जानें कौन हैं भारतीय मूल की डॉ स्वाति मोहन, जिन्होंने ने मंगल ग्रह के मिशन पर नासा को दिलाई सफलता
Indian-American NASA engineer Dr Swati Mohan: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का पर्सिवरेंस रोवर शुक्रवार को मंगल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया। 203 दिन में 472 मिलियन किलोमीटर की यात्रा करने के बाद नासा का पर्सिवरेंस रोवर मंगल ग्रह (लाल ग्रह) पर पहुंचा। सात महीने पहले मार्स पर्सिवरेंस रोवर ने धरती से टेकऑफ किया था। पिछले सात महीनों से नासा के वैज्ञानिकों की टीम इसपर निगाहें बनाई हुई थीं। इस ऐतिहासिक मिशन का हिस्सा बनने वाले वैज्ञानिकों में, भारतीय-अमेरिकी डॉ. स्वाति मोहन भी शामिल थीं। जब सारी दुनिया इस रोवर के ऐतिहासिक लैंडिग को देख रही थी उस दौरान कंट्रोल रूम में बिंदी लगाए स्वाति मोहन जीएन एंड सी सबसिस्टम और पूरी प्रोजेक्ट टीम को लीड कर रही थीं। स्वाती मोहन की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इस मिशन की सफलता में भारतीय-अमेरिकी डॉ स्वाति मोहन ने अहम भूमिका निभाई है।

मिशन की सफलता पर स्वाति मोहन ने कहा, मंगल ग्रह पर हमारे रोवर के टचडाउन की पुष्टि हो गई है। अब ये वहां जीवन के संकेतों की तलाश शुरू करने के लिए तैयार है।" स्वाति मोहन नासा के विकास प्रक्रिया के दौरान प्रमुख सिस्टम इंजीनियर होने के अलावा टीम की देखभाल भी करती हैं और GN&C के लिए मिशन कंट्रोल स्टाफिंग का शेड्यूल भी करती हैं।
जानिए कौन हैं डॉ स्वाति मोहन (Who is Dr Swati Mohan)
नासा की वैज्ञानिक डॉ. स्वाति मोहन जब एक साल की थीं तो भारत से अमेरिका गई थीं। उन्होंने अपना अधिकांश बचपन उत्तरी वर्जीनिया-वाशिंगटन डीसी मेट्रो क्षेत्र में बिताया है। 9 साल की उम्र में, पहली बार स्वाति मोहन ने जब 'स्टार ट्रेक' देखा तो वह ब्रह्मांड के नए क्षेत्रों के सुंदर चित्रणों से काफी हैरान थीं। उसी वक्त स्वाति को ब्रह्मांड की दुनिया में दिलचस्पी हो गई। उसने तब अपना मन बनाया कि वह ब्रह्मांड में नए और सुंदर स्थान ढूंढने का काम करेंगी। हालांकि स्वाति मोहन के उनके करियर विकल्पों में 16 वर्ष की उम्र तक बाल रोग विशेषज्ञ बनना भी शामिल था।
स्वाति मोहन ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की है। उसके बाद वह एयरोनॉटिक्स / एस्ट्रोनॉटिक्स में एमआईटी से एमएस और पीएचडी पूरी की।
स्वाति मोहन पासाडेना सीए में नासा के जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में शुरुआत से ही मार्स रोवर मिशन की मेंबर रही हैं। इसके अलावा भी स्वाति मोहन नासा के कई अहम मिशनों का हिस्सा रह चुकी हैं। भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक स्वाति मोहन ने नासा के कैसिनी (शनि के लिए एक मिशन) और GRAIL (चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान उड़ाए जाने की एक जोड़ी) मिशन पर काम कर चुकी हैं।