जंग के बीच राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिले PM ऋषि सुनक, जंग जीतने तक यूक्रेन को समर्थन देने की कसम खाई
र्व पीएम बोरिस जॉनसन और लिज ट्रस ने भी यूक्रेन को अपना समर्थन जारी रखा था। इससे पहले युद्ध के बीच पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने कीव का दौरा किया था।
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने यूक्रेन की अपनी पहली यात्रा की। यहां उन्होंने राजधानी कीव में राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) से मुलाकात की। बता दें कि, रूस से जारी युद्ध के बीच यूक्रेन को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलना जारी है। अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा कर चुके हैं। अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी कीव का दौरा किया है। उनका यह दौरा पीएम पद ग्रहण करने के 24 दिन बाद ही आया है। सुनक ने जंग जीतने तक कीव के पक्ष में खड़ा रहने की कसम खाई।
ऋषि
सुनक
कीव
पहुंचे
पूर्व
पीएम
बोरिस
जॉनसन
और
लिज
ट्रस
ने
भी
यूक्रेन
को
अपना
समर्थन
जारी
रखा
था।
इससे
पहले
युद्ध
के
बीच
पूर्व
प्रधानमंत्री
बोरिस
जानसन
ने
कीव
का
दौरा
किया
था।
इस
दौरान
यूक्रेनी
राष्ट्रपति
वलोदिमीर
जेलेंस्की
से
मुलाकात
की।
यूक्रेनी
राष्ट्रपति
के
प्रेस
कार्यालय
ने
दोनों
की
मुलाकात
का
फोटो
जारी
किया।
जेलेंस्की
से
ऋषि
की
मुलाकात
जेलेंस्की
ने
एक
फेसबुक
पोस्ट
में
कहा,
युद्ध
के
पहले
दिनों
से,
यूक्रेन
और
ब्रिटेन
सबसे
मजबूत
सहयोगी
रहे
हैं।
आज
की
बैठक
के
दौरान,
हमने
अपने
देशों
और
वैश्विक
सुरक्षा
दोनों
के
लिए
सबसे
महत्वपूर्ण
मुद्दों
पर
चर्चा
की।बता
दें
कि,
रूस-यूक्रेन
युद्ध
को
करीब
नौ
महीने
हो
चुके
हैं।
रूस
अपनी
मिसाइलों
से
लगातार
यूक्रेन
के
शहरों
पर
हमला
बोल
रहा
है।
इस
बीच
ब्रिटेन
के
नए
प्रधानमंत्री
ऋषि
सुनक
ने
कीव
की
अपनी
पहली
यात्रा
की
और
यूक्रेन
को
दृढ़
समर्थन
जारी
रखने
का
संकल्प
लिया।
कच्चे
तेल
की
कीमतों
में
उछाल
रूस-यूक्रेन
युद्ध
से
कच्चे
तेल
की
कीमतों
में
भारी
उछाल
आया
है।
रूस-यूक्रेन
के
जारी
युद्ध
में
भीषण
तबाही
हुई।
यूक्रेन
पर
रूसी
सैनिकों
ने
ताबड़तोड़
हमले
किए।
कई
शहरों
पर
रिहायशी
इलाकों
में
भी
मिसाइल
अटैक
हुए
और
भारी
तबाही
हुई।
यूक्रेन
में
हमले
के
बाद
हजारों
की
संख्या
में
लोगों
की
मौत
हुई।
यूक्रेन
जंग
ने
ब्रिटेन
में
ऊर्जा
कीमतों
में
भारी
उछाल
लाया
है।
नाटो
में
शामिल
होना
चाहता
है
यूक्रेन
जेलेंस्की
की
जिद्द
थी
कि
यूक्रेन
को
NATO
में
शामिल
करेंगे।
जबकि
पुतिन
का
कहना
था
कि
यूक्रेन
को
नाटो
में
शामिल
नहीं
होना
चाहिए।
अगर
ऐसा
हुआ
तो
तीसरा
विश्व
युद्ध
शुरू
हो
जाएगा।
पुतिन
और
जेलेंस्की
ने
कसम
खा
रखी
है
कि,
वे
जीत
कर
दम
लेंगे।
वहीं,
अमेरिका
यू्क्रेन
को
भारी
सैन्य
सहायता
भेजी,जिससे
यूक्रेन
जंग
में
रूस
के
हौसले
पस्त
हो
गए।
अब
मास्को
की
स्थिति
हार
से
कम
नहीं
है।
जंग
के
लंबा
खिंचने
के
कारण
रूस
की
बची-खुची
सेना
हताश
हो
चुकी
है।
हालांकि,
जंग
का
अंत
अब
भी
नहीं
दिख
रहा
है।
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