डोनाल्ड ट्रंप ने बताया-मलेरिया की यह दवाई कोरोना वायरस के इलाज में कारगर
वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को बताया है कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेयशन (एफडीए) ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को मंजूरी दी है। इस दवाई का प्रयोग मलेरिया के इलाज के लिए किया जाता है। कोविड-19 या नोवोल कोरोना वायरस से पैदा हुई महामारी पूरी दुनिया को अब अपनी चपेट में ले रही है। वैज्ञानिक इसके इलाज के लिए दवाईयों की टेस्टिंग करने में लगे हैं। कुछ दिनों पहले भारत में राजस्थान के जयपुर में इटली का एक कपल पूरी तरह से स्वस्थ हुआ था। बताया जा रहा है कि उन्हें जो दवाई दी गई थी उसमें मलेरिया की दवाई भी शामिल थी।
यह
भी
पढ़ें-ट्रंप
ने
कहा-
चीन
की
'कारस्तानी'
की
दुनिया
भुगत
रही
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सजा'
जल्द लोगों को मिल सकती है कोरोना की दवाई
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को विशेषज्ञ एक बेहतरीन दवाई माना जाता है। ट्रंप ने कहा, 'जो बात सबसे अच्छी है, वह है कि यह दवाई हमारे पास है और इतना तो तय है कि इस दवाई की वजह से किसी की मृत्यु नहीं होगी।' ट्रंप ने व्हाइट हाउस में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही है। उन्होंने आगे कहा, 'जब आप किसी नई दवाई के साथ आगे बढ़ते हैं तो आपको मालूम होता है कि आगे क्या होने वाला है। शुरुआती नतीजे बहुत ही प्रोत्साहित करने वाले हैं और हम जल्द ही उस दवाई को लोगों तक पहुंचाने में सक्षम हैं।'
फ्रांस में हुआ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का प्रयोग
फ्रांस में आइक्स मार्शल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिडीइर राओल्ट ने नोवोल कोरोना वायरस के एक मरीज के इलाज के लिए इस दवाई का प्रयोग किया था। उन्होंने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की डोज कोविड-19 के 36 मरीजों को दी थी। एक ड्राफ्ट पेपर जिसे अभी रिलीज नहीं किया गया है, उसमें कहा गया है कि 36 में से छह मरीजों में लक्षण नहीं थे, 22 को सांस का उच्च स्तर का इंफेक्शन तो आठ लोगों को सांस का निम्न स्तर का इंफेक्शन था।
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के साथ एक और दवाई
राओल्ट और उनकी टीम ने 20 मरीजों को रोजाना हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन 600 मिलीग्राम की डोज दी थी और यह मरीजों के लक्षणों के अनुसार थी। राओल्ट ने एक और एंटी-बायोटिक जिसे एजिथ्रोमिसिन कहते है, इलाज में प्रयोग किया था। इस दवाई को बैक्टीरिया की वजह से फेफड़ों में पैदा होने वाले संक्रमण में कारगर माना गया था। वहीं 16 मरीजों को कंट्रोल के तौर पर दवाई नहीं दी गई थी।
जयपुर में डॉक्टरों ने ठीक किए मरीज
भारत में पिछले दिनों डॉक्टरों ने इटैलियन कपल को कोरोना वायरस से ठीक करने में सफलता हासिल की थी। जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में भर्ती इटली के नागरिकों को डॉक्टरों ने एचआईवी, स्वाइन फ्लू और मलेरिया के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाईयां दी थीं। इस कॉकटेल को भारत में पहली बार प्रयोग किया गया था। एक स्टडील में डॉक्टरों ने माना है कि अगर मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की डोज दी जाती है तो उनका वायरल बुखार कम करने में मदद मिलती है।