शी जिनपिंग ही बनेंगे चीन में लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति, रास्ते के सारे कांटे किए साफ, पार्टी में मचाया गदर!
नवंबर 2021 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंन्ट्रल कमिटी ने शी जिनपिंग की चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद को अपनाया और कहा, कि मौजूदा चीनी समाजवाद "हमारे समय में चीनी संस्कृति और लोकाचार का सबसे अच्छा प्रतीक है।
हांगकांग, सितंबर 26: अपने रास्ते के तमाम कांटों को हटाकर शी जिनपिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और उन सभी अटकलों को खत्म कर दिया है, जिनमें आशंका जताई गई थी, कि शी जिनपिंग का तगड़ा विरोध हो रहा है और शायद अब वो तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति नहीं बन पाएंगे। लेकिन, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने 20वीं कांग्रेस की बैठक के आयोजन का ऐलान कर दिया है, जिसमें राष्ट्रपति का चुनाव किया जाएगा। चीनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 16 अक्टूबर को चीन कम्युनिस्ट पार्टी की 20 कांग्रेस की बैठक होगी, जिसमें शी जिनपिंग के नाम का ऐलान किया जाएगा और इसके साथ ही तय हो गया है, कि शी जिनपिंग ने अपने तमाम विरोधियों का सफाया कर दिया है।
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तख्तापलट की तमाम रिपोर्ट्स गलत साबित
पिछले हफ्ते तमाम रिपोर्ट्स आईं थीं, जिसमें अटकलें लगाई जा रहीं थी, कि शी जिनपिंग की सत्ता का तख्तापलट कर दिया गया है और चीन में हजारों विमानों के रद्द होने को सबूत के तौर पर पेश किया गया था। लेकिन, शी जिनपिंग की तख्तापलट की खबरें कोरी अफवाह साबित हुईं और 20वीं पार्टी कांग्रेस के लिए कुल 2,296 प्रतिनिधियों को नियुक्त कर दिया है, जिसमें 200 से ज्यादा पूर्ण सदस्य और लगभग 170 वैकल्पिक सदस्य शामिल हैं। वे शी जिनपिंग के तीसरे पांच साल के कार्यकाल पर मुहर लगा देंगे, जो माओत्से तुंग के शासनकाल के बाद से सबसे ज्यादा वक्त तक राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड बनाएंगे। शी जिनपिंग से पहले माओत्से तुंग ही सबसे ज्यादा वक्त तक देश के राष्ट्रपति थे। इसके साथ ही ये भी तय हो गया है, कि शी जिनपिंग शायद जीवनभर चीन के राष्ट्रपति रहेंगे। मशहूर पॉलिटकल विश्लेषक जॉर्ज ऑरवेल ने एक बार एनिमल फार्म से एक उदाहरण देते हुए कहा था, कि "सभी जानवर समान हैं, लेकिन कुछ जानवर दूसरों की तुलना में अधिक समान हैं।" निश्चित रूप से, शी जिनपिंग के समान कम्युनिस्ट पार्टी में कोई नहीं है। शी जिनपिंग ने ही साल 2018 में अपने देश के संविधान में संशोधन किया था और इस नियम को खत्म कर दिया था, कि एक व्यक्ति तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। वहीं, अब बिना किसी संदेह के शी जिनपिंग सीसीपी महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष के अपने पदों को बरकरार रखेंगे।
हर विरोध को कैसे शी जिनपिंग ने हटाया
नवंबर 2021 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सेंन्ट्रल कमिटी ने शी जिनपिंग की चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद को अपनाया और कहा, कि मौजूदा चीनी समाजवाद "हमारे समय में चीनी संस्कृति और लोकाचार का सबसे अच्छा प्रतीक है और चीन के संदर्भ में मार्क्सवाद को अपनाने में एक नई सफलता का प्रतिनिधित्व करता है।" और अब अगले महीने चीन के संविधान में एक बार फिर से संशोधन होना तय है। अगले महीने संविधान संशोधन होने के सात ही "कॉमरेड शी जिनपिंग की स्थिति को केंद्रीय पार्टी के अधिकारियों और पूरी पार्टी के मूल के रूप में स्थापित करेंगे", और "एक नए युग के लिए चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद पर शी जिनपिंग के विचार स्थापित हो जाएंगे।" यानि, जिस चीन में अभी तक माओ का सिद्धांत चलता था, वो अब शी जिनपिंग के सिद्धांतों पर चलेगा। इसके साथ ही शी जिनपिंग अगले महीने के संविधान संशोधन में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव और सीएमसी के अध्यक्ष के लिए कार्यकाल की सीमा को समाप्त कर सकते हैं, जिसके बाद इन दोनों पदों पर भी शी जिनपिंग ही मौजूद रहेंगे, जब तक वो रहना चाहेंगे। कम्युनिस्ट पार्टी का संविधान वर्तमान में इन दो शीर्ष पदों की समय सीमा निर्धारित नहीं करता है। यह राज्य के संविधान से अलग है, जिसे 2018 में दो पांच साल की अवधि की सीमा को समाप्त करने के लिए बदल दिया गया था।
'सरप्राइज को नापसंद करते हैं शक्तिशाली शख्स'
