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अमेरिका में भारत की आक्रामक विदेश नीति, जानिए जयशंकर ने कितने मुद्दों पर बाइडेन प्रशासन को धोया

एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ द्विपक्षीय संबंध,तेल के बढ़ती कीमत और पाकिस्तान का मुद्दा समेत महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत की

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न्यूयॉर्क, 28 सितंबर: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भाग लेने के दौरान कई महत्वपूर्ण मु्द्दों पर चर्चा की। भारतीय विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष एंटनी ब्लिकंन के साथ वार्ता में भारत,अमेरिका द्विपक्षीय संबंध, तेल की बढ़ती कीमतों, रूस को तेल बाजार से बाहर करने की हो रही कोशिशों पर अमेरिका का ध्यानाकर्षण कराया। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ एफ-16 लड़ाकू विमानों पर अमेरिका के फैसले को लेकर सवाल खड़े किए। विदेश मंत्री ब्लिंकन के साथ बैठक में जयशंकर ने भारत से वीजा आवेदनों के बैकलॉग का मुद्दा भी उठाया। आइए जानते हैं कि, न्यूयॉर्क दौरे के क्रम में भारतीय विदेश मंत्री ने अमेरिका और दुनिया के समक्ष किन-किन मुद्दों को रखा।

वीजा आवेदनों के बैकलॉग का मुद्दा

वीजा आवेदनों के बैकलॉग का मुद्दा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ अपनी बैठक में भारत से वीजा आवेदनों के बैकलॉग का मुद्दा उठाया, जिस पर शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि वह इस मामले के प्रति संवेदनशील हैं और इसे संबोधित करने की योजना है। जयशंकर ने एक घंटे से अधिक की बैठक के बाद यहां विदेश विभाग के फोगी बॉटम मुख्यालय में ब्लिंकन के साथ एक संयुक्त मीडिया सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा, "प्रतिभा के विकास और गतिशीलता को सुगम बनाना हमारे पारस्परिक हित में भी है। इन बाधाओं को संबोधित किया जाना चाहिए। अमेरिका द्वारा मार्च 2020 में महामारी के कारण दुनिया भर में लगभग सभी वीजा प्रसंस्करण को रोकने के बाद अमेरिकी वीजा सेवाएं बैकलॉग को ठीक करने की कोशिश कर रही हैं।

जल्द ही समस्या का निपटारा होगा

जल्द ही समस्या का निपटारा होगा

अमेरिकी वीजा नियुक्तियों में 800 दिनों की देरी के मुद्दे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए ब्लिंकन ने कहा, अमेरिका का पूरा ध्यान इस विषय पर है और जल्द ही इन समस्याओं का निपटारा कर लिया जाएगा। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री ने संयुक्त प्रेस के दौरान एच-1बी वीजा मुद्दे का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया। जयशंकर ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गहरी दिलचस्पी है और हम यह पता लगाएंगे कि यह हमारी साझेदारी का विस्तार करने के लिए सबसे अच्छा कैसे काम कर सकता है।

H-1B के बारे में जानें

H-1B के बारे में जानें

बता दें कि,अमेरिका द्वारा तकनीकी उद्योग में कई कुशल विदेशी कामगारों को दिए जाने वाले एच-1बी और अन्य कार्य वीजा प्राप्त करने वालों में भारतीयों की एक बड़ी हिस्सेदारी है। H-1B वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है जिनके लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

रूस से तेल आयात और बढ़ती कीमतों पर बोले जयशंकर

रूस से तेल आयात और बढ़ती कीमतों पर बोले जयशंकर

विदेश मंत्री ने न्यूयॉर्क में बैठक के दौरान तेल की कीमतों का मुद्दा उठाया। इस दौरान उनसे भारत का रूस से तेल आयात को लेकर सवाल पूछे गए। जयशंकर ने कहा, तेल की कीमत हमारी कमर तोड़ रही है। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत जिसकी per capita economy 2 हजार डॉलर है, रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण तेल की बढ़ती कीमतों से चिंतित है। एंटनी ब्लिंकन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि विकासशील देशों में इस बात को लेकर बहुत गहरी चिंता है कि उनकी ऊर्जा जरूरतों को कैसे पूरा किया जाए। हम जानते हैं कि, रूस-यूक्रेन संघर्ष किसी के हित में नहीं है। भारत चाहता है कि युद्ध में आगे बढ़ने से अच्छा बातचीत और कूटनीतिक तरीकों से समस्याओं का हल निकाला जाए।

जयशंकर ने कहा...

जयशंकर ने कहा...

जयशंकर ने साझा पत्रकार सम्मेलन में रूसी तेल की सीमा पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, देखिए, हमें तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता है लेकिन भारत में प्रति व्यक्ति 2 हजार डॉलर की इकॉनोमी ( per capita economy) है। तेल हमारी कमर तोड़ रही है और भारत के लिए चिंता विषय है। भारत की सबसे बड़ी चिंता यह है कि, वर्तमान में ऊर्जा बाजार तनाव की स्थिति में। हमें इस तनाव को कैसे कम करना चाहिए इस पर मंथन करने की जरूरत है।

रूस पर पश्चिम प्रतिबंधों का असर नहीं

रूस पर पश्चिम प्रतिबंधों का असर नहीं

बता दें कि, ऊर्जा संकट के बीच रूस से भारत के कच्चे तेल का आयात अप्रैल के बाद से 50 गुना से अधिक बढ़ गया है और अब यह विदेशों से खरीदे गए सभी कच्चे तेल का 10 प्रतिशत है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से 0.2 फीसदी तेल का आयात करता था। वहीं, यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देश रूस से अपनी ऊर्जा खरीद में धीरे-धीरे कमी ला रहे हैं। वहीं, पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का रूस पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा है। इसको देखते हुए जी -7 देशों और यूरोपीय संघ ने क्रेमलिन के राजस्व को सीमित करने के लिए रूसी कच्चे और परिष्कृत उत्पादों पर तेल की कीमत की सीमा तय कर दी है।

