भारत के गुप्ता ब्रदर्स की कहानी, जिनकी ‘जेब’ में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति थे, अब क्यों पहुंचे जेल?
पिछले साल जुलाई महीने में अचानक दक्षिण अफ्रीका जल उठा और उस वक्त पूरी दुनिया को पता चलता है, कि भारत के सहारणपुर के रहने वाले तीन गुप्ता भाईयों की वजह से दक्षिण अफ्रीका गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है।
नई दिल्ली, जून 07: ये कहानी भारत के रहने वाले उन गुप्ता भाईयों की है, जो भारत से चलकर दक्षिण अफ्रीका पहुंचे, वहां पैसे बनाते बनाते, राजनेताओं को अपनी जेब में किया, फिर दंगे भड़काए और अब दुबई में गिरफ्तार किए गये हैं। दक्षिण अफ्रीका ने पुष्टि कर दी है, कि गुप्ता ब्रदर्स को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन भाईयों की इस जोड़ी में हालांकि, दो ही अभी गिरफ्तार किए गये हैं, जबकि एक अभी भी फरार है। इन तीनों भाईयों ने दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार का जो जाल बुना, वहां के राजनेताओं को जिस तरह से अपनी जेब में किया, वो कहानी बेहद दिलचस्प है।
अचानक जल उठा दक्षिण अफ्रीका
पिछले साल जुलाई महीने में अचानक दक्षिण अफ्रीका जल उठा और उस वक्त पूरी दुनिया को पता चलता है, कि भारत के सहारणपुर के रहने वाले तीन गुप्ता भाईयों की वजह से दक्षिण अफ्रीका गृहयुद्ध की आग में झुलस रहा है। दक्षिण अफ्रीका के कई इलाको में इन गुप्ता भाइयों की मेहरबानी की वजह से हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया और गुप्ता भाइयों ने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति और उनके पूरे परिवार को भ्रष्टाचार की चाशनी में ऐसे डूबोया, कि पूर्व राष्ट्रपति तो खुद हवालात पहुंच गये और पूरा दक्षिण अफ्रीका जलने लगा। हिंसक घटनाओं में कुल 72 लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
जैकब जुमा को भ्रष्टाचार में डूबोया
दक्षिण अफ्रीका जल रहा था लेकिन, गुप्ता भाई कांड करने के बाद फरार हो गये। इंटरपोल ने गुप्ता बंधुओं के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया। दक्षिण अफ्रीका को जलाने वाले इन भाइयों के नाम हैं, अजय गुप्ता, अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता, जो भारत से जाकर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के बेहद करीबी बन गये और तीनों ने मिलकर दक्षिण अफ्रीका में भारी भ्रष्टाचार किया। घपला करने के बाद तीनों भाई फरार हो गये थे, जबकि पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को जेल भेज दिया गया था।
सहारणपुर के रहने वाले गुप्ता ब्रदर्स
अजय, अतुल और राजेश गुप्ता तीनों भाई हैं और ये तीनों भाई उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। अपने पिता शिव कुमार के कहने पर तीनों भाई सन् 1993 में साउथ अफ्रीका आ गए। जोहांसबर्ग में इन तीनों भाईयों ने सहारा कंप्यूटर के नाम से अपना बिजनेस शुरू किया और उसके पार्ट्स बनाने की कंपनी शुरू की। देखते ही देखते इनका छोटा सा बिजनेस आगे बढ़ने लगा। साउथ अफ्रीका की राजनीति में भारत की गुप्ता फैमिली का खासा प्रभाव है और इसी प्रभाव की वजह से यहां के राष्ट्रपति जैकब जुमा पर कई तरह के आरोप लगते रहते हैं। साल 2016 में जुमा पर आरोप लगा कि गुप्ता परिवार ने उन्हें सरकार में वित्त मंत्री की नियुक्ति के लिए सलाह दी थी। हालांकि, बाद में राष्ट्रपति जुमा ने इस बात से इंकार कर दिया था कि गुप्ता परिवार उनकी सरकार में कोई मंत्री नहीं नियुक्त करा सकता है।
अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी में अकाउंट
रिपोर्ट के मुताबिक, गुप्ता बंधुओं के खिलाफ साल 2016 में पहली बार भ्रष्टाचार की शिकायत आई थी और फिर खुलासा हुआ था कि दक्षिण अफ्रीका की सरकार से सांठगांठ होने की वजह से उनके ऊपर कोई मुकदमा नहीं चला। वहीं, आरोप तो यहां तक लगे कि दक्षिण अफ्रीका में कई बड़े अधिकारी अपना ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए गुप्ता ब्रदर्स से संपर्क करते थे। यहां तक की साउथ अफ्रीका के कई मंत्री भी गुप्ता ब्रदर्स से अच्छा संबंध बनाकर रखते थे। हालांकि, जब गुप्ता बंधुओं के बुरे दिनों की शुरूआत हुई तो कई खुलासे होने लगे। पता चला कि तीनों भाईयों के अकाउंट अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब तक में हैं और इन खातों से अरबों रुपये की लेनदेन की जाती है। इन अकाउंट्स के जरिए करोड़ों रुपयों का अवैध लेनदेन भी किया गया था।
दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बने ज़ुप्ता
अफ्रीका में गुप्ता ब्रदर्स ने अपना रसूख इतना बना लिया था कि इन्हें अफ्रीका में 'ज़ुप्ता' कहा जाने लगा था। खासकर पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को इन भाईयों ने इस कदर वश में कर रखा था कि पूर्व राष्ट्रपति ने इन भाईयों के लिए अपनी पार्टी तक से बैर मोल ले लिया। अफ्रीकी नेशनल पार्टी के सदस्य पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा का अपनी पार्टी में कड़ा विरोध होने लगा। अफ्रीकी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट्स में दावा किया था कि गुप्ता ब्रदर्स ने अपनी कंपनी में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के बेटों और उनकी पत्नी को बड़े पदों पर बिठा रखा था और उन्हें काफी मोटी तनख्वाह दी जाती थी।
2016 में आसमान से धरती पर गिरे
कहते हैं, पाप का घड़ा एक ना एक दिन भरता है और गुप्ता ब्रदर्स के पाप का घड़ा भी साल 2016 के करीब में उस वक्त फूट गया, जब भारतीय मूल के ही पूर्व वित्त मंत्री प्रवीण गोरधन ने आरोप लगाते हुए कहा, कि गुप्ता ब्रदर्श की वजह से ही उन्हें वित्त मंत्री के पद से हटाया गया। इसके बाद ही गुप्ता बंधुओं के खिलाफ पैसों के गबन के आरोप में जांच शुरू हो गई। जिसके बाद ब्रिटेन में मौजूद गुप्ता भाईयों के अकाउंट को फ्रीज कर दिया गया और देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। लेकिन, जैसे ही साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा की सरकार गिरी, गुप्ता बंधू किसी तरह से दक्षिण अफ्रीका से फरार हो गये और अब दुबई में दो भाईयों को गिरफ्तार कर लिया गया है।