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विमानों में भयानक turbulence की चेतावनी, हड्डियां तक टूटने का खतरा, असाधारण है कारण

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नई दिल्ली, 2 सितंबर: वैज्ञानिकों ने आने वाले समय में विमान यात्रा को लेकर बहुत बड़ी चेतावनी दी है। इसकी वजह ये है कि विमान यात्रा के दौरान होने वाले एयर टर्ब्युलन्स (वायुमंडलीय विक्षोभ ) के मामले बढ़ने और इसके बहुत ही ज्यादा गंभीर होने की आशंका जताई गई है। वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर करीब 9 साल की रिसर्च के बाद पहुंचे हैं और यह टर्ब्युलन्स इतना भयानक हो सकता है कि यात्रियों के शरीर की हड्डियां तक टूट सकती हैं। वैसे भी हाल के समय में इस तरह की प्राकृतिक घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है और दर्जनों लोगों को अस्पताल तक में दाखिल करवाना पड़ा है। एक बड़ी बात ये है कि अब वैज्ञानिक ने इसके बढ़ते जाने के कारण का भी पता लगा लिया है।

भयानक वायुमंडलीय विक्षोभ में फंस सकते हैं विमान-रिसर्च

भयानक वायुमंडलीय विक्षोभ में फंस सकते हैं विमान-रिसर्च

विमानों की उड़ान में लापरवाही की वजह से हाल में कई बार यात्रियों की जान खतरे में पड़ चुकी है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च के आधार पर जो दावा किया है, वह सुनकर किसी के भी पैरों के नीचे से जमीन खिसक सकती है। मिरर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस शोध के मुताबिक आने वाले समय में हवाई यात्रा बहुत ही जोखिम भरी होने वाली है और विमान इतने भयानक वायुमंडलीय विक्षोभ (turbulence) में फंस सकते हैं, जिससे यात्रियों की हड्डियां तक बचानी मुश्किल हो सकती है।

अमेरिका में हर साल हो रहा है 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान

अमेरिका में हर साल हो रहा है 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान

आम तौर पर हर साल लाखों विमान यात्रियों को उड़ान के दौरान हवा के दबाव और रुख में बदलाव की वजह से पेटों में अजीब तरह की उथल-पुथल का सामना करना पड़ता है। लेकिन, पुख्ता रिसर्च पर आधारित ताजा शोध ने आने वाले समय में विमान यात्रा को लेकर चिंताओं की नई लकीर खींच दी है। नेशनल सेंटर फॉर ऐट्मोस्फेरिक रिसर्च के मुताबिक अभी अकेले अमेरिका में इस तरह की प्राकृतिक घटनाओं की वजह से जो नुकसान होता है या यात्रा में विलंब होता है, उसकी भरपाई में हर साल 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा लग जाते हैं।

जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रही हैं घटनाएं

जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ रही हैं घटनाएं

बर्कशायर स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोधकर्ता और दूसरे वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते तापमान के कारण अटलांटिक के पार जेट स्ट्रीम 1970 की तुलना में 15% ज्यादा शक्तिशाली हो चुका है। इस यूनिवर्सिटी में ऐट्मोस्फेरिक साइंस के प्रोफेसर पॉल विलियम्स का कहना है कि वायुमंडलीय विक्षोभ के ज्यादातर मामलों के लिए ऐसे ही जेट स्ट्रीम जिम्मेदार हैं।

कई गुना बढ़ सकती हैं ऐसी घटनाएं

कई गुना बढ़ सकती हैं ऐसी घटनाएं

प्रोफेसर पॉल विलियम्स मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन की वजह से ही वायुमंडलीय विक्षोभ में बदलाव हो रहा है। उन्होंने इस मान्यता के साथ 2013 में इसपर शोध करना शुरू किया था। उन्होंने सीएनएन को बताया था, 'हमने कुछ कंप्यूटर सिमुलेशन किया और पाया कि आने वाले दशकों में भयानक वायुमंडलीय विक्षोभ जैसी स्थिति दोगुनी या तिगुनी हो सकती है।' प्रोफेसर विलियम्स के काम से पता चलता है कि हवा में इस तरह की अशांति, जो कि बादलों की तरह दिखाई नहीं देती, आने वाले 50 वर्षों में बहुत ही ज्यादा बढ़ने जा रही है।

इसलिए बढ़ रहा है हड्डियां टूटने का खतरा

इसलिए बढ़ रहा है हड्डियां टूटने का खतरा

उन्होंने भविष्यवाणी की है कि इस तरह की प्राकृतिक घटनाओं में इतनी क्षमता है कि वह विमानों में बैठे लोगों को इधर से उधर तक उछाल सकते हैं। उन्होंने कहा, 'सबसे खराब तरह का विक्षोभ: यह गुरुत्वाकर्षण से अधिक शक्तिशाली है, इसलिए अगर आपने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी है तो यह आपको आपकी सीट से उठाकर केबिन के अंदर कहीं भी उछाल देगा।' उनका कहना है कि 'इस तरह के विक्षोभ से गंभीर तौर पर जख्मी होने का खतरा है, जैसे कि हड्डियां टूट सकती हैं।'

कई लोगों को लग चुकी हैं चोटें

कई लोगों को लग चुकी हैं चोटें

नेशनल सेंटर फॉर ऐट्मोस्फेरिक रिसर्च के मुताबिक इस तरह की गंभीर प्राकृतिक घटनाएं फ्लाइट अटेंडेंट्स के लिए बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। 28% मामलों में उन्हें पहले से संकट की चेतावनी भी नहीं मिल पाती है। 2019 की बात है, न्यूयॉर्क जा रहे एक तुर्किश एयरलाइंस के विमान में टर्ब्युलन्स के कारण एक फ्लाइट अटेंडेंट ने अपने पैर तुड़वा लिए थे और 28 यात्रियों को अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा था।

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विमानों को नुकसान की ज्यादा आशंका नहीं

विमानों को नुकसान की ज्यादा आशंका नहीं

राहत की बात ये है कि प्रोफेसर विलियम्स को नहीं लगता कि इस तरह की घटनाओं की वजह से विमानों को किसी तरह का खतरा है, जैसे कि इसके चलते वह आसमान से गिरने लगें। क्योंकि, ये विमान बहुत ही ज्यादा स्तर के टर्ब्युलन्स को झेलने के लिए बनाए जाते हैं। हालांकि, उनका मानना है कि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं का समय बढ़ सकता है। जैसे कि ट्रांसअटलांटिक की फ्लाइट में यह स्थिति 10 मिनट से बढ़कर आधे घंटे तक रह सकती है। (तस्वीरें- सांकेतिक)

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English summary
Scientists have given a big warning about air travel in the coming times. The reason for this is that the cases of air turbulence during the flight have been increased and it is feared to be very serious
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