क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

आप सोच भी नहीं सकते, इतनी बड़ी है ये 'आकाशगंगा', एक से दूसरे छोर तक पहुंचने में लगेंगे 1.6 करोड़ साल

Google Oneindia News

एम्सटर्डम, 20 फरवरी। अक्सर आपके मन में भी सवाल आया होगा कि आखिर अंतरिक्ष कितना बड़ा है, इसका आखिरी छोर कहां है और क्या स्पेस का कोई अंत है भी या नहीं? इन सब सवालों का जवाब पाने के लिए हम विज्ञान का सहारा लेते हैं, लेकिन सच तो ये है कि आज तक अंतरिक्ष के आखिरी छोर का पता नहीं लगाया जा सका है। स्पेश में कई आकाशगंगा है, जिनका साइज हमारी सोच से भी कहीं ज्यादा बड़ा है। अंतरिक्ष का न सही लेकिन आकाशगंगा कितनी बड़ी है, इसका पता वैज्ञानिकों ने लगा लिया है।

कितनी बड़ी है आकाशगंगा?

कितनी बड़ी है आकाशगंगा?

हाल ही में खगोलविदों ने अब तक की सबसे बड़ी रेडियो आकाशगंगा की खोज की है, जो स्पेस में काफी दूरी तक फैली हुई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये गैलेक्सी, हमारे स्पेस के वैक्यूम में लगभग 16 मिलियन प्रकाश-वर्ष (लगभग 1.6 करोड़ साल) तक फैली हुई है। इस क्षेत्र से निकलने वाले प्लाज्मा प्लम अब तक ज्ञात आकाशगंगा द्वारा बनाई गई सबसे बड़ी संरचना है। वैज्ञानिकों की किस्मत अच्छी थी जो अचानक उन्हें इतनी बड़ी गैलेक्सी का पता लगा।

पृथ्वी से है कितनी दूरी

पृथ्वी से है कितनी दूरी

नई आकाशगंगा हमारी पृथ्वी से करीब तीन अरब प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों के मुताबिक गैलेक्सी से आने वाली रोशनी ने अपनी यात्रा आज से तीन अरब साल पहले शुरू की थी। खगोलविदों ने एक बयान में कहा कि रेडियो गैलेक्सी हमसे तीन अरब प्रकाश वर्ष दूर है। इतना ही नहीं इस आश्चर्यजनक दूरी के बावजूद एक विशाल चंद्रमा की तरह नजर आने वाली गैलेक्सी इस बात का संकेत देती है कि वह साइज में काफी बड़ी है।

सुपरमैसिव ब्लैक होल भी हो सकता है

सुपरमैसिव ब्लैक होल भी हो सकता है

सामने आई तस्वीरों में 'प्लाज्मा प्लम' की तरह पीले रंग की दो आकृतिया नजर आ रही हैं, ये तस्वीर इसलिए खास है क्योंकि वैज्ञानिकों ने इससे पहले कभी किसी एक आकाशगंगा द्वारा बनाई गई इतनी बड़ी संरचना नहीं देखी थी। यह उल्लेखनीय है कि रेडियो आकाशगंगाओं में इसके मूल में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल होता है जो इसे शक्ति प्रदान करता है।

नई गैलेक्सी को दिया गया ये नाम

नई गैलेक्सी को दिया गया ये नाम

इस आकाशगंगा का नाम 'अलसीयोनस' रखा गया है, जो ऑरानोस के बेटे का नाम था। ऑरानोस, यूनानी पौराणिक कथाओं में एक देवता के रूप में वर्णित हैं। मान्यता है कि उन्होंने ब्रह्मांड पर वर्चस्व के लिए हेराक्लीज और अन्य ओलंपियनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। वैज्ञानिकों को अभी तक इस बात का यकीन नहीं है कि इस आकाशगंगा को इतनी विशाल लंबाई कैसे मिली जो लाखों वर्षों तक फैली हुई है।

आकाशगंगा की होगी जांच

आकाशगंगा की होगी जांच

उन्होंने शुरू में एक इसके पीछे असाधारण विशाल ब्लैक होल और बहुत सारे स्टारडस्ट या असाधारण रूप से शक्तिशाली जेट स्ट्रीम के बारे में सोचा। वैज्ञानिकों ने कहा, 'अलसीयोनस' अपने आस-पड़ोस की आकाशगंगाओं की तुलना में औसत से कम प्रतित होता है। इसलिए आने वाले समय में टीम अब जांच करेगी कि रेडियो आकाशगंगाओं का वातावरण और विशाल हो सकता है या नहीं? इस गैलेक्सी को हर्टफोर्डशायर, ऑक्सफोर्ड और पेरिस के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पैन-यूरोपीय LOFAR टेलीस्कोप का उपयोग करके देखा था।

यह भी पढ़ें: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मिले 'एलियंस वैक्टीरिया', इस वजह से पृथ्वी पर उसे लाना चाहते हैं वैज्ञानिक

Comments
English summary
This galaxy is bigger than you think it will take 16 million years to reach from one end to the other
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X