बेकाबू हुआ 20 टन वजनी रूसी सैन्य सैटेलाइट, धरती पर कहीं भी गिरने की आशंका, क्या मचेगी तबाही?
रूस का 20 टन वजनी मिलिट्री सैटेलाइट अंतरिक्ष में बेकाबू हो गया है और वो अगले कुछ दिनों में धरती पर गिर सकता है।
मॉस्को, दिसंबर 31: रूस का एक मिलिट्री सैटेलाइट, जिसके बारे में रूस की तरफ से दावा किया गया था कि, वो कामयाबी के साथ लॉंच किया जा चुका है, वो खराब होकर बेकाबू हो चुका है और अब कभी भी पृथ्वी पर गिर सकता है। 20 टन वजनी रूसी सैटेलाइट के खराब होने के बाद पूरी दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिक सकते में हैं और रूस पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि, पिछले साल एक चीनी सैटेलाइट भी बेकाबू हुआ था और अब रूसी सैटेलाइट अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ है, लिहाजा इन देशों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, क्योंकि, इससे इंसानों की जिंदगी पर काफी खतरा आ जाता है।
अंतरिक्ष में बेकाबू रूसी सैटेलाइट
रिपोर्ट के मुताबिक, 20 टन का रूसी सैन्य जासूसी सैटेलाइट, जिसे अंगारा ए-5 रॉकेट से लॉंच किया गया था, वो अंतरिक्ष में खराब होने के बाद बेकाबू हो चुका है। इस सैटेलाइट को एक हैवी कैरियर प्लेसेट्स्क स्पेसपोर्ट से सोमवार को रूस ने लॉंच किया था और रूस ने सैटेलाइट की सफलतापूर्वक लॉंचिंग का दावा किया था, लेकिन अब स्वतंत्र विशेषज्ञों ने दावा किया है कि, रूस का ये जासूसी सैटेलाइट और बूस्टर रॉकेट की लॉंचिंग इसके इंजन में आई खराबी की वजह से फेल हो गई है और ये सैटेलाइट अब धरती पर वापस गिर जाएगा।
बेहद महत्वपूर्ण मिशन पर भेजा गया था सैटेलाइट
रूस का आधुनिक अंगारा ए-5 रॉकेट आने वाले सालों में उन्नत जासूसी और हथियार नेविगेशन सैटेलाइट को कक्षा में भेजने के साथ-साथ आने वाले सालों में रूस के महत्वपूर्ण चंद्रमा मिशनों में काफी महत्वपूर्ण योगदान देने वाला था। अंगारा और पर्सी बूस्टर ने अपने मिशन को टेस्ट करने के लिए एक 20 टन वजनी भारी नकली भारी सैटेलाइट ले गया था, लेकिन इंजन में गड़बड़ी आने की वजह से रूस का ये मिशन अब फेल हो चुका है और अंतरिक्ष में 20 टन का ये सैटेलाइट अब बेकाबू हो चुका है।
मिशन फेल होने पर रूस की चुप्पी
इस जासूसी सैन्य सैटेलाइट को रूस की मिलिट्री हाइकमांड के आदेश के बाद लॉंच किया गया था और अब जब ये मिशन फेल हो चुका है, तो रूसी मिलिट्री हाइकमांड की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।कोस्मोलेंटा ऑनलाइन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्सी को परीक्षण मिशन में पांच इंजन को स्टार्ट करना था, लेकिन दूसरा इंजन ही खराब हो गया। जिसके बाद 'मॉडल उपग्रह लोअर ऑर्बिट में ही बेकाबू हो गया और फिलहाल अभी वहीं पर मौजूद है। वहीं, वैज्ञानिकों ने कहा है कि, आने वाले कुछ दिनों में इस बेकाबू सैटेलाइट का धरती पर गिरना तय है।
रूस ने मिशन को कहा था कामयाब
स्वतंत्र अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा कि, इस सैटेलाइट को समुद्र तल से 22 हजार 236 मील की ऊंचाई पर मौजूद इसे अपनी कक्षा में पहुंचाना था, लेकिन ये मिलिट्री सैटेलाइट वहां तक पहुंचा ही नहीं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, ये मिशन पूरी तरह से फेल हो चुका है और पिछले तीन सालों में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस की पहली पूर्ण लॉंच हादसा है।
क्या क्या हैं संभावनाएं?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि, अगर रॉकेट में सैटेलाइट पेलोड की जगह असली सैटेलाइट होता, तो इस हादसे के बाद वो अंतरिक्ष में कहीं खो सकता था। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि, रूसी सैटेलाइट की ये नाकामयाबी हमें याद दिलाती है कि, रूस अब तक पिछले कई वर्षों से जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता आ रहा था, वो ज्यादा विश्वसनीय है, जबकि रूस की नई टेक्नोलॉजी अभी विश्वसनीय नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, 'जब आप नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं, जो दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है'। अब तक रूस अपनी पुरानी विश्वसनीय टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता आ रहा था, जो पूरी तरह से सटीक और विश्वसनीय था और अब रूस ने अपनी टेक्नोलॉजी का आधुनिक किया है।
क्या पहले रूस ने झूठ बोला था?
