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टाइम मैगजीन ने सऊदी जर्नलिस्‍ट जमाल खाशोगी को चुना पर्सन ऑफ द ईयर

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न्‍यूयॉर्क। अमेरिकी मैगजीन टाइम ने सऊदी जर्नलिस्‍ट जमाल खाशोगी को 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना है। टर्की के इस्‍तानबुल स्थित सऊदी कांसुलेट में खाशोगी की निर्दयता से हत्‍या कर दी गई थी। खाशोगी के साथ कुछ और पत्रकारों को इस खिताब के लिए चुना गया है। खाशोगी के अलावा फिलीपींस की जर्नलिस्‍ट मारिया रेसा, रॉयटर्स के रिपोर्टर्स वा लोन और क्‍यॉव सो ओ, जो इस समय म्‍यांमार की जेल में बंद हैं और कैपिटल गैजेट के स्‍टाफ को भी यह पुरस्‍कार दिया जाएगा। अमेरिका के मैरीलैंड के एनापोलिस स्थित कैपिटल गैजेट के ऑफिस पर इस वर्ष जून में फायरिंग हुई थी। फायरिंग के समय पत्रकार ऑफिस में ही थे। इस घटना में पांच जर्नलिस्‍ट्स मारे गए थे।

क्‍या हुआ था खाशोगी के साथ

क्‍या हुआ था खाशोगी के साथ

टाइम मैगजीन ने इस अवॉर्ड को लिए जिन जर्नलिस्‍ट्स को चुना उन्‍हें 'द गार्डियन' नाम दिया गया। यानी ऐसे जर्नलिस्‍ट जिन्‍हें उनके काम के दौरान निशाना बनाया गया। मैगजीन ने चार ब्‍लैक-एंड-व्‍हाइट कवर वाली मैगजींस को हाईलाइट किया है और इसे 'वॉर ऑन ट्रुथ' नाम दिया है। खाशोगी अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्‍ट के लिए लिखते थे। दो अक्‍टूबर को खाशोगी टर्की स्थित सऊदी अरब के कांसुलेट में दाखिल हुए थे। खाशोगी यहां पर टर्की की रहने वाली अपनी मंगेतर हैतिस चेंगिज से शादी करने के लिए जरूरी कागजात लेने पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि चेंगिज ने करीब 11 घंटे तक वहां पर खाशोगी का इंतजार किया लेकिन वह बाहर ही नहीं आए। इसके बाद उनकी मंगेतर ने अपनी ट्वीट में लिखा, 'जमाल मरे नहीं है और मैं इस बात पर विश्‍वास नहीं कर सकती कि उन्‍हें मार दिया गया है।'

क्या था प्रिंसेज डायना से रिश्‍ता

क्या था प्रिंसेज डायना से रिश्‍ता

59 वर्ष के जमाल खाशोगी एक सऊदी रिपोर्टर थे और वह अक्‍सर सऊदी की रियासत की आलोचना करते आए थे। उनका पूरा नाम जमाल अहमद खाशोगी था और उनका जन्‍म सऊदी अरब के मदीना में हुआ था। जमाल खाशोगी, डोडी फयाद के चचेरे भाई थे। फयाद, प्रिंसेज डायना के ब्‍वॉयफ्रेंड थे जिनकी मौत डायना के ही साथ पेरिस में हुए एक कार क्रैश में हो गई थी। खाशोगी अफगानिस्‍तान, अल्‍जीरिया, कुवैत, सूडान और मीडिल ईस्‍ट के कई देशों में काम कर चुके थे। कहते हैं कि खाशोगी ने सऊदी अरब और अमेरिका दोनों की इंटेलीजेंस एजेंसियों के लिए भी काम किया था। वर्तमान समय में वह सऊदी अरब के अखबार अल वतन के साथ बतौर एडीटर इन चीफ जुड़े थे।

सऊदी सरकार के सबसे बड़े आलोचक

सऊदी सरकार के सबसे बड़े आलोचक

सऊदी सरकार के आलोचक खाशोगी यमन में हुए हवाई हमलों के बाद से ही लगातार शाही सल्‍तनत की आलोचना करते आ रहे थे। इसके अलावा मई 2018 में जब महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली लाउजैन अल-हाथलोउल को गिरफ्तार किया तो खाशोगी के सुर सरकार के खिलाफ और मुखर हो गए। सिंतबर 2017 में खाशोगी सऊदी अरब छोड़कर चले गए थे और निर्वासन में जिंदगी बिता रहे थे। उन्‍होंने सऊदी सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार ने उन्‍हें ट्विटर से बैन कर दिया है। खाशोगी की आलोचना के केंद्र में हमेशा प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान ही होते थे।

लादेन से अक्‍सर मिलते थे खाशोगी

लादेन से अक्‍सर मिलते थे खाशोगी

साल 1980 और 1990 में खाशोगी को अफगानिस्‍तान में अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के साथ छोड़ा गया था। यह घटना उस समय की है जब लादेन सोवियत संघ के खिलाफ मोर्चा संभाल रहा था। खाशोगी ने कई बार लादेन का इंटरव्‍यू किया था और वह अक्‍सर लादेन से तोरा बोरा में मिलते थे। साल 1995 में लादेन से उनकी मुलाकात सूडान में भी हुई थी। इस दौरान खाशोगी सऊदी अरब की इंटेलीजेंस एजेंसी के लिए काम कर रहे थे और वह इस बात की कोशिशों में लगे थे कि लादेन अपनी दुश्‍मनी भूलकर सऊदी अरब के शाही परिवार के साथ समझौता कर ले। अल अरबिया की ओर से तो यहां तक कहा गया था कि खाशोगी ने लादेन को हिंसा तक छोड़ने के लिए राजी करने की कोशिशें भी की थीं। खाशोगी शाही परिवार से अलग अकेले ऐसे व्‍यक्ति थे जिन्‍हें इस बात की जानकारी थी कि अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमलों में अल कायदा का हाथ है। इन हमलों के बाद खाशोगी ने खुद को लादेन से दूर कर लिया।

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English summary
Saudi Journalist Jamal Khashoggi named Times Person of the year along with other journalists.
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