झारखंड सरकार देगी बड़ा तोहफा, करीब सात लाख शहरी आबादी को मिल सकेगा लाभ
झारखंड शहरी विकास और आवास विभाग ने शहरों में अनधिकृत आवासीय इमारतों को नियमित करने के लिए एक ड्राफ्ट योजना तैयार की है, इससे राज्य के कम से कम सात लाख शहरियों को फायदा मिलने की संभावना है। अधिकारियों के मुताबिक उन शहरी आवासों को नियमित करने की योजना है, जिनका निर्माण 31 दिसंबर, 2019 से पहले हुआ होगा। राज्य सरकार की इस पहल से अनधिकृत गैर-आवासीय इमारतों के मालिकों को भी बहुत बड़ी राहत मिलने की संभावना है। इस योजना को आसान और प्रभावी बनाने के लिए विभाग ने एक महीने तक लोगों से सुझाव और फीडबैक आमंत्रित किए हैं।
रांची
में
ही
थे
करीब
40,000
अनधिकृत
आवास
शहरी
विकास
विभाग
की
ओर
से
जारी
बयान
में
कहा
गया
है
कि
'मुख्यमंत्री
हेमंत
सोरेन
ने
शहरी
क्षेत्रों
में
अनधिकृत
आवासीय
इमारतों
को
नियमित
करने
के
लिए
'Plan-2022'को
मंजूरी
दे
दी
है।
इसके
तहत
लोगों
को
राहत
देने
की
प्रक्रिया
जल्द
शुरू
की
जाएगी।'
पहले
सरकार
ने
अर्बन
एरियाज
ऐक्ट,
2011
के
तहत
भी
कुछ
फीस
निर्धारित
करके
ऐसी
बिल्डिंगों
को
नियमित
करने
की
पहल
की
थी।
लेकिन,
बाद
में
सरकार
ने
लोगों
को
राहत
देने
के
लिए
उससे
ज्यादा
आसान
व्यवस्था
देने
का
फैसला
किया
है।
रांची
नगर
निगम
के
पहले
के
एक
सर्वे
के
मुताबिक
प्रदेश
की
राजधानी
में
स्थित
1.96
लाख
आवासों
में
से
सिर्फ
40,000
घर
अधिकृत
थे।
करीब
7
लाख
अनधिकृत
निर्माणों
का
अनुमान
शहरी
विकास
विभाग
के
मोटे
अनुमानों
के
अनुसार
राज्य
में
अनधिकृत
निर्माणों
की
संख्या
7
लाख
के
करीब
होगी।
लेकिन,
पहले
की
व्यवस्था
पर
कई
तरह
के
सवाल
उठाए
जा
रहे
थे।
इसलिए
राज्य
सरकार
ने
महसूस
किया
कि
लोगों
की
सुविधाओं
को
ध्यान
में
रखकर
नए
सिरे
से
पहल
किए
जाने
की
आवश्यकता
है।
जाहिर
है
कि
सोरेन
सरकार
जिस
दिशा
में
आगे
बढ़
रही
है,
उससे
प्रदेश
में
लाखों
लोग
लाभांवित
होने
जा
रहे
हैं।
इमारतों
की
ऊंचाई
15
मीटर
तक
होनी
चाहिए
झारखंड
सरकार
की
ओर
से
जो
योजना
तैयार
की
जा
रही
है,
उसका
अधिकार
उसे
झारखंड
म्यूनिसिपल
ऐक्ट
2011
के
सेक्शन
590
(1)
के
साथ-साथ
सेक्शन-434
के
तहत
मिला
हुआ
है।
इस
योजना
के
तहत
31
दिसंबर,
2019
से
पहले
बने
आवासीय
और
गैर-आवासीय
बिल्डिंगों
को
नियमित
किया
जाएगा।
प्रस्तावित
योजना
के
तहत
बिल्डिंग
की
ऊंचाई
15
मीटर
तक
हो
सकती
है,
लेकिन
ढांचा
सिर्फ
ग्राउंड
फ्लोर+3
मंजिल
(G+3)
होनी
चाहिए।
मामूली
शुल्क
लेने
का
प्रस्ताव
आवासीय
और
गैर-आवासीय
इमारतों
के
लिए
अलग-अलग
शुल्क
प्रस्तावित
किए
गए
हैं।
नगर
पंचायत
क्षेत्र
में
आवासीय
भवनों
को
नियमित
करने
का
शुल्क
50
रुपए
प्रति
वर्ग
मीटर
और
गैर-आवासीय
इमारतों
के
लिए
75
रुपए
प्रति
वर्ग
मीटर
रखने
का
प्रस्ताव
है।
जबकि,
नगर
परिषद
क्षेत्र
में
आवासीय
इमारतों
के
लिए
यह
शुल्क
75
रुपए
प्रति
वर्ग
मीटर
और
गैर-आवासीय
भवनों
के
लिए
यह
शुल्क
100
रुपए
प्रति
वर्ग
मीटर
रखा
गया
है।
इसी तरह नगर निगम, विकास प्राधिकार, आईएडीए, एनएसी, नगरपालिका क्षेत्र में अनधिकृत भवनों को नियमित किए जाने का शुल्क आवासीय के लिए 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर और गैर-आवासीय के लिए 150 रुपए प्रति वर्ग मीटर होगा।(इनपुट-पीटीआई)