ताइवान ने चीनी ड्रोन को हवा में ही मार गिराया, पहली बार ड्रैगन की दादागीरी पर एयरस्ट्राइक, बढ़ा तनाव
किनमेन डिफेंस कमांड ने कहा कि, दो अन्य चीनी ड्रोन शनिवार और सोमवार को भी लिटिल किनमेन द्वीप और पास के लायन आइलेट में घुस आए थे।
ताइपे, सितंबर 01: ताइवान की सेना ने गुरुवार को कहा है, कि उसने एक अज्ञात नागरिक ड्रोन को मार गिराया है, जो आज तड़के चीनी तट से दूर शियू द्वीप के प्रतिबंधित जल क्षेत्र में अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। ये पहली बार है जब ताइवान ने चीन के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है और चीन के ड्रोन को हवा में ही मार गिराया है। जिसके बाद ड्रैगन बौखला गया है और दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है।
ताइवान ने चीनी ड्रोन को उड़ाया
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि, "सेना के जिनमेन डिफेंस कमांड ने आज दोपहर 12:30 बजे एक अज्ञात सिविल एयर ड्रोन को मार गिराया है, जो ताइवान के एयर डिफेंस जोन में शियू द्वीप के पास प्रतिबंधित जल क्षेत्र में घुस आया था।" बयान में कहा गया है कि, "रक्षा मंत्रालय रक्षा क्षेत्र की सुरक्षा बनाए रखने के लिए बारीकी से तलाशी, सर्विलांस अभियान चलाना जारी रखेगा।" इसी तरह की एक और घटना मंगलवार को सामने आई थी, जब ताइवान की सेना ने ताइवान के नियंत्रण वाले द्वीप पर "प्रतिबंधित" हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद एक चीनी सैन्य ड्रोन पर गोलीबारी की थी। अगस्त के मध्य से, ताइवान के मुख्य द्वीप से 180 किलोमीटर लेकिन चीन से 10 किलोमीटर से भी कम दूर, किनमेन के बाहरी द्वीप पर कई नागरिक ड्रोन उड़ते हुए देखे गए हैं। एक मौके पर 16 अगस्त को ताइवान के दो सैनिकों ने मास्क पहने हुए कथित तौर पर एक चीनी ड्रोन पर पत्थर फेंके थे, जब वह उनकी सैन्य चौकी के ऊपर से उड़ रहा था।
लगातार घुसपैठ कर रहा है चीन
किनमेन डिफेंस कमांड ने कहा कि, दो अन्य चीनी ड्रोन शनिवार और सोमवार को भी लिटिल किनमेन द्वीप और पास के लायन आइलेट में घुस आए थे। बयान में कहा गया है कि, जो शाम करीब चार बजे लायन आइलेट के ऊपर से गुजरा वह जमीन से महज 30 मीटर की दूरी पर बहुत नीचे उड़ रहा था। अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद से चीन ने ताइवान स्ट्रेट पोस्ट पर अपनी हरकतें तेज कर दी हैं। अमेरिकी सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न की ताइवान यात्रा से नाराज चीन ने पिछले हफ्ते स्वशासित द्वीप के आसपास समुद्र और हवाई क्षेत्र में सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। ताइवान क्षेत्र के रक्षा प्राधिकरण ने एक जानकारी जारी किया है, जिसके मुताबिक, 26 अगस्त को द्वीप के चारों ओर आठ पीएलए नौसेना के जहाजों और 35 पीएलए विमानों का पता लगाया गया था, जिनमें से 18 विमान (एसयू -30, जे -11, जे -16 और जे-) थे। ताइवान जलडमरूमध्य और द्वीप के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) की मध्य रेखा के पूर्वी भाग में उड़ान भर रहे थे, जिसका दावा ग्लोबल टाइम्स ने भी किया था।
ताइवान में अमेरिकी अधिकारी
इस बीच, यूएस एरिजोना के गवर्नर डौग ड्यूसी अमेरिका के मंत्री हैं, वो अपनी पांच दिवसीय यात्रा पर ताइवान पर पहुंचे हैं और अमेरिका ने कहा है, कि वो द्विपक्षीय व्यापारिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए ताइपे के साथ साथ दक्षिण कोरिया की भी यात्रा करेंगे। वो 30 अगस्त को ताइपे पहुंचे हैं, जिसके बाद चीन फिर से भड़का हुआ है और ताइवान के हवाई क्षेत्र में अपने ड्रोन भेज रहा है। एरिजोना के गवर्नर के यात्रा कार्यक्रम में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन और अन्य अधिकारियों के साथ-साथ उच्च तकनीक निर्माण कंपनियों के नेताओं के साथ चर्चा शामिल थी।
चीन के सामने ताइवान की सैन्य ताकत
चीन के सामने ताइवान की सैन्य ताकत ना के बराबर है और बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, कि चीन के पास हर तरह के सैनिकों को मिलाने के बाद करीब 20 लाख 35 हजार एक्टिव सैनिक हो जाते हैं। जबकि, ताइवान के पास सिर्फ 1.63 लाख ही सक्रिय सैनिक हैं। यानि, ताइवान के मुकाबले चीन के पास करीब 12 गुना ज्यादा सैनिक हैं। वहीं, बात अगर थल सेना की करें, तो चीन के पास 9.65 लाख पैदल सैनिक हैं, जबकि ताइवान के पास सिर्फ 88 हजार ही पैदल सैनिक हैं। वहीं, चीन की नौसेना में 2 लाख 60 हजार एक्टिव सैनिक हैं, जबकि ताइवान की नौसेना के पास सिर्फ 40 हजार सैनिक ही हैं। वहीं, बात अगर ताइवान की वायुसेना की करें, तो ताइवान के पास 35 हजार जवान हैं, जबकि चीन की वायुसेना में 4 लाख 15 हजार सैनिक हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है, कि पूरी ताकत लगाने के बाद ताइवान सिर्फ चीन के हमले को थोड़ा धीमा कर सकता है, उसके अलावा ताइवान के पास ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं होगा।