भारत के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि

भारत के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि

भारत द्वारा रूस से सैन्य उपकरण खरीदने के बारे में एक अन्य सवाल पर, जयशंकर ने दो टूक में जवाब देते हुए कहा, 'हमें अपने सैन्य उपकरण और प्लेटफॉर्म कहां से मिलते हैं यह कोई मुद्दा नहीं है। 'हम दुनिया भर में संभावना देखते हैं। हम प्रौद्योगिकी की गुणवत्ता, क्षमताओं की गुणवत्ता और विशेष उपकरण की पेशकश की शर्तों को देखते हैं। हम एक विकल्प का प्रयोग करते हैं जिसे हम अपने राष्ट्रीय हित में मानते हैं।' जयशंकर ने आगे कहा, ईमानदारी से कहूं तो वर्तमान में जो मुद्दा है विशेष रूप से भू राजनीतिक तनाव के कारण बदल गया है।

संयुक्त राष्ट्र में सुधार एक विशेष रूप से सामयिक विषय है

संयुक्त राष्ट्र में सुधार एक विशेष रूप से सामयिक विषय है

जयशंकर ने UN में सुधार के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार एक विशेष रूप से सामयिक विषय है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को और अधिक समावेशी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। ब्लिंकन ने कहा, "हम मानते हैं कि जिन चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं, उनका सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को न केवल चार्टर का पालन करना चाहिए, बल्कि सुरक्षा परिषद को और अधिक समावेशी बनाने सहित संस्थान का आधुनिकीकरण भी करना चाहिए। उन्होंने कहा, महासभा को अपने संबोधन में, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सुरक्षा परिषद के स्थायी और गैर-स्थायी दोनों प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, जो भारत का एक दीर्घकालिक लक्ष्य है।

जयशंकर ने बड़ी बेबाकी से सवालों के दिए जवाब

जयशंकर ने बड़ी बेबाकी से सवालों के दिए जवाब

जयशंकर ने कहा कि 'संयुक्त राष्ट्र में सुधार एक विशेष रूप से सामयिक विषय है। कई अन्य प्रारूपों में भी, हमारे दोनों देश दुनिया को सुरक्षित और अधिक सुरक्षित रखने के लिए सहयोग करते हैं।'हम इस मुद्दे पर अमेरिका के सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हैं जो स्वयं राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा व्यक्त की गई स्थिति में परिलक्षित होता है। हम इसे और आगे ले जाने के लिए अमेरिका के साथ काम करने को लेकर आशान्वित हैं। मैंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के सवाल पर अमेरिका से मिले मजबूत सहयोग की भी सराहना की। विशेष रूप से, मैं संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी प्रक्रिया द्वारा जाने-माने और वांछित आतंकवादियों की सूची का उल्लेख करता हूं। '

किसी को मूर्ख मत समझिए', पाकिस्तान को F-16 पैकेज पर जयशंकर ने अमेरिका से कहा...

किसी को मूर्ख मत समझिए', पाकिस्तान को F-16 पैकेज पर जयशंकर ने अमेरिका से कहा...

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों मजबूती पर गंभीर सवाल उठाए हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि, इस्लामाबाद के साथ वाशिंगटन के संबंध अमेरिकी हितों की पूर्ति नहीं करता है। एस जयशंकर ने भारतीय अमेरिकी समुदाय की ओर से वाशिंगटन में आयोजित एक कार्यक्रम में अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पाकिस्तान के साथ एफ-16 लड़ाकू विमानों पर अमेरिका के फैसले को लेकर सवाल किया। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के इस तर्क का जिक्र करते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि एफ-16 का कहां और किसके खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, 'आप इस प्रकार की बातें कहकर किसी को मूर्ख नहीं बना सकते।'

अमेरिका ने सफाई दी

अमेरिका ने सफाई दी

इस पर जयशंकर के समक्ष अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने F-16 सौदे का बचाव करते हुए कहा कि पाकिस्तान को स्पष्ट आतंकी खतरों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन उन्होंने दो बार यह भी स्पष्ट किया कि एफ-16 पैकेज एक सतत कार्यक्रम था, अतिरिक्त नहीं, और अमेरिकी दायित्वों का हिस्सा था। उन्होंने आगे और सफाई देते हुए कहा, अमेरिकी मदद ने आतंकी खतरों से निपटने के लिए पाकिस्तान की क्षमता को बढ़ाया है, उन खतरों को बने रहना किसी के भी हित में नहीं है इसलिए यह क्षमता जो पाकिस्तान के पास है वह आतंकवाद से निपटने में हम सभी को लाभान्वित कर सकती है।'

(Photo Credit : Twitter)

ये भी पढ़ें : तानाशाहों के तीन देश में औरतें मांग रही हैं आजादी, भारत के नारीवादियों ने क्यों साध रखी है चुप्पी?

Comments
English summary
S Jaishankar held talks with US Secretary of State Antony Blinken on important topics including bilateral relations, rising oil prices and Pakistan issue. Two days after external affairs minister S Jaishankar said that counter-terror as an explanation to provide a F-16 package to Pakistan did not fool anyone, United States (US) Secretary of State Antony Blinken said Pakistan faced real terror threats and that the package would add to Pakistani capabilities.
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