Jabalpur News: लोकायुक्त पुलिस के फिर हत्थे चढ़ा जिला अस्पताल का कर्मचारी, 8 हजार की घूस लेते गिरफ्तार
(Jabalpur News) जबलपुर में एक लगातार दूसरी बार जिला अस्पताल में लोकायुक्त विभाग की टीम ने दबिश दी और रिश्वत लेते रंगे हाथ एक और कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। इस बार अस्पताल के लेखा शाखा में पदस्थ नीरज मिश्रा नाम का कर्मचारी लोकायुक्त विभाग के शिकंजे मे फंसा। एक कर्मचारी का GPF का पैसा रिलीज करने के एवज में उससे रिश्वत की डिमांड की जा रही थी।
जिला अस्पताल की लेखा शाखा में पदस्थ नीरज मिश्रा
जबलपुर के जिला अस्पताल विक्टोरिया के लेखा विभाग में नीरज मिश्रा पदस्थ है । सहायक ग्रेड 3 के रूप में तैनात नीरज, विभागीय कर्मचारियों के GPF संबंधित और अन्य वित्तीय प्रकरणों को देखता है । कुछ समय पहले शहपुरा के रहने वाले विनोद आकोटकर नाम के कर्मचारी ने अपनी GPF की राशि निकालने आवेदन किया था। टाल मटोल करते हुए उसके आवेदन को काफी दिनों बाद स्वीकृति करते हुए उसकी राशि रिलीज कर दी गई ।
8 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
विभाग द्वारा जीपीएफ राशि का भुगतान कर दिया गया था, लेकिन जब से विनोद ने GPF राशि का आवेदन दिया था, तब से नीरज लगातार उस पर रिश्वत के लिए दबाब बना रहा था। इस बात की विनोद ने लोकायुक्त एसपी संजय साहू को शिकायत की। जिसके बाद आरोपी नीरज को रिश्वत की राशि आठ हजार रुपए बुधवार को देना तय हुआ। जैसे ही नीरज को यह रकम विनोद ने दी तो लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे दबोंच लिया।
आरोपी की पता की जा हिस्ट्री, कई दस्तावेज जब्त
लोकायुक्त विभाग के हत्थे चढ़े नीरज के सिलसिले में जांच टीम ने मौके से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए है। आरोपी की इस दफ्तर में कब से पोस्टिंग है और नौकरी में रहते हुए कितनी कमाई की, इस बारे में जानकारी हासिल की जा रही है। छापामार कार्रवाई के बाद कुछ और शिकायतकर्ताओं के सामने आने की खबर है, उन्होंने नीरज पर कई गंभीर आरोप लगाए है।
सरकारी अस्पतालों में रिश्वतखोरों की बाढ़
करीब महीने भर पहले भी इसी अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में संविदा कर्मचारी के रूप में पदस्थ श्रद्धा ताम्रकार को 80 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था। उसके कुछ दिनों बाद कटनी जिले में भी जिला अस्पताल में रिश्वत मामले में बड़ी कार्रवाई हुई। आम मरीजों के इलाज और उनकी दवाओं को लेकर भी रिश्वत मांगे जाने की शिकायतें होती रहती है। लेकिन विभागीय रूप से सीनियर ऑफिसर ऐसे दोषियों पर कोई एक्शन नहीं लेते।
एक दिन पहले ही कलेक्टर ने किया था निरीक्षण
ख़ास बात यह है इसी अस्पताल में एक दिन पहले कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. ने औचक निरीक्षण किया था। यहां इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों के इंतजामों के अलावा स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारियों का जायजा लिया था। उन्होंने भी यहां की बदइन्तजामियो और यहां के कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतों पर नाराजगी जाहिर की थी।