2 घंटे की स्मार्ट बारिश ने ‘Smart City जबलपुर’ की खोली पोल, बने बाढ़ जैसे हालात
एमपी का महाकौशल अंचल मानसून के लिए तरस गया था। प्री मानसून की बौछारें पड़ने के बाद से यहां चिपचिपी उमस भरी तेज गर्मी ने लोगों को हलाकान कर रखा था। तापमान भले ही 40 डिग्री के अंदर था, लेकिन गर्मी की चुभन 45 डिग्री का
जबलपुर, 29 जून: बेचैन कर देने वाली तेज उमस भरी गर्मी से महाकौशल अंचल के लोगों को बड़ी राहत मिली। जबलपुर समेत कई जिलों में हुई मूसलाधार बारिश ने मौसम में ठंडक घोल दी। जबलपुर में करीब दो घंटे तेज बारिश से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। जिसमें स्थानीय प्रशासन के बारिश पूर्व किए गए दावे बहते नजर आए। जलभराव वाले इलाकों में गाड़ियाँ घंटों फंसी रही, कई लोगों के घरों और दुकानों में भी पानी भर गया और काफी नुकसान हुआ।
मौसम हुआ खुशनुमा,घुली ठंडक
एमपी का महाकौशल अंचल मानसून के लिए तरस गया था। प्री मानसून की बौछारें पड़ने के बाद से यहां चिपचिपी उमस भरी तेज गर्मी ने लोगों को हलाकान कर रखा था। तापमान भले ही 40 डिग्री के अंदर था, लेकिन गर्मी की चुभन 45 डिग्री का अहसास करा रही थी। मौसम विभाग के सभी पूर्वानुमान फेल हो रहे थे। लेकिन बुधवार की शाम आसमान पर बादलों ने डेरा जमाया, फिर कुछ देर की सही झमाझम बारिश ने जबलपुर समेत कई जिलों को तर बतर कर दिया। जिससे मौसम में ठंडक घुल गई। लोगों को इस बारिश से बड़ी राहत मिली हैं। छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, मंडला, सिवनी जिले के कई इलाकों में हलकी बारिश हुई। बारिश का इंतजार कर रहे किसानों के चेहरे भी खिल उठे।
उफनाए नाले, कई इलाके जलमग्न
जबलपुर में दो घंटे लगातार तेज बारिश से जहां लोगों को तेज गर्मी से सुकून मिला, तो वही कई क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर गया। नाले उफना गए। इससे वाहन चालकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शहर के कई पॉश एरिया की कॉलोनी जलमग्न हो गई। लोगों के घरों में पानी भर गया, और लोग पानी उलीचते नजर आए। मदनमहल अंडर ब्रिज के नीचे बने जलभराव के हालात में एक कार फंस गई, जिसमें एक बच्चा समेत तीन लोग सवार थे। स्थानीय लोगों की मदद से कार में सवार लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया। इसी तरह तंग गलियों में भी जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होने से वहां घुटने-घुटने पानी भरा नजर आया।
पहली तेज बारिश ने ही स्मार्ट सिटी की खोली पोल
तेज बारिश में जलप्लावन के हालातों से यह शहर वर्षों से जूझ रहा है। हर बार जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक स्तर पर इस समस्या से निपटने बड़े-बड़े दावे किए जाते है। बारिश के पूर्व लाखों-करोड़ों का बजट नाले-नालियों की सफाई में फूंके जाते है। लेकिन एक बार फिर स्थिति ढाक के तीन पात की तरह दिखाई दी। निर्माणाधीन फ्लाईओवर वाले मार्ग में कई जगहों पर तालाब जैसी स्थिति बन गई।
कार फंसी, डूबने से बचाने कंधे पर बैठाया बच्चे को
अचानक हुई मूसलाधार बारिश के बाद बदहाली की कई तस्वीरें सामने आई। बीच सड़क में कार और दुपहिया वाहन पानी में फंस गए। जिससे ट्रेफिक जाम के हालात बन गए। लगातार बारिश और जल स्तर बढ़ता देख हर कोई जल्दबाजी में था। बीच सड़क में फंसे वाहनों को स्थानीय लोगों की मदद से निकलवाया गया। कुछ जगहों पर गाड़ियाँ निकालने के चक्कर में मारपीट की नौबत भी बनी।
मेडिकल कैजुअल्टी में भरा पानी
तेज बारिश के कारण संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेडिकल भी जलप्लावन से जूझता नजर आया। कैजुअल्टी और बरामदे में पानी भरने से इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यहाँ के ड्रेनेज सिस्टम को लेकर भी कई सवाल उठ रहे है। अस्पताल प्रबंधन की दलील थी कि तीन इंच तेज बारिश से ऐसे हालात बने, जो अप्रत्याशित था।