इंसानों के लिए टेंशन वाली खबर, पृथ्वी की चमक हो रही कम, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर: हमारे सौरमंडल में सूरज के अलावा 9 ग्रह मौजूद हैं। हर ग्रह में एक विशेष प्रकार की चमक है। पृथ्वी पर भी पानी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से वो बाहर से नीले रंग की दिखती है। साथ ही उसमें एक विशेष चमक रहती है। अब वैज्ञानिकों ने एक चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक पृथ्वी की चमक में लगातार गिरावट हो रही है।
आधा वाट कम हुआ प्रकाश
जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक समुद्र के गर्म होने से पृथ्वी की चमक में गिरावट आई है। साथ ही ये भी पता चला कि हमारा ग्रह 20 साल पहले की तुलना में प्रति वर्ग मीटर लगभग आधा वाट कम प्रकाश परावर्तित कर रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पृथ्वी की चमक से चंद्रमा पर रोशनी होती है, ऐसे में वहां पर रोशनी की कमी के आधार पर पृथ्वी की चमक मापी गई।
ये है वजह
इस शोध में सबसे बड़ा सवाल ये था कि आखिर चमक में कमी की सबसे बड़ी वजह क्या है? इसका जवाब भी वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है। शोध के मुताबिक जयवायु परिवर्तन की वजह से तापमान बढ़ रहा है। जिस वजह से समुद्र का पानी गर्म हो रहा। इसी को चमक कम होने की वजह मानी जा रही है। वहीं रोशनी का 30 प्रतिशत हिस्सा उसी चमक के रूप में प्रतिबिम्बित करती है। उमसें भी गिरावट दर्ज की गई है।
बादलों की चमक हुई कम
वहीं दक्षिण कैलिफिर्निया की बिग बियर सोलर वेधशाला से पृथ्वी की चमक के रिकॉर्ड इकट्ठा किए गए, जो साल 1998 से 2017 तक के थे। इस पर पता चला कि पृथ्वी पर पहुंचने वाली असल रोशनी को सूर्य की खुद की चमक और दूसरा ग्रह का परावर्नत प्रभावित करती हैं। इसके बाद सैटेलाइट मिसेज का विश्लेषण किया गया, जिसमे पता चला कि हाल के सालों में पूर्वी प्रशांत महासागर के ऊपर स्थित प्ररावर्तन करने वाले निचले चमकीले बादलों में कमी आई है। ये वही इलाका है, जहां पर वृद्धि के तापमान में वृद्धि दर्ज की गई थी। अगर इसी तरह से जयवायु परिवर्तन होता रहेगा, तो आने वाले दिनों में इंसानी सभ्यता के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
5 गुना घटी सूरज की चमक
'साइंस मैगजीन' में टिमो रेनहोल्ड ने हाल ही में एक रिपोर्ट लिखी, जो जर्मनी के 'मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर सोलर सिस्टम रिसर्च' के एक बड़े खगोलशास्त्री हैं। टिमो रेनहोल्ड ने बताया कि किसी तारे की चमक में ये बदलाव उसकी सतह पर मौजूद काले धब्बों (स्पॉट्स) के कारण होता है, जो उसके घूमने की वजह से बनते हैं। सतह पर मौजूद इन स्पॉट्स की संख्या से ही सौर गतिविधि का सीधा पता चलता है। हमारे सूर्य के समान पैरामीटर वाले इन तारों की चमक का 5 गुना ज्यादा परिवर्तनशील होना काफी आश्चर्यजनक है।