Swine Flu का बढ़ रहा खतरा, स्वास्थ्य महकमा कह रहा कि अभी कोई निर्देश नहीं
एच1 एन1 के नाम से पहचाने जाने वाला स्वाइन फ्लू विशेषतौर पर शूकरों के जरिए इंसानों में फैलता है। साल 2009 में WHO ने स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया था।
जबलपुर, 07 जून: कोरोना संक्रमण से काफी हद तक राहत मिलने के बाद अब स्वाइन फ्लू की दस्तक लोगों की चिंता बढ़ा रहा है। मध्यप्रदेश के इंदौर में हाल ही में स्वाइन फ्लू के तीन केस मिले हैं। जबलपुर में कोरोना काल के पहले स्वाइन फ्लू ने अपने पैर पसारे थे, अब एक बार फिर तेजी से फैलने वाले इस संक्रमण की आहट से हडकंप है। इधर स्वास्थ्य महकमा कह रहा है कि उसे शासन स्तर पर किसी भी तरह के कोई निर्देश नहीं है। अपने स्तर पर स्वास्थ्य अमला लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है।
एच1 एन1 के नाम से पहचाने जाने वाला स्वाइन फ्लू विशेषतौर पर शूकरों के जरिए इंसानों में फैलता है। साल 2009 में WHO ने स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया था। देश के कई हिस्सों में इस बीमारी की चपेट में आए सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। बाद में किसी तरह इस बीमारी संक्रमण कंट्रोल हुआ था। इस बार बड़ी राहत यह है कि जबलपुर समेत पूरे मध्यप्रदेश में कोरोना फिलहाल कमजोर है। जिलेवार आंकड़ों पर गौर करे तो इक्का-दुक्का केस ही सामने आ रहे है। मौसम तेज गर्मी का भी है और सामान्य फ्लू भी बढ़ रहा है। ऐसे में डॉक्टरों के सामने सबसे बड़ी परेशानी संक्रमण के लक्षणों को पहचानने की भी है। क्योकि कोरोना, सामान्य फ्लू और स्वाइन फ्लू तीनों के लक्षण लगभग एक जैसे ही हैं।
स्वाइन
फ्लू
के
ये
होते
है
लक्षण
आम
तौर
पर
सामान्य
एन्फ्लूएंजा
के
लक्षणों
की
तरह
स्वाइन
फ्लू
के
लक्षण
होते
है।
जिला
अस्पताल
के
CMHO
रत्नेश
कुररिया
के
मुताबिक
यदि
किसी
मरीज
को
अचानक
तेज
ठण्ड,
गला
ख़राब
होना,
मॉसपेशियों
में
दर्द,
सिर
दर्द,
खांसी
आना
या
फिर
शरीर
में
किसी
अन्य
तरह
की
कमजोरी
महसूस
होती
है,
तो
फ़ौरन
पीड़ित
को
डॉक्टर
की
सलाह
लेना
चाहिए।
एच1एन1
के
लक्षण
यही
है,
वक्त
पर
यदि
चिकित्सक
से
परामर्श
ले
लिया
जाए
तो
गंभीर
स्थिति
से
बचा
जा
सकता
है।
विशेषज्ञों
का
कहना
है
कि
इस
फ्लू
के
अलावा
सामान्य
फ्लू
और
कोरोना
के
लक्षण
एक
जैसे
होने
पर
घवराने
की
जरूरत
नहीं
है।
यदि
किसी
एक
संक्रमण
की
पुष्टि
नहीं
होती
है,
दूसरे
संक्रमण
की
वक्त
रहते
जांच
करा
ली
जाए।
उसके
बाद
भी
यदि
शरीर
में
पहले
जैसे
ही
लक्षण
बने
रहते
है,
तो
चिकित्सकीय
परामर्श
से
अन्य
दूसरी
जांच
कराई
जा
सकती
है।
शूकरों
से
फैलता
है,
लेकिन
शहर
में
कई
जगह
शूकरों
का
डेरा
ख़ास
तौर
पर
शूकरों
से
फैलने
वाले
इस
वायरस
की
रोकथाम
के
लिए
प्रशासन
जरा
भी
अलर्ट
नजर
नहीं
आ
रहा।
नगर
निगम
का
स्वास्थ्य
महकमा
अपने
ढर्रे
पर
ही
काम
कर
रहा
है।
शहर
के
अधिकांश
इलाकों
में
आवारा
शूकरों
की
फ़ौज
मंडराते
देखे
जा
सकती
है।
स्थानीय
लोगों
ने
बीमारी
की
गंभीरता
को
देखते
हुए
कई
शिकायतें
भी
है,
लेकिन
उन
पर
सुनवाई
नहीं
हो
रही।
इधर
नगर
निगम
प्रशासन
के
स्वास्थ्य
विभाग
की
दलील
है
कि
शूकरों
को
पकड़ने
के
लिए
उनके
पास
अमले
की
कमी
है।
रूटीन
साफ़-सफाई
व्यवस्था
भी
जरुरी
है।
आपको
बता
दे
कि
जबलपुर
में
कई
क्षेत्रों
में
आवारा
शूकरों
की
धर-पकड़
कार्रवाई
के
दौरान
शूकर
मालिक
निगम
टीम
पर
हमला
भी
कर
चुके
है।
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