भारत से जंग की तैयारी में ड्रैगन, भारतीय सीमा पर तिब्बत के लोगों को ट्रेनिंग दे रहा है चीन
चुंबी घाटी सिक्किम और भूटान के बीच का एक क्षेत्र है और तिब्बती पठार का एक हिस्सा है, यहीं पर तिब्बती लोगों को चीन ट्रेनिंग दे रहा है।
बीजिंग, जून 26: पिछले साल जून में भारतीय सैनिकों के हाथ से पिटने के बाद चीन लगातार एलएसी पर अपनी ताकत का इजाफा कर रहा है। एलएसी पर चीन अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के साथ साथ विध्वंसक हथियारों की खेप तो पहुंचा ही रहा है, इसके साथ ही चीन ने अब तिब्बत के लोगों को पीएलए में भर्ती शुरू कर दी है। नई रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सीमा के पास चीन ने तिब्बत के लोगों की भर्ती शुरू कर दी है।
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पीएलए में तिब्बत के लोग
चुंबी घाटी सिक्किम और भूटान के बीच का एक क्षेत्र है और तिब्बती पठार का एक हिस्सा है। प्रशासनिक रूप से, यह चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यादोंग काउंटी का हिस्सा है और नई रिपोर्ट है कि यहां पर पीएलए ने तिब्बती लोगों की भर्ती अपनी आर्मी में शुरू की है। मिलिशिया का नाम मिमांग चेटन है, जिसका तिब्बती में अर्थ है "जनता के लिए"। माना जा रहा है कि चीन ने स्थानीय भौगोलिक स्थिति, स्थानीय भाषा और अन्य स्थानीय सूचनाओं की जानकारी जुटाने के लिए और उसका इस्तेमाल करने के लिए मिलिशिया की स्थापना की है। वियॉन न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक 200 स्थानीय लोगों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और वर्तमान में घाटी के विभिन्न स्थानों जैसे युतुंग, चीमा, रिनचेंगंग, पीबी थांग और फारी में उन्हें तैनात किया गया है। सेना की एक दूसरी टुकड़ी को घाटी के फारी इलाके में प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण पीएलए द्वारा दिया जाता है और लेकिन अभी तक इनके पासा ना वर्दी है, ना ड्रेस है, ना इन्हें हथियार दिया गया है और ना ही कोई रैंक दिया गया है।
तिब्बत में चीन का नया प्रयोग
आमतौर पर चीन की नीति रही है कि वो क्षेत्रीयता या जातीयता के आधार पर अपनी सैन्य टुकड़ियों का निर्माण नहीं करता है, लेकिन माना जा रहा है कि तिब्बत लोगों को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए चीन नई प्लानिंग पर काम कर रहा है। इसके लिए चीन ने तिब्बत में विकास के काफी काम भी किए हैं। दरअसल, चीन के सैनिक हिलायन परिस्थितियों में भारत से लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं और पिछले महीने रिपोर्ट आई थी कि खराब मौसम की वजह से चीन को अपने 90 फीसदी सैनिकों को बदलना पड़ा था। वहीं, पश्चिमी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत के साथ चीनी आक्रामक कार्रवाइयों के बीच ये एक नया डेवलपमेंट है। फरवरी में एक समझौते के तहत पैंगोंग झील के के पास तो चीनी सैनिक पीछे हट गये थे, लेकिन दूसरे इलाकों में अभी भी दोनों देशों के बीच तनाव जारी है।
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