Himangi Sakhi: “चाहे जान चली जाए” ज्ञानवापी महादेव का करेंगे जलाभिषेक, जबलपुर में बड़ा ऐलान
बहुचर्चित वाराणसी ज्ञानवापी मुद्दे पर किन्नर संत हिमांगी सखी ने सावन का दूसरा सोमवार बीतते ही बड़ा ऐलान किया है। जबलपुर में उन्होंने कहा कि पवित्र माह सावन के आखिरी सोमवार को वह ज्ञानवापी में शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे।
जबलपुर, 28 जुलाई: देश के बहुचर्चित ज्ञानवापी मुद्दे को किन्नर महामंडलेश्वर भगवताचार्य हिमांगी सखी ने फिर नई हवा दी है। मप्र के जबलपुर पहुंची हिमांगी सखी ने ऐलान किया कि वह सावन के आखिरी सोमवार को अपने दल-बल के साथ वाराणसी पहुंचेंगी और ज्ञानवापी में महादेव का जलाभिषेक करेंगी। बोली कि जब मुस्लिमों को वजू करने की इजाजत दी जा सकती हैं, तो फिर हमें क्यों नहीं?
किन्नर संत भगवताचार्य हिमांगी सखी का बड़ा ऐलान
किन्नर संत हिमांगी सखी ने अपने दिए पहले के बयान पर आज भी कायम है। उन्होंने बहुचर्चित वाराणसी ज्ञानवापी मुद्दे पर शिवलिंग की पूजा अर्चना की इच्छा जताई थी, जिस पर उन्होंने बयान भी दिया था। अब सावन का दूसरा सोमवार बीतते ही उन्होंने बड़ा ऐलान किया है। जबलपुर में उन्होंने कहा कि शिव आराधना के पवित्र माह सावन के आखिरी सोमवार को वह ज्ञानवापी में शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे।
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साथ में पहुंचेगें कई किन्नर और संत
किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने वाराणसी के ज्ञानवापी पहुँचने की सभी तैयारियां पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि आखरी सावन सोमवार को महादेव के जलाभिषेक के दौरान उनके साथ कई किन्नर और संत भी शामिल रहेंगे। वृंदावन से 800 संत वाराणसी पहुँचने का दावा भी किया जा रहा है। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि वह अपने फैसले पर अडिग है, चाहे जो जाए।
जब मुस्लिमों को वजू की इजाजत, तो हमें पूजा की क्यों नहीं?
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग आकृति को लेकर किन्नर संत हिमांगी सखी पहले भी कई बड़े बयान दे चुकी है। मई महीने में ओरछा में आयोजित राम महोत्सव के दौरान उन्होंने बोला था कि देश में जितने भी ऐतिहासिक मस्जिद है, वह पहले मंदिर थे। लिहाजा उन जगहों पर आर्कियोलॉजिस्ट को भेजकर केंद्र सरकार से जांच की मांग भी की थी। अब उन्होंने कहा कि जब मज्जिद में मुस्लिमों को वजू करने की इजाजत है, तो हमें शिवलिंग का जलाभिषेक करने की इजाजत क्यों नहीं ?
चाहे जान चली जाए, वह भी मंजूर...
हिमांगी सखी का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए वह कह रहे है कि 'विश्वेश्वर महादेव ज्ञानवापी में 8 अगस्त को जलाभिषेक करने की घोषणा करते है, चाहे उसके लिए हमारी जान भी क्यों ना चली जाए'। उन्होंने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वह वही पर धरना प्रदर्शन करने मजबूर होंगे।
‘शिवलिंग पूजा’ मांग की याचिका हो चुकी है ख़ारिज
ख़ास बात यह है कि किन्नर महामंडलेश्वर का सावन के महीने में यह बयान उस वक्त आया, जब सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी में शिवलिंग जैसी आकृति की पूजा करने के अधिकार की याचिका खारिज कर चुका है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए कथित 'शिवलिंग' जैसी आकृति को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई है। कुछ याचिकाओं की सुनवाई अक्टूबर के पहले सप्ताह में रखी गई है।
5 भाषाओँ का ज्ञान और दुनिया की पहली किन्नर महामंडलेश्वर
बचपन से कृष्ण भक्त रही हिमांगी सखी ने भागवत कथा सुनाने की शुरुआत मॉरीशस से की थी। वहां उन्होंने अंग्रेजी में भागवत कथा सुनाई। वह हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती और मराठी भाषा की जानकर है। कई देशों में भागवत कथा सुनाने जाती है। 2019 में नेपाल के पशुपतिनाथ पीठ ने हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी। बाद में प्रयागराज में हुए कुंभ के दौरान आचार्य महामंडलेश्वर गौरी शंकर महाराज ने उन्हें यह उपाधि दी थी।