पाकिस्तान को अमेरिका की दो टूक, हाफिज सईद आतंकी हैं, उसके खिलाफ मुकदमा चलाओ
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नई दिल्ली। मुंबई हमलों का मास्टरमाइंट हाफिज सईद के खिलाफ एक बार फिर से अमेरिका ने खुलकर अपना पक्ष रखा है और उसे एक आतंकी करार दिया है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट की प्रवक्ता हीथर नुवार्ट ने कहा कि हम हाफिज सईद को आतंकी मानते हैं, वह विदेशी आतंकी संगठन का हिस्सा है, वह 2008 में मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है जिसमे कई लोगों की मौत हो गई, इसमे अमेरिकी लोग भी शामिल हैं। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि हाफिज सईद के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए और कानून की सख्त से सख्त धाराओं के तहत बुक किया जाना चाहिए।
हाफिज सईद को 'सर' कहा था
गौरतलब है कि जिस तरह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान हाफिज सईद को साहब कहते हुए कहा कि उनके खिलाफ किसी भी तरह का सबूत नहीं है और वह किसी भी मामले में दोषी नहीं हैं ऐसे में उन्हें सजा नहीं दी जा सकती है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस बयान बाद अमेरिका का बयान आया है, जिसने पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा दी है।
पाक को अमेरिका की दो टूक
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान के बीच अमेरिका की ओर से यह बयान आया है कि हाफिज सईद जोकि यूएन द्वारा घोषित आतंकी है, उसके खिलाफ कानून की सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। हीथर ने कहा कि हमने अपनी बात साफ कर दी है और अपनी चिंता के बारे में पाकिस्तान की सरकार को भी अवगत करा दिया है। हमारा मानना है कि हाफिज सईद के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए और हमने इस बारे में पाकिस्तान को बता दिया है।
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड
आपको बता दें कि हाफिज सईद आतंकी संगठन जमात उद दावा का मुखिया है, जिसे पिछले वर्ष नवंबर माह में हाउस अरेस्ट से कोर्ट ने रिहा कर दिया था। अमेरिका ने लश्कर ए तैयबा को आतंकी संगठन करार दिया था, जिसकी स्थापना हाफिज सईद ने 1987 में किया था। मुंबई हमलों के लिए लश्कर को ही जिम्मेदार माना जाता है, जिसमे 166 लोगों की जान चली गई थी। हीथर ने कहा कि ट्रंप सरकार पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ काफी कुछ करने की अपेक्षा रखता है।
अमेरिका ने रोक दी थी मदद
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद को लेकर हम हमेशा से ही बिल्कुल साफ रहे हैं, पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध को लेकर पूरी सरकार एकमत है। गौरतलब है कि इसी महीने की शुरुआत में अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 2 यूएस मिलियन डॉलर की मदद को रोक दिया है। जिसके बाद पाकिस्तान ने अमेरिका को दी जाने वाली सैन्य मदद को वापस ले लिया है।