हैदरपोरा एनकाउंटर: शव परिजनों को सौंपे जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला
श्रीनगर, 18 नवंबर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के हैदरपोरा में हुए कथित एनकाउंटर में मारे गए लोगों को शव परिजनों को सौंपने की मांग की है। तीन दिन के बाद भी शवों को अंतिम संस्कार के लिए ना दिए जाने से नाराज अब्दुल्ला श्रीनगर में धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि एनकाउंटर की सच्चाई के लिए जो जांच सरकार करा रही है, वो कराती रहे। कम से कम परिजनों को शव को दे दिए जाए ताकि वो उनका कपन-दफन कर सकें।
श्रीनगर में उमर अब्दुल्ला ने कहा, मजबूर होकर आज मुझे यह विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। मैं अपना गुस्सा और लाचारी व्यक्त करने के लिए बैठा हूं। हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए लोगों के शव परिवारों को नहीं लौटाए जा रहे हैं, उनको इसको लेकर विरोध तक नहीं करने दिया जा रहा है।
अब्दुल्ला ने बताया कि आज परिवार के लोगों को एसपी और कंट्रोल रूम की ओर से कॉल आई थी। उनको शव मिलने की उम्मीद थी लेकिनउन्हें 2-3 दिन बाद वापस आने को कहकर लौटा दिया गया। मुझे किसी जांच और सजा की बात नहीं कर रहा, उसको छोड़ दीजिए। मैं चाहता हूं कि कम से कम नागरिकों के शवों को उनको परिवारों को तो सौंप दें ताकि उनका सम्मान के साथ अंतिम संस्कार वो कर सकें।
क्या है पूरा मामला
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कश्मीर के हैदरपोरा में 15 नवंबर को हुए एक कथित एनकाउंटर में अल्ताफ भट और मुदस्सिर गुल नाम के दो लोगों की मौत हुई है। पुलिस का कहना है कि अल्ताफ और मुदस्सिर आतंकियों के मददगार थे। वहीं परिजनों और आसपास के लोगों का दावा है कि वो आम नागरिक थे और उनको फर्जी तरीके से मारा गया है। पुलिस ने अब तक शवों को परिजनों को नहीं दिया है, परिजन शवों की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
जांच के हुए आदेश
जम्मू कश्मीर के फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, मोहम्मद युसूफ तारिगामी जैसे नेताओं ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। जिसके बाद गुरुवार को ही जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हैदरपोरा मुठभेड़ की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए है। एडीएम रैंक के अधिकारी मामले की जांच करेंगे।
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