Kashmir: TRF आतंकियों के चार मददगार गिरफ्तार, श्रीनगर ग्रेनेड हमले में थे शामिल
कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन जारी है। जिसके तहत मंगलवार को एक बड़ी कामयाबी मिली, जहां चार आतंकी मददगारों को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया। ये आतंकी श्रीनगर में हुए ग्रेनेड हमले में शामिल थे, साथ ही उन्होंने आतंकियों को सामान पहुंचाने में भी मदद की। उनके पास से गिरफ्तारी के वक्त विस्फोटक और गोला बारूद भी बरामद हुआ, जिस वजह से यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। कश्मीर पुलिस के मुताबिक चारों आतंकी काफी वक्त से टीआरएफ के साथ जुड़े हुए थे।

जानकारी के मुताबिक कुछ संदिग्धों के श्रीनगर में छिपे होने की खबर मिली थी। जिस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। इसी दौरान चारों को धर दबोचा गया। लंबे वक्त से इनकी तलाश पुलिस को थी, लेकिन वो हर बार चकमा देकर फरार हो जाते थे। अब उनसे पूछताछ करके घाटी में अन्य आतंकी मददगारों की तलाश की जा रही है। साथ ही टारगेट किलिंग से भी इनका कनेक्शन खोजा जा रहा।
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धारा 370 हटने के बाद से सक्रिय
आपको बता दें कि 2019 के बाद ही टीआरएफ ज्यादा सक्रिय हुआ। इसका पूरा नाम 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) है। जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया, तो टीआरएफ ने घाटी में गैर स्थानीय लोगों की हत्या शुरू कर दी। इसके अलावा सुरक्षाबलों पर भी इसकी ओर से कई हमले किए गए। खुफिया एजेंसियों का ये भी कहना है कि टीआरएफ के पीछे पाकिस्तान का है। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस पर लश्कर और जैश जैसे आतंकी संघटनों पर कार्रवाई का दबाव बना, तो उसने टीआरएफ की नींव रख दी, ताकि वो घाटी में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके। उसकी पूरी फंडिंग सीमा पार से की जा रही है। साथ ही पाकिस्तान टीआरएफ के आतंकियों को ट्रेंड करके पीओके से कश्मीर में दाखिल करवा रही। हालांकि इस साल इसके कई आतंकी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं।