UN ह्यूमन राइट्स: सीरिया में जो तुम गुनाह कर रहे हो, उसके लिए तुम्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा
जेनेवा। सीरिया में विद्रोहियों और असद सेना के बीच चल रही जंग में पिछले दो सप्ताह में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन ने इस बमबारी को रोकने का आग्रह करने के बाद भी आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ह्यूमन राइट्स ने सीरिया में बिगड़ते हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए दोषियों को चेतावानी दी है कि जिसने भी इस हिंसा को बढ़ाते हुए, खूनखराबा किया है उन्हें ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सीरिया के पूर्वी घौटा में हो रहे हवाई हमले के बाद जेनेवा में बुलाई मीटिंग में यूएन ह्यूमन राइट्स कमीशन के चीफ जेईद राद अल हुसैन ने कहा कि 'नागरिकों को मौत की धकेला जा रहा है।'
पिछले 2 सप्ताह में करीब 600 लोग मारे जा चुके हैं
यूएन ह्यूमन राइट्स चीफ ने कहा, 'इस गुनाह के दोषियों को पता होना चाहिए कि तुम्हें पहचाना जा रहा है। उनके दस्तावेजों को अभियोजन पक्ष के साथ तैयार किया जा रहा है और जो उन्होंने किया है, उन्हें ही इसका जिम्मेदार ठहराया जाएगा।' सीरिया के पूर्वी घौटा में लगातार हवाई हमलों से आम लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इस क्षेत्र में करीब 4 लाख आबादी रहती हैं और पिछले दो सप्ताह में यहां रोज एयरस्ट्राइक और गोलीबारी से हजारों की संख्या में लोग जख्मी हुए हैं वहीं, करीब 600 लोग मारे जा चुके हैं।
सीरियाई मुद्दे को ICJ में उठाने की जरूरत...
जेईद ने कहा, 'न्याय चक्र भले ही धीमा हो सकता है, लेकिन वे इस मामले में हम पूरे ध्यान से अध्ययन कर रहे हैं।' जेईद ने कहा ह्यूमन राइट्स काउंसिल सीरियाई लोगों को दी गई पीड़ा को न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रभाव डालेगा। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि सीरियाई मुद्दे को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में उठाने की जरूरत है। जेईद ने दुनिया के सभी देशों को सीरिया गृहयुद्ध के खिलाफ एक साथ आवाज उठाने के लिए आव्हान किया है।
हम सब बहरे हो गए हैं...
वहीं, यूनीसेफ (UN Children's Fund) ने भी सीरिया में बच्चों पर हो रहे अटैक को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी इस मुल्क में लड़ रहे हैं, वे हथियार नीचे रखकर बच्चों पर हो रहे हमलों को बंद करें। यूनिसेफ के रिजनेस डायरेक्टर गीर्ट कैप्पेलाइर ने कहा, 'क्या हमे एक बार फिर बहरे हो गए हैं। लंबे समय से सीरियाई बच्चे इंतजार कर रहे हैं। विश्व सीरियाई बच्चों की मदद करने में नाकाम रहा है।'