राकेश झुनझुनावाला का ये ख्वाब रह गया अधूरा, अकासा एयरलाइंस शुरू करने के बाद आना चाहते थे झुंझुनूं
झुंझुनूं, 14 अगस्त। भारतीय शेयर मार्केट के दिग्गज राकेश झुनझुनवाला अब नहीं रहे। 5 जुलाई 1960 को जन्मे राकेश झुनझुनावाला ने 14 अगस्त 2022 को 62 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में शनिवार सुबह राकेश झुनझुनावाला ने अंतिम सांस ली। राकेश झुनझुनवाला का अंतिम संस्कार आज शाम 5.30 बजे मुंबई के बाणगंगा श्मशान घाट में किया गया।
राकेश झुनझुनवाला का जीवन मुम्बई में बीता
यूं तो राकेश झुनझुनवाला का जीवन मुम्बई में बीता, मगर उनकी जड़ें राजस्थान के झुंझुनूं जिले से जुड़ी हुई हैं। झुंझुनूं जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर मलसीसर उनका पुश्तैनी गांव है। यहां से उनके परदादा कामकाज के सिलसिले में कानपुर गए थे और फिर वहां से यह परिवार मुम्बई पहुंचा और वहीं का होकर रह गया। हालांकि जुड़ों से जुड़ाव हमेशा रखा। अक्सर झुंझुनूं आते रहे।
झुनझुनावाला का परिवार झुंझुनूं आकर पूजा करना चाहता था
शेयर मार्केट के बादशाह माने राकेश झुनझुनवाला का झुंझुनूं को लेकर एक ख्वाब था, जो अब उनके निधन की वजह से अधूरा गया। वे चाहते थे कि उनकी एयरलाइंस अकासा की शुरुआत में झुंझुनूं आए और यहीं पर इस नए वेंचर को लेकर विशेष पूजा अर्चना करवाई जाए। झुंझुनूं सीए मनीष अग्रवाल कहते हैं कि हाल ही सात अगस्त को अकासा एयरलाइंस ने मुंबई से अहमदाबाद के बीच अपनी पहली उड़ान भरी। इसी मौके पर झुनझुनावाला का परिवार झुंझुनूं आकर पूजा करना चाहता था, मगर झुंझुनूं स्थित हवाई पट्टी छोटी की तकनीकी दिक्कतों की वजह से उनका यहां आना संभव नहीं हो पाया।
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डूंडलोद विद्यापीठ से जुड़ाव रहा
आरजे यानी राकेश झुनझुनवाला के परिवार का झुंझुनूं जिले के डूंडलोद कस्बे में स्थित डूंडलोद विद्यापीठ से जुड़ाव रहा है। उनके पिता राधेश्याम झुनझुनवाला के दोस्त डूंडलोद विद्यापाठी के मुख्य सलाहकार रमाकांत शर्मा बताते हैं कि राकेश और राजेश दोनों भाई उन्हें ताऊजी कहते। वर्ष 2009 में उन्होंने ही डूंडलोद विद्यापीठ में बॉयज हॉस्टल का उद्घाटन किया था।