साइंस मैग्जीन एन+1 ने कहा है कि उसे रूसी रक्षा मंत्रालय से इस बाबत अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी सहयोगी और अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने पहले अंगारा के 'सफल प्रक्षेपण' पर ट्वीट करते हुए मिशन को कामयाब बताया था और उन्होंने बधाई संदेश ट्वीट किया था। लेकिन उन्होंने कहा कि एनर्जिया रॉकेट एंड स्पेस कॉरपोरेशन द्वारा विकसित और अंगारा कैरियर रॉकेट द्वारा पहली बार लॉन्च किए गए पर्सी बूस्टर के प्रदर्शन की प्रतीक्षा करना आवश्यक है।
20 टन वजनी सैटेलाइट गिरेगा
वहीं, समाचार एजेंसी मोस्कोवस्की कोम्सोमोलेट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अंतरिक्ष ट्रैकिंग नोराड ने बताया है कि, अंतरिक्ष में एक अज्ञात 'वस्तु' बेकाबू होकर इधर-उधर घूम रहा है, जिसकी संख्या 50505 है। वहीं, तमाम संकेतों के आधार पर पता चला कि, यह अज्ञात वस्तु पेलोड मॉडल सैटेलाइट है और लोअर ऑर्बिट में फंसा हुआ है। एजेंसी ने कहा कि, अगर ये बेकाबू हो चुका है, तो फिर इसका मतलब ये हुआ कि, हमारे सिर के ऊपर 20 टन का बेकाबू सैटेलाइट उड़ रहा है, जो अगले कुछ दिनों में धरती पर गिर सकता है।
कहां है गिरने की आशंका?
वैज्ञानिक एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि, अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ ये रूसी सैटेलाइट वैसे तो धरती पर कहीं भी गिर सकता है, लेकिन ज्यादा संभावना इसके प्रशांत महासागर में गिरने की है। वैज्ञानिकों ने कहा कि, अगर ये प्रशांत महासागर में गिरता है, जो ज्यादा अच्छी बात होगी। हालांकि, वैज्ञानिकों ने ये भी कहा है कि, पृथ्वी की जलवायु में आने के बाद इस सैटेलाइट के ज्यादातर हिस्सों के जलने की संभावना है, लेकिन सवाल ये है कि, बचा हुआ मलबा कहां गिरेगा?
तबाही मचने की आशंका?
समाचार एजेंसी मोस्कोवस्की कोम्सोमोलेट्स ने बताया है कि, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने लॉन्च के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है।वहीं, एक प्रवक्ता ने कहा, "प्रक्षेपण का आदेश सेना ने दिया था... इसलिए राज्य निगम इस पर कोई टिप्पणी नहीं करता है।" लेकिन, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि, जानकारी छिपाना सैकड़ों इंसानों की जिंदगी के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि अगर सही जानकारी दी जाए, तो पता चल सकता है कि, इस सैटेलाइट के गिरने का सटीक ठिकाना क्या हो सकता है और इससे बचाव के तरीकों पर अमल शुरू हो जाएगा। अन्यथा, अगर ये बेकाबू पेलोड सैटेलाइट किसी शहर पर गिरता है, तो तबाही मच सकती है। इसी साल चीन का भी एक सैटेलाइट बेकाबू हुआ था और उसके भी किसी शहर पर गिरने की आशंका थी, हालांकि, बाद में 21 टन का चीनी सैटेलाइट मालदीव के पास हिंद महासागर में एक जहाज के बगल में गिरा था।
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