WHO ने कहा- कोरोना के रहस्य सुलझाने का हमारे पास आखिरी मौका, चीन करे मदद
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में SARS-CoV-2 वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए एक सलाहकार समूह का गठन किया था। बुधवार को संगठन ने कहा कि यही नया समूह कोरोना के रहस्य पता लगाने का आखिरी मौका है। ऐसे में वो चीन से शुरुआती मामलों में डेटा प्रदान करने का आग्रह करते हैं, क्योंकि पहली बार दिसंबर 2019 में मध्य चीनी शहर वुहान में पहला केस रिपोर्ट किया गया था। इसके बाद ये थ्योरी आई कि वुहान के लैब में इस वायरस को बनाया गया, लेकिन चीन इससे इनकार कर रहा है।
इससे पहले WHO की टीम साल की शुरुआत में वुहान गई थी। उस दौरान उन्होंने वहां पर चार हफ्ते बिताए। बाद में मार्च में एक संयुक्त रिपोर्ट जारी हुई। जिसमें कहा गया कि वायरस संभवता चमगादड़ से मनुष्यों में किसी अन्य जानवर के माध्यम से आया, जिसके लिए आगे के शोध की जरूरत है। मामले में संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा है कि प्रकोप के पहले दिनों से संबंधित रॉ डेटा की कमी से जांच बाधित हुई थी और लैब ऑडिट के लिए बुलाया गया था।
अब बुधवार को WHO ने अपने वैज्ञानिक सलाहकार समूह के 26 प्रस्तावित सदस्यों को नॉवेल पैथोजेन्स (एसएजीओ) की उत्पत्ति पर नामित किया। इनमें मैरियन कोपमैन, थिया फिशर, हंग गुयेन और चीनी पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ यांग युंगुई शामिल हैं, जिन्होंने वुहान में संयुक्त जांच में भाग लिया था। कोविड -19 पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन केरखोव ने आशा व्यक्त की कि चीन जांच टीम को पूरा सहयोग करेगा।
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उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा तीन दर्जन से ज्यादा अनुशंसित अध्ययन अभी भी किए जाने चाहिए, ताकि ये निर्धारित किया जा सके कि वायरस जानवरों की प्रजातियों से मनुष्यों में कैसे पहुंचा। 2019 में वुहान के निवासियों में एंटीबॉडी के लिए चीनी परीक्षण वायरस की उत्पत्ति को समझने के लिए बिल्कुल महत्वपूर्ण होगा।