Rajasthan : बीजेपी ने किया गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, वसुंधरा गुट के नेताओं ने बनाई दूरी
जयपुर, 20 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को जयपुर में गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। भाजपा ने महिला अत्याचार, अवैध खनन और मॉब लीचिंग सहित अनेक मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। भाजपा नेता मुख्यमंत्री आवास को घेरने का प्रयास कर रहे थे। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक से रैली के रूप में सीएम आवास के लिए कूच किया। भाजपा नेता और कार्यकर्ता सीएम आवास को घेरने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सिविल लाइन फाटक से पहले रोक लिया इसके बाद नेताओं को हिरासत में लेकर हटाया।
गहलोत सरकार के खिलाफ जनता में आक्रोश
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार की कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है। राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। सीएम खुद गृहमंत्री हैं। लेकिन उन्हें पता नहीं है कि राज्य में हो क्या रहा है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि बीजेपी के पास मुद्दा नहीं है। इसलिए जुमले गढ़ रहे हैं। गहलोत सरकार को लेकर जनता में आक्रोश है। जो आज सड़कों पर दिख रहा है। इस सरकार की जल्द ही विदाई भी तय है। इस दौरान जयपुर ग्रामीण सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी गहलोत सरकार पर निशाना साधा। राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में जिस तरीके से बहन बेटियां सुरक्षित नहीं है। बहुसंख्यकों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। उनकी आवाज उठाने के लिए भाजपा सड़क पर उतरी है। पुलिस इन नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले रही है।आज से इस सरकार के खिलाफ इंकलाब की शुरुआत हो चुकी है।
वसुंधरा के गुट ने बनाई दूरी
भाजपा के विरोध प्रदर्शन में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ पार्टी के अनेक नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। लेकिन इस प्रदर्शन से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गुट से जुड़े तमाम नेताओं ने दूरी बनाए रखी। प्रदर्शन में वसुंधरा गुट के विधायक और नेता नदारद रहे। अशोक गहलोत की सरकार के खिलाफ भाजपा का यह प्रदर्शन जयपुर के शहीद स्मारक से शुरू होकर सिविल लाइंस फाटक तक पहुंचा। जहां नेताओं ने गिरफ्तारी दी और इसके बाद आंदोलन खत्म हो गया।