झारखंडः शव के साथ अंधविश्वास, जिंदा करने के लिए गोबर के गड्ढे में महिला को धंसा कर रखा
लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड के सोरंदा गांव में अंधविश्वास का मामला सामने आया है, जहां एक महिला की मौत के बाद उसे जिंदा करने की घंटों कोशिश चलती रहे। लेकिन मृतक महिला के अंदर कोई गतिविधि नहीं दिखी। इसके बाद हार मानकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया।
वज्रपात होने से महिला की मौत
गुरुवार को बिजली गिरने से महिला की मौत हो गई। लेकिन उसका अंतिम संस्कार करने की जगह गांव के लोग उसे जिंदा करने में जुटे रहे। करीब आधे घंटे तक अंधविश्वास का ये खेल चलता रहा। लेकिन लाश के अंदर जान नहीं आ सकी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बारिश के दौरान सुनीता उरांव आम के बगीचे में मौजूद थी। इसी दौरान वज्रपात होने से सुनीता की मौत हो गई।
शव को गोबर में धंसाये रखा
इसके बाद ग्रामीण उसके शव को उठाकर ले आए फिर उसे गोबर के गड्ढे में गाड़कर मृतक महिला को जिंदा करने की कोशिश की। हालांकि जब काफी देर तक महिला की लाश में कोई गतिविधि नहीं हुई तो इसकी सूचना ग्रामीणों ने पंचायत के मुखिया कुलदीप उरांव और भंडरा थाने को दी। इसके बाद मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया फिर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने शव को कब्जे में लिया
वहीं इस पूरे मामले पर भंडरा प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. निरुपमा टोपनो का कहना है कि ग्रामीण अंधविश्वास से ऊपर उठकर इलाज पर भरोसा करें। वज्रपात से मौत के बाद गोबर का लेप लगाना या गोबर के गड्ढे में दफनाना नहीं चाहिए। इससे कुछ भी नहीं होता है. यदि कोई व्यक्ति वज्रपात की चपेट में आ गया है, तो उसे तत्काल इलाज के लिए अस्पताल लाना चाहिए। भंडरा थानाप्रभारी संत कुमार राय ने कहा कि लोगों ने अज्ञानतावश ऐसा किया। लोगों को ऐसी कही-सुनी बातों पर यकीन नहीं करना चाहिए।
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