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कप्तान की जीत को कुछ तरह देख रहा है पश्चिमी मीडिया

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इस्लामाबाद। पूर्व क्रिकेटर, पाकिस्तान को विश्व विजेता बनाने वाले, सेक्स सिंबल, तीन बार शादी, तालिबान खान, सेना का पिट्ठु से लेकर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के नए कप्तान तक बहुत कुछ विदेशी मीडिया ने इमरान खान और पाकिस्तान के 11वें ससंदीय चुनावों को अलग-अलग एंगल से देखा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान खान को लेकर कई विदेशी मीडिया ने तो जमकर मजाक उड़ाया है। ब्रिटिश न्यूजपेपर लंदन के 'द टाइम्स' ने इमरान खान का एक कार्टून बनाया है, जिसमें कप्तान को आर्मी चीफ पिच पर बेट पकड़ना सीखा रहा है।

कप्तान की जीत को कुछ तरह देख रहा है पश्चिमी मीडिया

इमरान खान की जीत पर यह कार्टून लंदन के न्यूजपेपर 'द टाइम्स' ने बनाकर यह कहने की कोशिश की है कि भले ही पीटीआई ने चुनाव में बाजी मारी है, लेकिन असली कमान तो सेना के हाथ में ही रहने वाली है। हालांकि, पश्चिमी मीडिया इससे पहले भी कह चुका है कि इमरान खान को सेना का साथ मिल रहा है और सेना चाहती है कि नवाज शरीफ चुनाव में हार जाए। पाकिस्तान चुनाव के दौरान इमरान खान ने कई बार नवाज शरीफ को सेना का दुश्मन कहते हुए हमला बोला था।

इमरान की जीत पर अमेरिकी न्यूजपेपर 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने अपने फ्रंट पेज पर 'परमाणु हथियार वाले इस्लामिक रिपब्लिक को मिला अप्रत्याशित नया नेता' हेडलाइन दी। अमेरिकी अखबार ने इमरान खान के लिए 'अप्रत्याशित' शब्द का प्रयोग किया है। जेफरे जेटलमैन ने इमरान की जीत पर लिखा, 'खान ने भ्रष्टाचार पर फोकस कर सत्ता पर कब्जा जमा लिया।'

ब्रिटिश न्यूजपेपर ने 'द गार्डियन' ने अपने एडिटोरियल में लिखा कि इमरान खान जो कुछ भी करेंगे वह सेना की निगरानी से परे नहीं होगा। ब्रिटिश न्यूजपेपर ने लिखा, 'इमरान की पार्टी एक प्रांत में ही है। एक नकारात्मक अंतरराष्ट्रीय छवि वाले देश में हिंसा, चरमपंथ, गरीबी और बदतर आर्थिक स्थिति के साथ इमरान खान को संघर्ष करना होगा। चीन, भारत, अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के अलावा शक्तिशाली अमेरिका से चल रहे तनाव से निपटना भी इमरान खान की सबसे बड़ी चुनौती में से एक होगी।'

ब्रिटेन के एक अन्य न्यूजपेपर 'द इंडिपेंडेंट' ने लिखा कि इमरान खान पाकिस्तान के लिए इतना भी बूरा विकल्प नहीं है। द इंडिपेंडेंट ने लिखा, 'अवाम ने इमरान खान को पाकिस्तान को बचाने वाले के रूप में देखा है। लेकिन, पाकिस्तान चुनाव में कम से कम यह एक बूरा विकल्प तो नहीं था।' ब्रिटिश न्यूजपेपर ने लिखा कि इमरान खान को उनके राइट विंग पॉलिटिक्स की वजह से अक्सर घेरा गया है।

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English summary
This how Western Media see Imran Khan's win in Pakistan Elections
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