने किया प्लान तैयार
प्लान के तहत पुलिस ने पीड़ितों से 30 लाख रुपए की व्यवस्था करने को कहा। इस पर उन्होंने बर्रा-5 स्थित अपना मकान 20 लाख रुपये में बेचा। बेटी की शादी के लिए बनवाए जेवर बेचकर किसी तरह 30 लाख रुपयों की व्यवस्था की। सोमवार शाम करीब पांच बजे एक बाइक पर चमन यादव पुलिस के दिए हुए बैग में रुपयों के साथ निकले। चमन के भांजे हरीश कुमार ने बताया कि वह और उनके मामा के दोस्त एक अन्य बाइक से चमन पर दूर से निगाह बनाए हुए थे। मामा की बाइक से करीब 20 कदम की दूरी पर सादी वर्दी में दो पुलिसकर्मी और बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय अपनी प्राइवेट कार से उनका पीछा करते हुए चलने लगे।
30 लाख रुपए लेकर फरार हुए बदमाश
बदमाशों ने सबसे पहले मामा को उन्नाव अचलगंज चौराहे पर बुलवाया। यहां पहुंचने पर बदमाशों ने उन्हें वापस रामादेवी चौराहे पर बुलाया। कुछ देर इंतजार करने के बाद बदमाशों ने नौबस्ता चौराहे पर बुलाया और करीब एक घंटे इंतजार कराया। इसके बाद बदमाश ने फोन कर उन्हें गुजैनी हाईवे पर बुलाया। रात करीब आठ बजे हाईवे के ऊपर पहुंचने पर बदमाश ने फोनकर उनसे नीचे से गुजर रही रेलवे पटरी पर बैग फेंकने को कहा। पुलिस के इशारा करते ही उन्होंने बैग नीचे फेंक दिया। जब तक पुलिस हाईवे के किनारे से नीचे उतरकर पहुंची, बदमाश रुपयों से भरा बैग लेकर फरार हो गए। यह देख पुलिस हाथ मलती रह गई और परिजनों को भी घर भेज दिया।
बहन ने कहा था- बैग में जीपीएस लगवा दो
रकम चली जाने और भाई के न मिलने से दुखी बहन रुचि मंगलवार को परिजनों के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंची, लेकिन अधिकारी नहीं मिले। रुचि ने बताया कि पैसे देने से एक दिन पहले वह खुद एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता के कार्यालय गई थी। वहां पैसे चले जाने की आशंका जताते हुए बैग में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) डिवाइस लगवाने की राय दी थी, लेकिन उसे डांटकर शांत करा दिया था। अपनी विफलता पर अब अधिकारी पर्दा डालने की कोशिश में लगे हैं।
ये भी पढ़ें:- नेपाल के PM ओली के बयान पर भड़के इकबाल अंसारी, कहा- 'हनुमानजी का गदा चला तो...'