संयुक्त राज्य अमेरिका में जेम्सटाउन फाउंडेशन थिंक-टैंक के एक वरिष्ठ फेलो डॉक्टर विली वो-लैप लैम ने कहा कि, "मजबूत लोग सरप्राइज से नफरत करते हैं, और यह सुनिश्चित करने के लिए दूर तक जाते हैं, कि उनकी सत्ता के आसपास कोई चुनौती तो नहीं पनप रहा है। यही कारण है कि सर्वोच्च नेता शी जिनपिंग ने चीनी राजनीति में दिखाई देने वाले 'काले हंसों' के खिलाफ बार-बार आगाह किया है। और यही वजह है, कि माओत्से तुंग ने अपने विरोधियों में जिस तरह का अविश्वास दिखाया, उससे भी दो कदम आगे शी जिनपिंग हैं और उन्होंने पूरे देश में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस सर्विलांस का जाल बिछा दिया है और एक एक नागरिक की निगरानी की जा रही है और यही वजह है, कि कोविड 19 सख्ततम लॉकडाउन और देश की बिखड़ती अर्थव्यवस्था के बाद भी शी जिनपिंग टिके हुए हैं। शी जिनपिंग ने अपना ज्यादातर वक्त आगामी 20वीं कांग्रेस की बैठक को मैनेज करने में लगाया और अपने गुट का वर्चस्व कायम करने में दिमाग खपाया। इसके साथ ही शी जिनपिंग ने बेहद निर्मम तरीके से पार्टी के अंदर के विरोधी गुट को खत्म किया और भ्रष्टाचार और पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर दर्जनों नेताओं को उम्रकैद और फांसी की सजा दिलवा दी। शी जिनपिंग ने पार्टी के अंदर से उन लोगों को भी खत्म कर दिया, जो एक वक्ति के हाथ में सारी शक्ति आने के खिलाफ थे और शी जिनपिंग की अत्यधिक अमेरिका नफरत का विरोध करते थे।
कांग्रेस की 20वीं बैठक का उद्येश्य क्या है?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगले महीने होने वाली कांग्रेस की बैठक का मुख्य उद्देश्य शी जिनपिंग की प्रशंसा करना और उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए निर्विवाद नेता के रूप में स्थापित करना है। का्ंग्रेस में जिन नेताओं को शामिल किया गया है, उनमें ज्यादातर शी जिनपिंग गुट के हैं। माओ शासन की गलतियों की पुनरावृति रोकने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी ने "ग्रेट हेल्समैन" नीति का निर्माण किया, ताकि सत्ता की बागडोर सामूहिक नेतृत्व के हाथ में हो, लेकिन शी जिनपिंग ने सत्ता की सारी ताकतों को अपने हाथों में लेने का फैसला किया और वित्त विभाग, विदेश नीति और विचारधारा की नीति पर अपने सबसे करीबी लोगों को तैनात किया। प्रधानमंत्री ली केकियांग की अध्यक्षता में कम्युनिस्ट यूथ लीग गुट और पूर्व राष्ट्रपति जियांग जेमिन के नेतृत्व वाले शंघाई गुट की उपस्थिति के बावजूद शी जिनपिंग पार्टी में अपना अधिपत्य कायम करने में कामयाब हो चुके हैं और इसमें कोई शक नहीं है, कि अगले पांच सालों में शी जिनपिंग के सारे विरोधी खत्म कर दिए जाएंगे और चीन की सत्ता में सिर्फ और सिर्फ शी जिनपिंग ही होंगे।
सेंट्रल कमिटी का खेल समझिए
कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी और 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो के गठन का फैसला केंद्रीय समिति करेगी। इसमें दो प्रमुख कम्युनिस्ट यूथ लीग गुट के सदस्य और प्रधानंत्रक्षी ली केकियांग और वाइस प्रधानंमत्री हू चुन हुआ हैं। हालांकि, यह संभावना है कि अब ये गायब हो जाएंगे और बहुत संभव है कि अक्टूबर की कांग्रेस बैठक के बाद कोई भी नहीं रहेगा। माना जा रहा है, कि प्रधानमंत्री ली केकियांग, जो शी जिनपिंग के विरोधी खेमे से रहे हैं, उन्हें रिटायर्ड किया जाएगा और वाइस प्रधानंमत्री हू चुन को अगली बार कोई पद नहीं दिया जाएगा। जिसके बाद पोलित ब्यूरो पूरी तरह से शी जिनपिंग के कंट्रोल में आ जाएगा। सात सदस्यीय पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी में चार पद खाली होने वाले हैं और तीन पदों पर शी जिनपिंग के आदमी शामिल किए जाएंगे। अगर प्रधानमंत्री ली केकियांग को रिटायर्ड कर दिया जाता है, तो चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष वांग यांग देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे, जो 2013-18 से वाइस प्रीमियर थे।
शी जिनपिंग के खिलाफ होगा विद्रोह?
चीनी अभिजात वर्ग के शी जिनपिंग के खिलाफ विद्रोह की कल्पना करना मुश्किल है। वास्तव में, कुलीन वर्ग के देश से भागने और तख्तापलट करने की तुलना में खुद को कहीं और स्थापित करने की अधिक संभावना है। इसी तरह, शी ने जनता को निगरानी और आंतरिक सुरक्षा बलों के जरिए जकड़ रखा है, इसलिए अब चीन में 1989 की तरह बड़े पैमाने पर विरोध आंदोलनों की कल्पना करना मुश्किल है। इसका मतलब यह नहीं है कि अगले कार्यकाल में शी जिनपिंग के खिलाफ जनता की शिकायतें नहीं बढ़ेंगी। 69 वर्षीय शी जिनपिंग कम से कम एक और पांच साल तक सत्ता में रहेंगे, और संभवत: अगले दस के लिए 2032 में 22वीं पार्टी कांग्रेस पर भी शी जिनपिंग का ही कब्जा रहने वाला है। इसका मतलब है कि उन्हें लगता है कि उनके पास उत्तराधिकारी नियुक्त करने के लिए बहुत समय है और आने वाले वक्त में वो किसी और करीबी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर सकते हैं।
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